International Day for Older Persons: बढ़ती उम्र में बढ़ सकता है कई समस्याओं का खतरा, ऐसे करें सेहत की देखभाल

International Day for Older Persons 2023 उम्र अधिक होने पर कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां सामने आने लगती हैं। कुछ समस्याओं का तो पता चल जाता है लेकिन कुछ की जानकारी नहीं हो पाती। ऐसे में जीवनशैली के साथ-साथ बढ़ती उम्र में होने वाले बदलावों पर भी नजर रखना जरूरी है। आइए जानते हैं बढ़ती उम्र में किन बातों का ध्यान रखें।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 25 Sep 2023 08:12 PM (IST) Updated:Mon, 25 Sep 2023 08:12 PM (IST)
International Day for Older Persons: बढ़ती उम्र में बढ़ सकता है कई समस्याओं का खतरा, ऐसे करें सेहत की देखभाल
बढ़ती उम्र में इन तरीकों से करें खुद की देखभाल

HighLights

  • बढ़ती उम्र के साथ ही कई समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • ऐसे में जरूरी है कि इस दौरान अपनी सेहत का खास ख्याल रखा जाए।
  • आप इन टिप्स की मदद से खुद को हेल्दी रख सकते हैं।

नई दिल्ली, International Day for Older Persons: बड़ी उम्र में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पहला, समुचित पोषण यानी कैसा भोजन करना है, किस भोजन का परहेज करना है और पानी कितना पीना है आदि। इस उम्र में मांसपेशियों की संरचना बदलने लगती है। ऐसे में भोजन में पर्याप्त प्रोटीन होना चाहिए। ध्यान रहे, ज्यादा तले हुए भोजन से कोलेस्ट्राल बढ़ेगा, ज्यादा पानी पीने से शरीर में सोडियम का स्तर कम होगा। ऐसे में सही और संतुलित भोजन करेंगे, तो मांसपेशियां स्वस्थ रहेंगी।

खान-पान में हो सावधानी

तले-भुने भोजन और मिठाई के सेवन में नियंत्रण रखेंगे, तो हृदय की आर्टरी में कोलेस्ट्राल नहीं जमा होगा। अक्सर ऐसे मरीज आते हैं, जिन्हें हाइपोनेट्रिमिया यानी लो सोडियम के कारण बेहोशी या चक्कर की समस्या होने लगती है। यह गलत धारणा है कि अधिक पानी पीने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। ध्यान रखना चाहिए कि बुजुर्गों को अधिक पानी पीने से नुकसान भी हो सकता है। पानी की मात्रा संतुलित होनी चाहिए। इस उम्र में कब्ज की समस्या बहुत ही सामान्य है। ऐसे में भोजन में लो-कार्बोहाइड्रेट, लो-फैट और पर्याप्त प्रोटीन, पर्याप्त फाइबर जरूरी है।

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स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता

अगर सांस फूलने, चलने-फिरने के दौरान छाती में भारीपन हो रहा है या किसी तरह की तकलीफ है, तो अपना कार्डियक चेकअप जरूर कराना चाहिए। यह जानना आवश्यक है कि हृदय से जुड़ी समस्या तो नहीं बन रही है। इसमें कुछ सामान्य तरह के लक्षण होते हैं, जैसे बैठे-बैठे हाथों में दर्द, चक्कर आना या आवाज में दिक्कत आदि। यह रक्त संचार में समस्या के शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं। यदि दिमाग को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो रही है, तो कोलेस्ट्राल की जांच करा लेनी चाहिए। यह भी देखना चाहिए कि रक्तचाप नियंत्रण में है या नहीं। अगर डायबिटीज या हाइपरटेंशन, लिवर या किडनी की समस्या है, तो ध्यान रखें इससे अन्य अंगों की क्षमता में भी गिरावट आ सकती है।

नियमित अंतराल पर जरूरी है जांच

समय-समय पर जांच आवश्यक है। इससे जीवनशैली में सुधार करने में मदद मिलती है। आयुर्वेदिक या देसी या पुड़िया वाली कोई दवा स्वयं से या किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति से नहीं लेनी चाहिए। इससे नुकसान ज्यादा हो सकता है। नीम हकीम से इलाज कराने से बचें। इससे शरीर को अंगों को नुकसान हो सकता है। अच्छे डाक्टर से संपर्क रखें, ताकि दवाइयों के घटाने और बढ़ाने का सही निर्णय लिया जा सके। मधुमेह और रक्तचाप को बहुत नियंत्रित कर लेने से भी कई बार नुकसान होने का खतरा रहता है।

आंख और कान को लेकर सावधानी

इस उम्र में आंख और कान का विशेष ध्यान रखना होता है, क्योंकि काला और सफेद मोतिया होने का जोखिम अधिक रहता है। अगर डायबिटिक हैं, तो आंख के पर्दे की जांच जरूरी है। अगर आंख में दिक्कत होगी, तो गिरने का डर बढ़ जाएगा। अगर सुनने में मुश्किल हो रही है, तो जांच करा लें, कहीं हियरिंग एड की जरूरत तो नहीं है। इस उम्र में फिसलकर गिरने की समस्या आम होती है। जांच कराएं कि आपकी बोन डेंसिटी यानी हड्डियों की स्थिति कैसी है। कैल्शियम और विटामिन-डी पर्याप्त ले रहे हैं कि नहीं। आस्टियोपोरोसिस के लिए चेकअप करा लेना चाहिए।

योग व्यायाम से शरीर को बनाएं लचीला

बाथरूम में आने जाने के दौरान विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। अगर जोड़ों की समस्या है, तो सहारे के लिए छड़ी का प्रयोग करना चाहिए। इस उम्र में गिरने से चोट में हड़्डियां टूटने पर वे सही ढंग से जुड़ नहीं पातीं। कमर दर्द की समस्या है, तो नियमित योग-व्यायाम करें, ताकि जोड़ों में लचीलापन बना रहे और मांसपेशियां मजबूत रहें। उम्र के अनुसार ही व्यायाम करें, ताकि इससे घुटने और रीढ़ की हड्डी को नुकसान न पहुंचे।

मन-मस्तिष्क को रखें दुरुस्त

बढ़ती उम्र में याददाश्त की समस्या भी होती है। कुछ लोगों को डिमेंशिया की दिक्कत भी होती है। यदि आप क्रॉसवर्ड, सुडोकू या पजल्स या किताब पढ़ने में अपना दिमाग इस्तेमाल करेंगे, तो उससे याददाश्त और दिमाग की क्षमता बेहतर बनी रहेगी। यदि बहुत ज्यादा भूलने की समस्या हो रही है, तो डिमेंशिया की एक बार जांच करा लेनी चाहिए। कुल मिलाकर अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें। आमतौर पर इस उम्र में मरीज जब अस्पताल में आते हैं, तो उनके साथ कई तरह की समस्याएं पहले से ही होती हैं। कई बार यूरिन संक्रमण रक्त में फैल जाता है। किसी भी तरह का कोई लक्षण दिखता है, तो उसे अनदेखा न करें। अच्छे डाक्टर से परामर्श करें और जीवन को भरपूर सकरात्मकता और आनंद के साथ जिएं।

(डॉ. मोनिका महाजन सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, मैक्स अस्पताल, नई दिल्ली)

बातचीत : ब्रह्मानंद मिश्र

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Picture Courtesy: Freepik

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