Hul Diwas 2024: 'तीर की नोक पर अंग्रेजों से...', CM चंपई सोरेन ने हूल दिवस पर सुनाया सिदो कान्हू की जाबांजी का किस्सा

हूल दिवस (Hul Diwas 2024 को लेकर राजनगर के कुमडीह में मेला लगाया गया और इस मेले में रविवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शिकरत की। सीएम सोरेन ने सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को नमन किया और जनता को संबोधित करते हुए वीर सिदो कान्हू (Sido Kanhu) का जांबाज किस्सा सुनाया। करीब आधे घंटे के मुख्यमंत्री ने संताली और हिंदी भाषा में भाषण दिया।

By Jagran NewsEdited By: Shoyeb Ahmed Publish:Sun, 30 Jun 2024 10:03 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 10:37 PM (IST)
Hul Diwas 2024: 'तीर की नोक पर अंग्रेजों से...', CM चंपई सोरेन ने हूल दिवस पर सुनाया सिदो कान्हू की जाबांजी का किस्सा
सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते सीएम चंपई सोरेन

HighLights

  • राजनगर के कुमडीह एवं गमदेसाई मेला पहुंचे सीएम चंपई सोरेन
  • सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को नमन किया

संवाद सूत्र, राजनगर। हूल दिवस पर रविवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राजनगर के कुमंडीह में गमदेसाई मेला पहुंचे। मुख्यमंत्री का हेलीकाप्टर सबसे पहले शाम करीब छह बजे रोला फुटबाल मैदान में उतरा।

यहां से कुमडीह में आयोजित मेला में पहुंचे। सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को नमन किया। सीएम चंपईसोरेन भाषण की शुरुआत संथाली भाषा से की।

लगभग आधे घंटे के भाषण में संथाली और हिंदी दोनों भाषाओं से संबोधित करते हुए लोगों को सरकार की ओर से चलाई जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।

वीर सिदो कान्हू की बताई बातें

उन्होंने कहा कि वीर सिदो कान्हू ने तीर कमान से अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़कर हमारी जमीन की रक्षा की थी। 30 जून 1855 की क्रांति को हूल दिवस के रूप में पूरे भारत वर्ष में मनाया जा रहा है। सिदो कान्हू चांद भैरव जैसे अमर शहीदों के नेतृत्व में 50 हजार से अधिक हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया था।

उसी आंदोलन के बदौलत संताल परगना बना और सीएनटी-एसपीटी एक्ट मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धरती हमारी पूर्वजों की बलिदान पर बना है। इसके बाद कोल विद्रोह हुआ और विलकिंसन रूल बना।

जिस तरह सिदो कान्हू चाँद भैरव ने अंग्रेजों से कड़ाई लड़कर अपनी जमीन की रक्षा की। उसी तरह दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने झारखण्ड आंदोलन किया और अलग राज्य मिला।

21 से 50 वर्ष की सभी महिलाओं को एक हजार रुपए पेंशन

सीएम सोरेन ने कहा कि यह आपकी सरकार है, हम निरंतर यहां के आदिवासी, मूलवासियों, गरीब, दलित, पिछड़ा वर्ग के गरीबों को रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा के लिए काम कर रहे हैं। झारखंड खनिज सम्पदा से परिपूर्ण राज्य है।

धनी राज्य होने के बाद भी यहां के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। यह धरती हमारे पूर्वजों की धरती है। इसका लाभ यहां के जनता को मिलेगा। इसलिए अगस्त माह से राज्य की 21 से 50 साल तक की महिलाओं को 1000 पेंशन देने जा रहे हैं।

33 लाख परिवारों को 15 लाख तक इलाज की सुविधा

उन्होंने आगे कहा कि अब गरीबों को 15 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। जिससे गरीबों को बड़ी से बड़ी बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी। 20 लाख परिवारों को अबुआ आवास देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमारे बच्चे जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा से स्कूलों में पढ़ाई कर सकेंगे। जनजातीय शिक्षकों की बहाली कर रहे हैं। संथाली, हो, कुरमाली, मुंडारी, उड़िया जैसे अपनी मातृभाषा से पढ़ेंगे।

50 हजार शिक्षकों की बहाली होगी

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले दो माह में राज्य में बम्पर बहाली होने वाली हैं। करीब 50 हजार शिक्षकों की बहाली की जाएगी। पुलिस की बहाली शुरू होने वाली है। राज्य के युवाओं को अब रोजगार की चिंता की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कभी आदिवासी मूलवासियों का हित नहीं सोचा, पांच हजार बंद स्कूल फिर खुलेंगे।

भाजपा ने राज्य में 24 साल में से अधिकांश समय शासन किया। लेकिन कभी आदिवासी मूलवासियों के हितों के बारे में नहीं सोचा। उल्टा उन्होंने राज्य के गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करने के लिए 5000 प्राइमरी स्कूल बंद किए। अब हमारे सरकार उन सभी स्कूलों को दोबारा खोलने जा रही है।

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