Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज हो सकती है खतरनाक, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से शरीर में कई बदलाव होते हैं जिनकी वजह से कभी-कभी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। इस वजह से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है जो बच्चे और मां दोनो की सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। जानें क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर्स और बचाव के तरीके।

By Swati SharmaEdited By: Publish:Sat, 06 Jan 2024 01:05 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jan 2024 01:05 PM (IST)
Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज हो सकती है खतरनाक, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके
जेस्टेशनल डायबिटीज हो सकती है बच्चे के लिए खतरनाक

HighLights

  • प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले डायबिटीज को जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है।
  • अधिक वजन और इनएक्टिव लाइफस्टाइल इसके रिस्क फैक्टर्स होते हैं।
  • हेल्दी डाइट और एक्सराइज इससे बचाव में मददगार हो सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए एक बेहद ही खूबसूरत दौर होता है, लेकिन इस दौरान शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से, कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलावों की वजह से कई बार कई महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या हो जाती हैं, जो कंट्रोल न किया जाए, तो मां और बच्चे दोनों के लिए काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि इस कंडिशन से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरती जाएं। आइए जानते हैं क्या है जेस्टेशनल डायबिटीज और बचाव के लिए किन बातों का रखें ख्याल।

क्या है जेस्टेशनल डायबिटीज?

मायो क्लीनिक के मुताबिक, जेस्टेशनल डायबिटीज ऐसा डायबिटीज है, जो पहली बार गर्भावस्था के दौरान डायग्नोस होता है। इसका मतलब है कि प्रेग्नेंट महिला को प्रेग्नेंसी से पहले डायबिटीज की समस्या नहीं थी, बल्कि यह गर्भावस्था के दौरान ही शुरू होता है। सामान्य डायबिटीज की तरह, इसमें भी बॉडी के सेल्स ग्लूकोज का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाते, जो हाई ब्लड शुगर का कारण बन सकता है, जो बच्चे की स्वास्थ को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, डिलिवरी के बाद ब्लड शुगर लेवल सामान्य होने लगता है, लेकिन इस कारण से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

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क्या हैं इसके लक्षण?

थकावट बार-बार यूरिनेट करना अधिक प्यास लगना मितली

हालांकि, इस कंडिशन के कुछ खास लक्षण नहीं होते, जिनकी मदद से इसका पता लगाया जा सके। इसलिए आमतौर पर इसका पता दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में टेस्ट के जरिए लग पाता है।

क्या हैं इसके रिस्क फैक्टर्स?

मोटापा दिल की बीमारी पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम प्रीडायबिटीज फिजिकल एक्टिविटी की कमी ब्लड प्रेशर अधिक होना

कैसे कर सकते हैं इससे बचाव?

हेल्दी खाना खाएं

अपनी डाइट में अधिक फाइबर और कम फैट वाले फूड आइटम्स को शामिल करें। फाइबर युक्त खाना ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने में मददगार हो सकते हैं। इसलिए आपकी डाइट में साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स आदि को शामिल करें। इसके अलावा, कोशिश करें कि प्रोसेस्ड या अधिक शुगर वाले फूड आइटम्स को न खाएं। हेल्दी वेट मेंटेन करें

प्रेग्नेंसी से पहले वजन कम करना आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, वजन अधिक होना डायबिटीज के सबसे रिस्क फैक्टर्स में से एक है। इसलिए कोशिश करें कि आप हेल्दी वजन मेंटेन करें। इसमें हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकते हैं।

एक्टिव रहें

एक्टिव न रहने की वजह से जेस्टेशन डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान एक्टिव रहने की कोशिश करें। आप अपने डॉक्टर से सलाह लेकर, लाइट एक्सरसाइज और योग आदि को शामिल कर सकते हैं। प्रेग्नेंसी में अक्सर थकावट की वजह से कम एक्टिव होने की समस्या हो सकती है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से किसी फिजिकल एक्टिविटी को अपने रूटीन में शामिल करें।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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