Heat Stroke vs Food Poisoning: हीट स्ट्रोक हुआ है या फिर फूड पॉइजनिंग? इन लक्षणों से करें पहचान

गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) की समस्या काफी ज्यादा देखने को मिलती है। जाहिर तौर पर यह दोनों चीजें एक नहीं हैं लेकिन अक्सर लोग इन दोनों के लक्षणों को लेकर कन्फ्यूज हो जाते हैं। अगर आप भी इनके बीच का फर्क नहीं जानते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।

By Nikhil Pawar Edited By: Nikhil Pawar Publish:Tue, 25 Jun 2024 05:23 PM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 05:23 PM (IST)
Heat Stroke vs Food Poisoning: हीट स्ट्रोक हुआ है या फिर फूड पॉइजनिंग? इन लक्षणों से करें पहचान
हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग में क्या है अंतर? इन लक्षणों से करें पहचान (Image Source: Freepik)

HighLights

  • हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग के बीच का अंतर कई लोग नहीं समझ पाते हैं।
  • कुछ लक्षणों के जरिए आप दोनों के बीच का फर्क समझ सकते हैं।
  • समय रहते इन लक्षणों की पहचान करके आप स्थिति को गंभीर होने से रोक सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Heat Stroke vs Food Poisoning: इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में, हीट स्ट्रोक का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है। दिनोंदिन बढ़ रहे तापमान के कारण शरीर को कई दिक्कतों से जूझना पड़ता है। यही नहीं, इस मौसम में फूड पॉइजनिंग की खतरा भी ज्यादा रहता है, लेकिन अक्सर लोग इसके लक्षणों को हीट स्ट्रोक की समस्या मान लेते हैं। अगर आप भी हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग के लक्षणों के बीच का फर्क नहीं समझ पाते हैं, तो यह आर्टिकल आप ही के लिए है।

ऐसे पहचानें दोनों के बीच का फर्क?

हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर आपका बॉडी टेंपरेचर 103°F/39.4°C से ऊपर पहुंच जाता है, लेकिन फूड पॉइजनिंग होने पर इस शरीर के तापमान में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिलती है।

इसके अलावा हीट स्ट्रोक होने पर शरीर में कंपन, दिल की धड़कन का बढ़ना, बेहोशी और कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है, वहीं दूसरी तरफ फूड पॉइजनिंग का शिकार होने पर उल्टी और दस्त की समस्या देखने को मिलती है। साथ ही, जी मचलाना, पेट दर्द, ऐंठन और सीने में जलन की शिकायत भी हो सकती है।

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दोनों ही स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, ऐसे में बार-बार गला और होंठ सूखने की समस्या भी देखी जा सकती है। फूड पॉइजनिंग में कभी-कभी बुखार हो सकता है, लेकिन हीट स्ट्रोक में होने वाला तेज बुखार इससे काफी अलग होता है।

कैसे करें बचाव?

हीट स्ट्रोक हो या फिर फूड पॉइजनिंग की समस्या, अगर बचाव चाहते हैं, तो दोनों के खतरे को समझना काफी ज्यादा जरूरी है। गर्मियों के मौसम में इन दोनों समस्याओं का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है। इसके अलावा अगर आप सांस से जुड़ी समस्याओं या फिर हार्ट, लिवर या गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं, तो हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग जानलेवा भी साबित हो सकती है।

ऐसे में, हर उम्र के लोगों को जितना हो सके, भरी दोपहरी यानी तेज धूप में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। इसके अलावा डाइट में मसालेदार और तले-भुने फूड्स से परहेज करके ज्यादा से ज्यादा पानी से भरपूर चीजों को खानपान का हिस्सा बनाना चाहिए।

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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। 

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