PM Matsya Sampada Yojana: कम पूंजी में करें मछली पालन, मोदी सरकार दे रही बंपर अनुदान

PM Matsya Sampada Yojana अगर आप बेरोजगार हैं। आपके पास थोड़ी बहुत जमीन है तो आप मच्छली पालन शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने योजना शुरू की है। जिला मत्स्य पालन विभाग में इसके लिए आवेदन जमा होता है। यह एक शानदार योजना है।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Sun, 28 Aug 2022 02:33 PM (IST) Updated:Sun, 28 Aug 2022 02:34 PM (IST)
PM Matsya Sampada Yojana: कम पूंजी में करें मछली पालन, मोदी सरकार दे रही बंपर अनुदान
PMMSY: कम जमीन में मछली पालन के लिए मोदी सरकार दे रही अनुदान।

गुमला, जागरण संवाददाता। PM Matsya Sampada Yojana झारखंड ही नहीं देश के कई राज्यों में मछली की आपूर्ति मांग के अनुरूप कम है। आंध्र प्रदेश और दूसरे राज्यों से मछली मंगाई जाती है। इसलिए लोगों फ्रेश मछली खाने के लिए कम मिलती है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने मछली पालन के लिए एक योजना शुरू की है। अगर आप मछली पालन कर बेहतर आमदनी करना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए काफी फायदेमंद है। इस योजना का नाम है- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना {PM Matsya Sampada Yojana}। बेहद कम पूंजी और कम संसाधन में आप इस काम को कर सकते हैं। इस योजना के लिए नरेंद्र मोदी सरकार बंपर अनुदान भी दे रही है। सरकार ने यह योजना उनके लिए भी शुरू की है जिनके पास कम भूमि है।

महज 15-20 डिसमिल जमीन होना चाहिए

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना हर वर्ग के मत्स्य पालकों के लिए है। ऐसे किसान जिनके पास कम भूमि है। आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मत्स्य पालन के क्षेत्र में बेहतर करियर बना सकते हैं।7.50 लाख की लागत से इसे शुरू किया जा सकता है। इसके लिए महज 15-20 डिसमिल जमीन होना चाहिए। सरकार ने जो तकनीक विकसित की है, उसमें कम पानी का उपयोग होता है। यानी आपके पास तालाब का होना जरूरी नहीं है। इस तकनीक में मछलियों के चारा की भी बचत है। मछलियों के कचरे को शुद्ध करने के लिए बायो फ्लाक का इस्तेमाल किया जाता है।

24 घंटे बिजली की सुविधा होनी चाहिए

लेकिन इस नई तकनीक में 24 घंटे बिजली की जरूरत होती है। प्रतिदिन 100-200 लीटर पानी की जरूरत होती है। न्यूनतम पांच क्विंटल तक मछली का उत्पादन संभव है। इस योजना में लाभुक के लिए अनुदान का प्रविधान है। एसटी, एससी या किसी भी वर्ग की महिला को 60 फीसद अनुदान का लाभ मोदी सरकार दे रही है। अन्य वर्ग के लोग 40 फीसद अनुदान का लाभ ले सकते हैं।

बायो फ्लाक में ऐसे होता है मत्स्य पालन

इस सिस्टम में चार मीटर व्यास, डेढ़ मीटर उंचाई के कुल सात टैंक बनाए जाते हैं। टैंक में ही मत्स्य पालन किया जाता है। इसमें तालाब की अपेक्षा मछलियों के चारा की कम खपत होती है। चारा बर्बाद होने की गुंजाइश नहीं होती है। झारखंड के गुमला जिले में अब तक 10 लोग बायो फ्लाक पद्धति से मछली पालन कर रहे हैं।

जानें क्या है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना

इस योजना के लिए किसान क्रेडिट कार्ड और नाबार्ड की मदद से किसान सरकारी बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की ओर से मछली पालन का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड जिनके पास है उन्हें दो लाख रुपये बिना गारंटी के कर्ज मिल सकता है। इस कर्ज पर 7 फीसद ब्याज दर है। समय से पहले कर्ज चुकता करने पर तीन प्रतिशत ब्याज पर छूट का भी प्रविधान है। मोदी सरकार ने इस योजना के लिए 20,050 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।

योजना के लिए ऐसे करें आवेदन

सबसे पहले गूगल में https://pmmsy.dof.gov.in/ टाइप करें। इसके बाद आवेदन करना है। लोन चाहिए तो सरकारी बैंक में या कोआपरेटिव बैंक में संपर्क कर सकते हैं। नाबार्ड सब्सिडी योजना के तहत लोन मंजूर किया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए आप अपने जिले के मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। जिला मत्स्य कार्यालय में भी आवेदन जमा होता है। आवेदन को जिला स्तरीय बैठक में मंजूरी दी जाती है। आवेदन मंजूर होने के बाद अधिकारी कार्य स्थल का भौतिक सत्यापन करते हैं। कुल योजना का अनुदान राशि लाभुक के खाते में भेजा जाता है। इसके लिए बैंक खाता होना जरूरी है।

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