पांच पुलिसकर्मियों की हत्या करने के मामले में एनआइए ने सात ठिकानों पर की छापेमारी, नक्सलियों से जुड़े हैं तार
सरायकेला-खरसांवा कुकड़ूहाट बाजार में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार व कारतूस लूटने के मामले की जांच कर रही एनआईए ने बुधवार को तीन राज्यों के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। एनआईए छापेमारी में मिले डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेजों की जांच कर रही हैं।
![पांच पुलिसकर्मियों की हत्या करने के मामले में एनआइए ने सात ठिकानों पर की छापेमारी, नक्सलियों से जुड़े हैं तार](https://www.jagranimages.com/images/newimg/11012023/11_01_2023-nia_23292331_m.webp)
रांची, राज्य ब्यूरो: सरायकेला-खरसांवा कुकड़ूहाट बाजार में पांच पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार व कारतूस लूटने के मामले की जांच कर रही एनआईए ने बुधवार को तीन राज्यों के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
दस्तावेजों की जांच कर रही एनआईए
यह छापेमारी घटना को अंजाम देने वाले माओवादियों, उनके सहयोगियों और संदिग्धों से संबंधित सरायकेला-खरसांवा जिले में चार ठिकानों के अलावा रांची जिले, बिहार के मुंगेर जिले में और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के एक ठिकाने पर हुई है। छापेमारी में एनआइए को घटना से संबंधित डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। एनआइए इन दस्तावेजों की जांच कर रही है।
पांच पुलिस कर्मियों की कर दी गई थी हत्या
बता दें कि 14 जून 2019 की शाम करीब पौने पांच बजे 15-17 माओवादियों ने सरायकेला-खरसांवा जिले के कुकड़ूहाट बाजार में पुलिस पार्टी पर हमला किया था। नक्सलियों ने न सिर्फ पांच पुलिस पदाधिकारियों-कर्मियों की हत्या की थी, बल्कि दो पिस्टल, 70 कारतूस, तीन इंसास, दस मैगजीन व 550 कारतूस भी लूट लिए थे। इस मामले में झारखंड पुलिस ने तिरुलडीह थाने में 15 जून 2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी।
भाकपा माओवादी के सदस्य हैं आरोपी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस की जांच को एनआईए को सौंप दिया। गृह मंत्रालय के निर्देश पर एनआइए ने केस को टेकओवर करते हुए नौ दिसंबर 2020 को प्राथमिकी दर्ज की थी और 14 नक्सलियों को इसमें आरोपी बनाया था। एनआइए की जांच में यह बात सामने आ चुकी है कि घटना को अंजाम देने वाले सभी आरोपी सदस्य भाकपा माओवादियों के संगठन के थे। माओवादियों के सहयोगियों ने उनके सशस्त्र दस्ते को इस कार्य के लिए हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री और अन्य राशन आदि की सहायता दी थी।
हमले से एक महीने पहले बनाई गई थी योजना
एनआइए की जांच में यह तथ्य सामने आ चुका है कि कुकड़ूहाट में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना सेंट्रल कमेटी सदस्य अनल दा के नेतृत्व में हमले के एक माह पहले बनाई गई थी। इसे घटना के एक दिन पहले अरहंजा जंगल में अंतिम रूप दिया गया था, जहां नक्सलियों ने हमले का पूर्वाभ्यास किया था।
साथी की हत्या का बदला लेने के लिए घटना को दिया था अंजाम
हमले के पीछे मूल उद्देश्य था हथियार लूटना और साथी नक्सली प्रदीप स्वांसी की हत्या का बदला लेना था। प्रदीप स्वांसी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जिसका बदला नक्सलियों ने पांच पुलिसकर्मियों की हत्या से लिया था। पुलिसकर्मियों पर हमले की योजना को बुंडू-चांडिल सब जोन के जोनल कमांडर दस लाख के इनामी कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक के नेतृत्व में अंजाम दिया गया था। महाराज प्रमाणिक ने पिछले साल 21 जनवरी 2022 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।