डोभा घोटाला मामला: झारखंड हाईकोर्ट ने डोभा निर्माण के लिए खर्च हुए 336 करोड़ रुपए का मांगा ब्यौरा
Dobha Scam Case Hearing झारखंड हाईकोर्ट में आज डोभा घोटाला मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूरे झारखंड में डोभा निर्माण के लिए 336 करोड़ रुपए खर्च का ब्यौरा मांगा है। अदालत ने इसकी सही एवं सटीक जानकारी मांगी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Dobha Scam Case Hearing झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन रजिस्ट्रेशन प्रसाद की अदालत में डोभा घोटाला मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने पूरे झारखंड में डोभा निर्माण के लिए 336 करोड़ रुपए खर्च का ब्यौरा मांगा है। इस दौरान एसीबी के डीजी कोर्ट में उपस्थित हुए थे। उनकी ओर से कहा गया कि इस मामले में एसीबी कोई जांच नहीं कर रही है। इस पर अदालत ने विभागीय सचिव से शपथ पत्र मांगा है। पूछा है कि 336 करोड़ की राशि से पैसे कितने खर्च हुए हैं और कितने डोभा का जीर्णोद्धार किया गया है। अदालत ने इसकी सही एवं सटीक जानकारी मांगी है। अदालत ने कहा है कि यदि कोर्ट में दाखिल किया गया शपथपत्र गलत पाया गया तो कोर्ट इस मामले में सख्त आदेश पारित करेगी।
जांच पूरी नहीं की गई, इस बात को लेकर अदालत ने जताई नाराजगी
अदालत ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि जब वर्ष 2016 में डोभा घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई तो 4 साल में जांच क्यों नहीं पूरी की गई। जबकि सरकार के अधिवक्ता जल्द जांच पूरा होने के आधार पर समय की मांग कर रहे हैं।
इस दौरान अदालत ने कहा कि झारखंड में सब कुछ ठीक नहीं है। कोर्ट ने पहले ही चेताया था कि राज्य में पानी का लेवल नीचे जा रहा है और आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी। इसीलिए अदालत ने पूर्व में 1950 के सेटेलाइट मैप मांगा था। ताकि रांची के आसपास स्थित जल स्रोतों के बारे में पता चल सके कि उनका कितना अतिक्रमण किया गया है।
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इतने छोटे मामले में 4 साल तक जांच पूरी नहीं हो पाई है, तो क्या पुलिस का काम सिर्फ वीआईपी के पीछे दौड़ना है क्या इसे ही पुलिसिंग करते हैं।