केन्द्राधीक्षक करते रहे इंतजार, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देने नहीं पहुंचे हजारों छात्र; अब उठ रहे सवाल

रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा आयोजित की गई लेकिन बहुत ही कम संख्या में परीक्षार्थी यहां परीक्षा में शामिल होने के लिए पहुंचे। वहीं कुछ परीक्षा केन्द्र ऐसे भी थे जहां एक भी बच्चा परीक्षा देने के लिए नहीं पहुंचा। अब सवाल ये उठ रहा है कि मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना जैसी महत्वपूर्ण छात्रों की योजना के साथ कौन खिलवाड़ कर रहा है।

By Md Taquiddian Edited By: Shoyeb Ahmed Publish:Sun, 30 Jun 2024 08:53 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 08:53 PM (IST)
केन्द्राधीक्षक करते रहे इंतजार, मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देने नहीं पहुंचे हजारों छात्र; अब उठ रहे सवाल
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देने नहीं पहुंचे परीक्षार्थी

HighLights

  • पश्चिमी सिंहभूम जिले में 18 हजार परीक्षार्थियों ने भरा था आवेदन
  • कुछ परीक्षा केन्द्रों पर एक भी परीक्षार्थी नहीं पहुंचा परीक्षा देने
  • मात्र 4 हजार परीक्षार्थी ही परीक्षा में हुए शामिल
  • अब एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं पदाधिकारी

संवाद सहयोगी, चाईबासा। Mukhyamantri Medha Scholarship Exam मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना जैसी महत्वपूर्ण छात्रों की योजना के साथ खिलवाड़ कौन कर रहा है। झारखंड सरकार राज्य के मेधावी छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेकर वर्ष में 12 हजार रुपये छात्रवृति प्रदान करती है।

इस राशि से उनको पठन-पाठन में काफी मदद मिलती है लेकिन जब परीक्षा के दिन छात्र परीक्षा देने ही नहीं पहुंचे तो सवाल उठता है कि इसके लिए दोषी कौन शिक्षा विभाग, संबंधित स्कूल के शिक्षक या स्वयं परीक्षार्थी।

रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के 52 परीक्षा केन्द्र में 18 हजार 202 बच्चों को मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति परीक्षा देनी थी लेकिन मात्र 4 हजार 703 परीक्षार्थी ही परीक्षा में शामिल हुए।

बहुत कम संख्या में पहुंचे बच्चे

इसको लेकर सभी परीक्षा केन्द्रों में परीक्षा को लेकर तैयारी भी पूरी कर ली गई थी लेकिन केन्द्र में केन्द्राधीक्षक बच्चों का इंतजार करते रहे परंतु बहुत कम संख्या में बच्चे परीक्षा देने पहुंचे।

कुछ परीक्षा केन्द्र में एक भी बच्चा परीक्षा देने नहीं पहुंचा। यह हाल जिला मुख्यालय चाईबासा के परीक्षा केन्द्रों का था। प्रखंडों में क्या हाल होगा इसका अंदाजा ही सिर्फ लगाया जा सकता है।

पदमावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर चाईबासा में 404 बच्चों को परीक्षा देनी थी लेकिन इसमें से मात्र 58 बच्चे ही पहुंचे थे। इसमें भी आदिवासी जनजातीय आवासीय विद्यालय की 54 छात्राएं शामिल थी।

इतने बच्चे पहुंचे परीक्षा देने

अन्य चार विद्यालय के मात्र 6 बच्चे शामिल हुए। कई कक्ष तो पूरी तरह खाली ही थे। इसी तरह एमएल रुंगटा प्लस टू उच्च विद्यालय में 400 परीक्षार्थियों में से मात्र 24, गर्वमेंट गर्ल्स उच्च विद्यालय चाईबासा में 300 परीक्षार्थी में मात्र 34, संत जेवियर्स उच्च विद्यालय लुपुंगुटू में 591 परीक्षार्थी में मात्र 14 पहुंचे थे।

सबसे हद तो तब हो गई संत जेवियर्स बालिका उच्च विद्यालय चाईबासा में 600 परीक्षार्थी में से एक भी परीक्षा देने नहीं पहुंचा। जगन्नाथपुर के 3 परीक्षा केंद्र में 1464 परीक्षार्थियों के बदले मात्र 330 परीक्षार्थी ही हुए छात्रवृति परीक्षा में शामिल। इसी प्रकार कुमारडुंगी प्रखंड के चार स्कूल 967 में से 608 बच्चे परीक्षा में शामिल हुए।

एक सप्ताह पहले जारी किया गया था नोटिफेकिशन

इस पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि वर्ग 8वीं में बच्चे मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति योजना का फॉर्म भराया गया था लेकिन अब 9 वीं वर्ग में जाने के बाद उन्हें स्कूल से सही समय पर जानकारी नहीं मिल पायी होगी।

समग्र शिक्षा विभाग झारखंड सरकार से बिना समय दिये ही एक सप्ताह पहले परीक्षा का नोटिफिकेशन निकाला था, जिसकी वजह से सभी को जानकारी नहीं मिल पायी है।

बच्चे परीक्षा देने से हुए वंचित

संबंधित स्कूल के शिक्षक भी बच्चों के स्कूल से निकलने के बाद ध्यान नहीं दिये, जिसके वजह से बच्चों का एडमिट कार्ड ऑनलाइन नहीं निकाला जा सका।

इसके वजह से भी बच्चे परीक्षा देने से वंचित हो गये होंगे। मामला चाहे जो भी हो किसी न किसी के लापरवाही के कारण हजारों बच्चे मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृति की परीक्षा देने से ही वंचित रह गये।

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