झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए आई बुरी खबर! ऐसे सभी टीचर्स की चली जाएगी नौकरी; विभाग ने दिया एक्शन का आदेश

झारखंड के पारा शिक्षकों (Jharkhand Para Teachers) के लिए बुरी खबर है। शिक्षा विभाग ऐसे सभी पारा शिक्षकों को सेवामुक्त करने जा रहा है जिन्होंने गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री हासिल की है। शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करके नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को जारी किया है।

By Neeraj Ambastha Edited By: Mohit Tripathi Publish:Fri, 28 Jun 2024 12:33 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 12:33 PM (IST)
झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए आई बुरी खबर! ऐसे सभी टीचर्स की चली जाएगी नौकरी; विभाग ने दिया एक्शन का आदेश
हटाए जाएंगे गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री लेनेवाले पारा शिक्षक। (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  • हिंदी साहित्य सम्मेलन तथा हिंदी विद्यापीठ के प्रमाणपत्रों को लेकर दिशा-निर्देश जारी
  • पाकुड़ के जिला शिक्षा अधीक्षक ने मांगा था मार्गदर्शन, अन्य जिलों को भी कार्रवाई के निर्देश

राज्य ब्यूरो, रांची। गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री हासिल कर बहाल हुए पारा शिक्षक सेवामुक्त किए जाएंगे। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन ने इसे लेकर सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग तथा हिंदी विद्यापीठ, देवघर की उपाधियों की मान्यता को लेकर पूर्व में जारी आदेशों का हवाला देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

पाकुड़ के जिला शिक्षा अधीक्षक ने मांगा था मार्गदर्शन

दरअसल, इन दोनों संस्थानों के प्रमाणपत्रों की मान्यता को लेकर पाकु़ड़ के जिला शिक्षा अधीक्षक ने उनसे आवश्यक दिशा-निर्देश मांगा था।

इसपर राज्य परियोजना निदेशक ने उन्हें पत्र भेजकर कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने एक एलपीए में 30 अगस्त 2023 को पारित आदेश में हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के मध्यमा प्रमाणपत्र को इंटरमीडिएट के समतुल्य नहीं मानते हुए वादियों के दावे को खारिज कर दिया है।

हिंदी विद्यापीठ के प्रमाणपत्रों को लेकर निर्देश

साथ ही वर्ष 2004 में राज्य सरकर के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा जानकारी मांगे जाने पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ ने कहा कि इस संस्थान द्वारा प्रदत्त उपाधि शिक्षक विशारद एवं शिक्षा अलंकार को प्राथमिक शिक्षक हेतु अर्हता बीटीसी के समतुल्य नहीं माना है।

निदेशक ने हिंदी विद्यापीठ, देवघर के प्रमाणपत्रों के संबंध में जानकारी दी कि झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने 15 जून 2023 को आदेश जारी कर कहा है कि 26 फरवरी 2015 के पूर्व इस संस्थान द्वारा निर्गत उपाधि मान्य नहीं होगा।

पदाधिकारियों को मिला एक्शन लेने का निर्देश 

उन्होंने पाकुड़ के जिला शिक्षा अधीक्षक को इन आदेशों के आलोक में पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करने तथा आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने इसकी प्रति अन्य जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों काे भी भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है।

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