World Wetland Day 2023: आज है वर्ल्ड वेटलैंड डे, जानें इस दिन के महत्व और इतिहास के बारे में

World Wetland Day 2023 हर साल फरवरी की 2 तारीख को वेटलैंड डे यानी आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। वेटलैंड्स जमीन का वह हिस्सा हगोता है जहां पानी और भूमि आपस में मिलते हो। ये हमारे पारिस्थतिकी तंत्र के लिए बहुत जरूरी है।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Feb 2023 07:44 AM (IST) Updated:Thu, 02 Feb 2023 07:44 AM (IST)
World Wetland Day 2023: आज है वर्ल्ड वेटलैंड डे, जानें इस दिन के महत्व और इतिहास के बारे में
World Wetland Day 2023: वर्ल्ड वेटलैंड डे का महत्व और इतिहास

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Wetland Day 2023: फरवरी माह की 2 तारीख को विश्व आर्द्रभूमि दिवस यानी वर्ल्ड वेटलैंड डे के रूप में मनाया जाता है। पहली बार यह 1997 में मनाया गया था। आपको बता दे की वेटलैंड पानी को प्रदुषण मुक्त बनाए रखने का काम करती है। वेटलैंड्स जंतु ही नहीं बल्कि पौधों के लिए भी एक समृद्ध तंत्र है, जहां कई उपयोगी वनस्पतियां और औषधीय पौधे प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जिनका इस्तेमाल कई आवश्यक चीज़ों में किया जाता है।

वेटलैंड क्या है?

वेटलैंड यानी नमभूमि या आद्रभूमि. जमीन का वह हिस्सा जहां पानी और भूमि आपस में मिलते हैं उसे वेटलैंड कहा जाता है। ऐसी जमीन जो सालभर या साल के ज्यादातर महीने जल से भरी रहती है। वेललैंड या आर्द्रभूमि की मिट्टी किसी झील, नदी, तालाब के किनारे का वह हिस्सा है जहां बहुत ज्यादा मात्रा में नमी पाई जाती है। ये कई मायनों में बहुत फायदेमंद होती है। हर साल 2 फरवरी को वर्ल्ड वेटलैंड डे मनाए जाने का उद्देश्य उन आर्द्र क्षेत्रों पर प्रकाश डालना है, जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।

वर्ल्ड वेटलैंड डे का इतिहास

नदियों, झीलों, तालाबों आदि की खराब होती स्थ‍िति को देखते हुए 2 फरवरी 1971 में ईरान के रामसर में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था। इसलिए इस दिन को पूरी दुनिया में विश्व आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाताहै। 1975 में इस कन्वेंशन को लागू किया गया था और पहली बार वर्ल्ड वेटलैंड डे 2 फरवरी 1997 में मनाया गया था। जबकि भारत ने 1 फरवरी 1982 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

रामसर कन्वेंशन क्या है?

रामसर स्थल ऐसे वेटलैंड्स हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय महत्व प्राप्त हैं। इन्हें यूनेस्कों की रामसर कन्वेंशन के तहत लिस्ट किया जाता है। ओडिशा की चिल्का झील भारत का सबसे पहला रामसर स्थल है। 2021 में भारत की 4 और आद्रभूमियों को रामसर स्थल की सूची मे शामिल किया गया था। विश्व में कुल 2400 से अधिक स्थलों को रामसर स्थल के रुप में मान्यता प्राप्त हैं। 

विश्व आर्द्रभूमि दिवस का महत्व

आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये कई जलीय जीव, जंतुओं का  आवास होते हैं। इतना ही नहीं ये प्रवासी पक्षियों के रहने के भी अनुकूल होते हैं। इनके लुप्त होने से पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ी चीज़ों को भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। 

वेटलैंड्स के प्रकार

तटीय वेटलैंड्स: मैंग्रोव्स, एस्टुरीज, खारे पानी की दलदली भूमि, लैगून आदि।

अंतर्देशीय आर्द्रभूमि: दलदली भूमि, झीलों, जलयुक्त दलदली वन भूमि, नदियों, बाढ़ और तालाब।

मानव निर्मित वेटलैंड्स: मछली के तालाब, नमक और चावल के धान।

Pic credit- freepik

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