Stroke: युवाओं में बढ़ रहे हैं स्ट्रोक के मामले, इन बातों का ख्याल रख, कर सकते हैं बचाव

स्ट्रोक एक जानलेवा कंडिशन है जिसमें दिमाग के सेल्स मरने शुरू हो जाते हैं। यह दिमाग तक सही मात्रा में खून न पहुंच पाने की वजह से होता है। इस कंडिशन के पीछे लाइफस्टाइल की काफी अहम भूमिका होती है। इस कंडिशन से बचाव करना ही सबसे समझदारी का काम है। जानें किन बातों का ख्याल रखकर स्ट्रोक से बचाव किया जा सकता है।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Publish:Fri, 08 Mar 2024 07:11 PM (IST) Updated:Fri, 08 Mar 2024 07:11 PM (IST)
Stroke: युवाओं में बढ़ रहे हैं स्ट्रोक के मामले, इन बातों का ख्याल रख, कर सकते हैं बचाव
इन तरीकों से करें स्ट्रोक से बचाव

HighLights

  • स्ट्रोक एक जानलेवा कंडिशन है, जिसके कई मामले युवाओं में देखने को मिल रहे हैं।
  • इसमें दिमाग तक सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है और ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
  • हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से इस कंडिशन से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Stroke: हमारी लाइफस्टाइल का असर हमारे स्वास्थय पर भी पड़ता है। जीवनशैली में हमारी डाइट, रहन-सहन और रोज की एक्टिविटीज शामिल होती हैं। खराब लाइफस्टाइल की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि ये समस्याएं ज्यादातर कम उम्र के व्यक्तियों को अपना शिकार बना रहे हैं।

कुछ दिनों पहले, जेरोधा के सीईओ नितिन कामत ने भी अपने सोशल मीडिया के जरिए बताया था कि कुछ समय पहले उन्हें स्ट्रोक आया था। इस खबर को सुनकर कई लोग चौंक गए थे कि इतने फिट दिखने वाले व्यक्ति को कैसे स्ट्रोक आ सकता है। इसके बाद से ही लोगों नें फिट और हेल्दी को लेकर विवाद शुरू हो चुका है।

स्ट्रोक एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है, जिससे बचाव के लिए सावधानियां बरतनी ही सबसे फायदेमंद तरीका है। आइए जानते हैं कैसे किया जा सकता है स्ट्रोक से बचाव।

क्या है स्ट्रोक?

स्ट्रोक उस कंडिशन को कहा जाता है, जिसमें दिमाग के सेल्स तक सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है। इस वजह से दिमाग के सेल्स डैमेज होने लगते हैं और दिमाग का प्रभावित हुआ हिस्सा ठीक से काम नहीं कर पाता है। यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस कंडिशन में हर एक सेकंड बेहद कीमती है। इसलिए इसके लक्षणों की पहचान करके, वक्त पर मदद लेना ही जान बचाने और ब्रेन डैमेज को कम करने का तरीका है।

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स्ट्रोक के प्रकार

स्ट्रोक दो प्रकार का होता है। जब किसी ब्लड वेसल के ब्लॉक होने की वजह से दिमाग तक सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है, तो ब्रेन सेल्स मरने शुरू हो जाते हैं। ऐसा दिमाग में ऑक्सीजन लेवल कम होने की वजह से होता है। इसे आइस्मिक स्ट्रोक कहा जाता है। स्ट्रोक का दूसरा प्रकार होता है- हीमोरेजिक स्ट्रोक। जब दिमाग की किसी नस के लीक करने या फटने की वजह से दिमाग में ब्लीडिंग होने लगती है, उसे हीमोरेजिक स्ट्रोक कहा जाता है। इस कारण से ब्रेन सेल्स पर दबाव पड़ता है और वे डैमेज होने लगती हैं। इस स्ट्रोक में कई बार दिमाग और स्कल के बीच की जगह में ब्लड इकट्ठा होने लगता है, जिससे भी दिमाग पर काफी दबाव पड़ता है और सेल्स डैमेज हो सकती हैं।

स्ट्रोक के लक्षण

शरीर के एक तरफ पैरालिसिस या कमजोरी महसूस होना आंशिक या पूरी तरह से सेंस ऑर्गन्स का काम करना बंद हो जाना तेज सिर दर्द चक्कर आना उल्टी होना संतुलन बनाने में या चलने में तकलीफ होना चेहरे का एक हिस्सा ड्रूप होना बोलने में तकलीफ होना दिखाई देना बंद होना या धुंधला दिखना याददाश्त खोना कंफ्यूजन दौरा पड़ना

कैसे करें स्ट्रोक से बचाव?

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने न दें। हेल्दी वजन मेंटेन करें। रोज एक्सरसाइज करें। नींद पूरी करें। हेल्दी डाइट खाएं। शराब न पीएं और स्मोकिंग न करें। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करें।

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Picture Courtesy: Freepik

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