Lung Health: तेज धूप और गर्मी फेफड़ों के लिए भी है खतरनाक, सांस के मरीज ऐसे रखें इस मौसम में अपना ख्याल

सांस के रोगियों के लिए सिर्फ सर्दियों का मौसम ही खराब नहीं होता बल्कि गर्मियों में भी इन मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। गर्मी के मौसम में पोलेन बैक्टीरियल फंगस और डस्ट एलर्जी बढ़ने से अस्थमा के मरीज परेशान हो सकते हैं। ये मौसम आपके फेफड़ों को कई तरीकों से नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि कुछ जरूरी उपायों की मदद से आप बने रह सकते हैं स्वस्थ।

By Priyanka Singh Edited By: Priyanka Singh Publish:Tue, 28 May 2024 08:25 AM (IST) Updated:Tue, 28 May 2024 08:25 AM (IST)
Lung Health: तेज धूप और गर्मी फेफड़ों के लिए भी है खतरनाक, सांस के मरीज ऐसे रखें इस मौसम में अपना ख्याल
गर्मियों में सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों के लिए जरूरी टिप्स (Pic credit- freepik)

HighLights

  • गर्मी के मौसम में पोलेन ग्रेन्स (पराग कण), बैक्टीरियल, फंगल और डस्ट एलर्जी बढ़ने से अस्थमा के मरीजों में अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
  • खांसी, बलगम आना, छाती में जकड़न, सांस फूलना बदलते मौसम के साथ इन लक्षणों में बढ़ोतरी अस्थमा के संकेत हो सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपको अस्थमा जैसी सांस से जुड़ी कोई बीमारी है या फिलहाल तो कोई बीमारी नहीं लगा है, लेकिन स्मोकिंग की लत है, तो बता दें आपको गर्मी से होने वाली समस्याओं का खतरा ज्यादा है। तापमान बढ़ने से हवा रूक जाती है, जिसके चलते प्रदूषक तत्व हवा में फंसे रहते है, जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। गर्मी और ह्यूमिडिटी होने पर सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को उठानी पड़ सकती है। इस मौसम में रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बॉडी का मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है। ऐसे में फेफड़ों पर बहुत लोड पड़ता है। बहुत ठंडी या गर्मी से सांस की नलियों में सूजन पैदा हो जाती है। अत्यधिक तापमान में यह नलियां ड्राई होकर सूज जाती हैं, जिससे यह बहुत सेंसिटिव हो जाती हैं। ऐसे में अगर पेशेंट को साथ में हीट स्ट्रोक हो जाए, तो समस्या बढ़ जाती है।

खांसी, बलगम आना, छाती में जकड़न, सांस फूलना अस्थमा के संकेत हो सकते हैं।

लंग पेशेंट्स इन बातों का ध्यान रखें

सीपीओडी (Chronic obstructive pulmonary disease) के मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर इन्फ्लूएंजा या नीमोकोकल वैक्सीन का इस्तेमाल करें। जहां भी रहें उस जगह का तापमान मेंटेन रखें, जिससे बॉडी एक समान टेंपरेचर पर रहे। तेज धूप में और दिन के समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक बाहर न निकलें।

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ऐसे करें बचाव

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पानी के अलावा ओआरएस, फलों का जूस व नारियल पानी भी लें। थोड़ी देर ही सही व्यायाम के लिए वक्त जरूर निकालें। ज्यादा थकाने वाली एक्सरसाइज से बचें।  एसी से निकलकर तुरंत तेज धूप में जाने से बचें। वॉकिंग फिट रहने के लिए बेस्ट है।  वायरल इन्फेक्शन हो, तो मास्क पहनकर ही रहें।

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