बरसात आते ही बढ़ जाते हैं Waterborne Disease के मामले, डॉक्टर ने बताए इसके कारण और बचाव का तरीका

दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में बरसात के साथ ही लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है। हालांकि मानसून (Monsoon Season) आते ही विभिन्न तरह की बीमारियों का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस दौरान waterborne disease के मामले काफी बढ़ जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर ने इन बीमारियों के बढ़ने के कारण और इनसे बचान का तरीका बताया।

By Harshita Saxena Edited By: Harshita Saxena Publish:Tue, 02 Jul 2024 03:25 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jul 2024 03:25 PM (IST)
बरसात आते ही बढ़ जाते हैं Waterborne Disease के मामले, डॉक्टर ने बताए इसके कारण और बचाव का तरीका
बरसात में इसलिए बढ़ जाता है वॉटर बॉर्न डिजीज का खतरा (Picture Credit- Freepik)

HighLights

  • दिल्ली समेत देश के कई हिस्सा में Monsoon ने दस्तक दे दी है।
  • बरसात आते ही गर्मी तो कम हो जाती है, लेकिन बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • खासकर इस दौरान waterborne disease के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। चिलचिलाती धूप और तेज गर्मी के बाद आखिरकार देश के कई हिस्सो में मानसून (Monsoon Season) की शुरुआत हो चुकी है। बरसात आते ही मौसम में ह्यूमिटी काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से इस दौरान कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मच्छरों से होने वाली बीमारियों के साथ ही इस मौसम में जलजनित संक्रमण (waterborne disease) का खतरा काफी बढ़ जाता है।

इन बीमारियों का अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि खुद की और अपनी परिवार की सुरक्षा बनाए रखने के लिए इस मौसम में कुछ बातों का ध्यान रखा जाए। आज इस आर्टिकल में हम एक्सपर्ट की मदद से जानेंगे कि गर्मियों में क्यों बढ़ जाता है वॉटर बॉर्न डिजीज का खतरा और कैसे किया जाए इनसे अपना बचाव-

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क्यों बढ़ जाती है वॉटर बॉर्न डिजीज

नोएडा के न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के प्रमुख डॉ.विज्ञान मिश्र कहते हैं कि बरसात के बाद अक्सर जलजनित बीमारियों में बढ़ोतरी होती है, जिससे लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां पैदा होती हैं। जैसे ही बारिश का पानी जमा होता है और दूषित पदार्थों के साथ मिलता है, यह विभिन्न माध्यमों से बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रसार का कारण बन सकता है।

कैसे फैलती हैं जलजनित बीमारियां?

बारिश के बाद जलजनित बीमारियां फैलने का सबसे प्रमुख कारण सीवेज सिस्टम का ओवरफ्लो होना है। लगातार बारिश सीवर के बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर सकती है, जिससे सीवर में मौजूद दूषित पानी नेचुरल वॉटर बॉडीज में मिल जाता है। इस तरह सीवेज में पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट्स सहित हानिकारक कीटाणु होते हैं, जो हैजा, टाइफाइड बुखार और डायरिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

मानसून में बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

स्ट्रीट फूड से बचें- बरसात के दिनों में अक्सर फूड बॉर्न डिजीज का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में इससे बचने के लिए स्ट्रीट फूड्स से जितना हो सके परहेज करें। इसके अलावा बाहर का कुछ भी खाने से बचें। बोतलबंद या फिल्टर्ड पानी का इस्तेमाल करें- अगर आप पानी की गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं, तो बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा क्लोरीन की गोलियों की मदद से पानी को कीटाणुरहित करने के साथ ही पीने के लिए सुरक्षित बनाया जा सकता है। पानी उबालकर और छानकर पिएं- पानी में मौजूद खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए इसे उबालकर और छानकर इस्तेमाल करें। इसके अलावा यूवी-फिल्टर्ड वॉटर प्यूरिफायर भी पानी को साफ करने में मदद कर सकते हैं। साफ-सफाई का ध्यान रखें- बीमारी फैलाने वाले कीटाणुओं से दूर रहने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसलिए अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। खासकर खाना बनाने और खाने से पहले। अपने आसपास सफाई रखें- मानसून में कई तरह की बीमारियों से बचने का सबसे कारगर तरीका है अपने आसपास सफाई बनाई रखें। इसके लिए अपने घर के आसपास मौजूद गटर और नालियों से मलबा हटा दें, जो मच्छरों और बीमारी फैलाने वाले अन्य वैक्टरों के पनपने की वजह बन सकता है।

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