World Health Day 2024: लंबे समय तक रहना है सेहतमंद, तो आपके काम आएंगी ये 4 टिप्स

आपका जीवन सुखमय हो दर्द और तनावों से आर मुक्त रहें इसके लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य भी अच्छा हो। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने स्वास्थ्य दिवस पर थीम तय की है- मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार। तो आइए इस मौके पर जानते हैं आज की बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों और समाधान के कुछ प्रभावी तरीकों के बारे में...

By Jagran NewsEdited By: Ruhee Parvez Publish:Tue, 02 Apr 2024 03:58 PM (IST) Updated:Tue, 02 Apr 2024 03:58 PM (IST)
World Health Day 2024: लंबे समय तक रहना है सेहतमंद, तो आपके काम आएंगी ये 4 टिप्स
हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

HighLights

  • हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
  • WHO ने स्वास्थ्य दिवस पर थीम तय की है- 'मेरा स्वास्थ्य मेरा अधिकार'।

नई  दिल्ली। World Health Day 2024: आजकल स्वास्थ्य से जुड़ी जो कठिनाईयां बढ़ रही हैं, इसके पीछे बेपरवाह और अव्यवस्थित जीवनशैली की बहुत बड़ी भूमिका है। इससे गैर-संचारी (एनसीडी) बीमारियों का सीधे तौर पर जोखिम जुड़ा हुआ है, जैसे कि मधुमेह, हाइपरटेंशन और कुछ तरह के कैंसर आदि। इनमें खानपान के साथ-साथ पर्यावरणीय कारण भी जिम्मेदार होते हैं। वहीं डायबिटीज और हाइपरटेंशन के पीछे शारीरिक निष्क्रियता भी एक बड़ा कारण होती है।

आज की बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों और समाधान के कुछ प्रभावी तरीकों के बारे में विस्तार से जानने के लिए जागरण के ब्रह्मानंद मिश्र ने डॉ. संजय राय (प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स, नई दिल्ली) से बातचीत की।मोटापे से जूझती जिंदगी

कार्यस्थलों पर लगातार कई घंटों तक बैठे रहने, पर्याप्त शारीरिक श्रम नहीं होने और खानपान में असंतुलन जैसे कारणों से लोग तेजी से मोटापे की जकड़ में आ रहे हैं। मोटापे से बीमारियों का सीधा संबंध है। मोटापा नहीं भी है, लेकिन जीवनशैली में शिथिलता है, तो भी डायबिटीज की आशंका रहती है। वसायुक्त या अस्वच्छ भोजन बीमारियों का कारण बन रहा है। कई संक्रामक बीमारियां भी खराब जीवनशैली के कारण विकराल रूप ले रही हैं। पर्याप्त नींद और एकाग्रता नहीं होने या नशे में होने के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। कुल मिलाकर अव्यवस्थित जीवनशैली हर तरह से नुकसानदेह साबित हो रही है।

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जोड़ों की बढ़ती तकलीफ

पर्याप्त सक्रियता नहीं होने और अनियंत्रित वजन के कारण जोड़ों की समस्या कम उम्र में भी अब देखी जा रही है। आमतौर पर ये दिक्कतें उम्र बढ़ने के साथ होती हैं। गठिया की समस्या अधिक देखने में आती है। इसमें जोड़ो में तेज दर्द महसूस होता है। एक उम्र के बाद घुटनों के दर्द की समस्या होने लगती है। इसमें ज्वाइंट में हड्डियों का आपस में दबाव बढ़ जाता है। इसे ऑस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं, जिसमें जोड़ों के हिस्से में द्रव की कमी हो जाती है। आर्थराइटिस के कारण चलने-फिरने में समस्या होती है। उंगलियों और कंधे में दर्द की समस्या भी देखने में आ रही है। यह सूजन बढ़ने के कारण होती है। घुटने के दर्द के पीछे मोटापा एक बड़ा कारण है। वजन बढ़ने के कारण हड्डियों पर दबाव बढ़ जाता है। ये सब खराब जीवनशैली की उपज हैं।

सेहतमंद जीवन के 4 उपयोगी टिप्स

1. आहार अच्छा हो

आपका भोजन हमेशा संतुलित होना चाहिए। इसमें हरी सब्जियों और मौसमी फलों की प्रचुरता का ध्यान रखें। भारतीय भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व होते हैं, विटामिंस की भरपाई फलों की जरिये हो जाती है। फाइबर युक्त भोजन भी आवश्यक है। पेट साफ नहीं होने से भी कैंसर की आशंका रहती है। अच्छी सेहत के लिए आहार बिल्कुल दुरुस्त होना चाहिए।

2. नींद भरपूर हो

अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त और गुणवत्ता पूर्ण नींद जरूरी है। कम से छह से सात घंटे सोना आवश्यक है। अगर नींद खराब होगी, तो उससे भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होंगी। इससे रक्तचाप और डायबिटीज बढ़ सकती है। अगर पहले से है तो यह अनियंत्रित हो सकता है, अतः नींद को लेकर कोई समझौता न करें।

3. जरूरी है शारीरिक श्रम

स्वस्थ शरीर के लिए व्यायाम करना बहुत ही आवश्यक है। अगर शिथिल जीवनशैली रहेगी, तो बीमारियों का होना तय है। आजकल लोग साइकिल चलाना या पैदल चलना बंद कर दिए हैं। इससे समस्याएं बढ़ रही हैं। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट का ब्रिस्क वाक तो जरूरी ही है। व्यायाम करते रहने से बहुत सी बीमारियों से बचे रहेंगे।

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4. योग रखेगा स्वस्थ

अब मॉडर्न मेडिसिन में भी योग के महत्व को स्वीकार किया गया है। योग एकाग्रता बढ़ाता है। इससे अच्छी नींद आती है और शरीर पर्याप्त रूप से शारीरिक और मानसिक गतिविधियों के लिए तैयार होता है। स्वस्थ और निरोगी काया की नींव तैयार करने के लिए योग सबसे प्रामाणित और प्राचीनतम सूत्र है।

अगर इन चार बातों पर ध्यान रखा जाए, तो बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। अगर बीमारियां होंगी, तो इस अनुपात में नहीं होंगी, जो अभी हो रही हैं।

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