Jharkhand Weather Today: झारखंड में मानसून कब आएगा? आ गया मौसम विभाग का नया अपडेट; किसानों के लिए बुरी खबर

Jharkhand Weather झारखंड में मानसून को लेकर मौसम विभाग ने नया अपडेट दिया है जो कि थोड़ा निराश करने वाला है। किसानों के लिए भी थोड़ी बुरी खबर है। दरअसल इस बार झारखंड में मानसून देरी से प्रवेश करने वाला है। दरअसल आमतौर पर एक जून तक मानसून केरल पहुंच जाता है लेकिन इस बार छह जून तक पहुंचा है। इसका असर झारखंड में भी होगा।

By kumar Gaurav Edited By: Sanjeev Kumar Publish:Fri, 07 Jun 2024 07:50 AM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2024 07:50 AM (IST)
Jharkhand Weather Today: झारखंड में मानसून कब आएगा? आ गया मौसम विभाग का नया अपडेट; किसानों के लिए बुरी खबर
झारखंड में मानसून के आने में देरी (जागरण)

HighLights

  • झारखंड में इस बार मानसून देरी से दस्तक देगा
  • केरल में मानसून की देरी का असर झारखंड पर भी दिखेगा

जागरण संवाददाता, रांची। Monsoon in Jharkhand 2024: झारखंड में मौसम ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया है। कभी तल्ख तो कभी आसमान में बादल छाने लगे हैं। इससे मानसून की आहट लगने लगी है। लेकिन मानसून इस बार झारखंड में देरी से दस्तक देने वाला है, क्योंकि केरल में ही मानसून 6 जून को प्रवेश किया है। केरल के मानसून का असर झारखंड पर भी दिखेगा और यहां भी देरी से मानसून प्रवेश करेगा।

झारखंड में 15 जून तक मानसून करेगा प्रवेश (Monsoon in Jharkhand)

इस बार संथाल के रास्ते झारखंड में मानसून पहुंचने वाला है।  झारखंड में भी पांच दिनों की देरी से मानसून 15 जून तक प्रवेश करेगा। इसका असर किसानी पर भी पड़ेगा। देरी से मानसून आने के चलते वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना होती है।

2023 में भी 18-20 जून को मानसून ने दी थी दस्तक

पिछले वर्ष भी मानसून पांच दिनों की देरी से 18 से 20 जून तक झारखंड में प्रवेश किया था जबकि वर्ष 2022 को छह दिनों की देरी से मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था जबकि झारखंड में 12 जून को मानसून प्रवेश की बात कही जा रही थी। मौसम विज्ञानी इस लेटलतीफी का बड़ा कारण मौसम परिवर्तन को बता रहे हैं। वहीं सात जून को राज्य के उत्तर पूर्वी, दक्षिणी हिस्से यानी पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावे निकटवर्ती मध्य भाग में कहीं कहीं हीटवेव का असर देखने को मिलेगा।

मध्य व उत्तर पश्चिमी हिस्सों में देश के पश्चिमी हिस्से से आ रही गर्म हवाओं ने क्लाउड बैंड के असर को कम कर दिया है। इन हिस्सों में लगातार सिमट रही हरियाली के कारण जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से जूझना पड़ रहा है।

लगातार कम हरियाली के कारण बारिश नहीं हो पा रही

वहीं क्लाउड बैंड बनने के बाद भी इन क्षेत्रों में लगातार कम हो रही हरियाली के कारण वर्षा नहीं हो पा रही है। पिछले दस दिनों से राजधानी समेत पूरे राज्य के तापमान में दो-तीन डिग्री का उतार चढ़ाव का दौर लगातार बना हुआ है। देरी हुई तो किसानी होगी प्रभावित : राज्य में जब भी मानसून देरी से आया है, यहां सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसका सीधा असर किसानी पर पड़ा है। दरअसल राज्य में मानसून में 1022.9 मिमी वर्षा को सामान्य माना जाता है।

झारखंड में 7 साल से देरी से पहुंच रहा मानसून

मौसम विज्ञान केंद्र के पिछले नौ साल के आंकड़ों को देखें तो सात वर्ष यहां मानसून देरी से पहुंचा है जबकि 2016 व 2021 को छोड़ दें तो हरेक बार सामान्य से कम वर्षा हुई है। 2018 में मानसून सबसे ज्यादा देरी से 25 जून को झारखंड में पहुंचा था और उस बार सबसे कम 784.4 मिमी वर्षा हुई थी। इस बार भी मानसून के तीन दिनों की देरी से आने की संभावना है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। वर्ष 2022 और 2023 में 18 से 20 जून तक मानसून ने झारखंड में प्रवेश किया था।

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