Child Obesity: साल 2022 में 1.25 करोड़ बच्चे हुए मोटापे का शिकार, जानें क्या है इसका कारण और बचाव के तरीके

बच्चों में मोटापा एक गंभीर समस्या है। यह न केवल बच्चे के स्वास्थय के लिए बल्कि देश के भविष्य के लिए भी काफी खतरनाक है। हाल ही में एक स्टडी में सामने आया है कि भारत में साल 2022 में लगभग 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे की चपेट में थे। इस कारण से उनकी सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। जानें क्या है बच्चों में मोटापे की वजह।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Publish:Sat, 02 Mar 2024 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 02 Mar 2024 05:26 PM (IST)
Child Obesity: साल 2022 में 1.25 करोड़ बच्चे हुए मोटापे का शिकार, जानें क्या है इसका कारण और बचाव के तरीके
क्यों बच्चे हो रहे हैं मोटापे का शिकार और कैसे कर सकते हैं बचाव?

HighLights

  • साल 2022 में भारत में लगभग 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार थे।
  • मोटापे की वजह से कई नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी और हेल्दी डाइट की मदद से बच्चों को मोटापे से बचाया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Child Obesity: हाल ही में लांसेट जर्नल की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह पाया गया कि साल 2022 में भारत में 5-19 वर्ष की आयु के लगभग 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार हुए। इस स्टडी में यह भी पाया गया कि दुनियाभर में एक अरब से ज्यादा लोग मोटापे से ग्रस्त हैं। यह संख्या वयस्कों के लिए 1990 की तुलना में दोगुनी हो चुकी है और बच्चों में चार गुणा अधिक बढ़ गई है।

हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और डायबिटीज जैसी बीमारियों के बढ़ते आंकड़ों के बीच बच्चों में मोटापे के मामले बढ़ना काफी चिंताजनक है। इस आंकड़े की गंभीरता को इस तरह समझ सकते हैं कि देश के भविष्य में योगदान देने वाली आबादी में 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे की चपेट में हैं, जो एक बेहद गंभीर समस्या है। मोटापा एक बीमारी है, जिसकी वजह से और गंभीर बीमारियां जैसे डायबिटीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, हाइपरटेंशन आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है।

क्या है मोटापा?

मोटापे को BMI की मदद से समझ सकते हैं। बीएमआई 18-25 के बीच होना नॉर्मल माना जाता है, 25 से अधिक ओवर वेट और 30 से अधिक को ओबीस यानी मोटापा माना जाता है। बच्चों की लाइफस्टाइल में हुए बड़े बदलाव को इसका कारण माना जा सकता है। पहले की तुलना में न केवल हमारा रहन-सहन बल्कि, खान-पान में भी काफी बदलाव हुए हैं, जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा लोग मोटापे की चपेट में आ रहे हैं।

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क्या है मोटापे की वजह?

पहले खान-पान में कम से कम नमक, तेल, शुगर, मैदा और प्रोसेस्ड फूड्स को शामिल किया जाता था। डाइट में साबुत अनाज, हरी सब्जियां, मौसमी फल, सब्जियां, दही, दूध आदि की मात्रा अधिक होती थी। इन फूड्स से पोषण मिलता है, लेकिन कैलोरी अधिक नहीं होती है। इस कारण से इस डाइट से बीमारियों से बचाव मिलता है और शरीर स्वस्थ रहता है। इसके अलावा, लाइफस्टाइल भी काफी एक्टिव होती थी। जिससे बॉडी में फैट कम इकट्ठा होता है। बच्चे बाहर खेलते थे, दौड़ते-भागते थे, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है।

अब तकनीक के बोलबाले की वजह से बच्चे सेडेंटरी लाइफस्टाइल जी रहे हैं। वे बाहर खेलने से ज्यादा विडियो गेम्स खेलना पसंद करते हैं। उनकी फिजिकल एक्टिविटी काफी कम होती जा रही है। प्रोसेस्ड फूड्स ज्यादा आसानी से और लगभग हर जगह मिल जाते हैं और उनका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। इस कारण से बच्चे खाने नमक, शुगर आदि की अधिक मात्रा का सेवन कर रहे हैं।

इन वजहों से इंफ्लेमेशन और बॉडी फैट बढ़ता है, जो मोटापे की सबसे बड़ी वजह है। हालांकि, डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव कर, बच्चों को मोटापे की समस्या से बचाया जा सकता है। आइए जानते हैं, बच्चों के जीवन में क्या बदलाव करना आवश्यक है।

कैसे करें मोटापे से बचाव?

       बच्चों के बाहर के पैक्ड फूड आइटम्स की जगह, हेल्दी फूड्स खिलाएं, जिसमें साबुत अनाज, फल, सब्जियां आदि को शामिल करें। बच्चों को फिजिकली एक्टिव रखने के लिए उन्हें घर के कामों में शामिल करें और बाहर खेलने के लिए भेजें। बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करवाएं। कोशिश करें कि वे कम से कम स्मार्ट फोन और कंप्यूटर का इस्तेमाल करें। बच्चों के बेहतर विकास के लिए रोज कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूरी होती है। इसलिए कोशिश करें कि उनकी नींद पूरी हो। बच्चों को स्ट्रेस फ्री      रखने की कोशिश   करें। इससे उन्हें हेल्दी रहने में मदद मिलेगी।

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Picture Courtesy: Freepik

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