Heart Attack: Microplastics बन सकते हैं हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण, स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात

प्लास्टिक हमारे जीवन का बेहद अहम हिस्सा बन चुका है। लगभग हर चीज अब हमें प्लास्टिक के पैकेट या बैग में मिलती है। इस कारण से माइक्रोप्लास्टिक अब हमारे ब्लड वेसल्स में भी पाया जाता है। एक स्टडी में पाया गया कि इस कारण से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। जानें क्या है यह स्टडी और हार्ट अटैक के अन्य कारण क्या हो सकते हैं।

By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Publish:Mon, 11 Mar 2024 06:32 PM (IST) Updated:Mon, 11 Mar 2024 06:32 PM (IST)
Heart Attack: Microplastics बन सकते हैं हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण, स्टडी में सामने आई चौंकाने वाली बात
माइक्रोप्लास्टिक की वजह से हो सकते हैं हार्ट अटैक के शिकार

HighLights

  • माइक्रोप्लास्टिक की वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है।
  • इसकी वजह से इंफ्लेमेशन बढ़ने का खतरा भी रहता है।
  • इसके अलावा, अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल भी हार्ट हेल्थ को प्रभावित करते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Heart Attack: प्लास्टिक हमारी लाइफ का हिस्सा बन चुका है। रोज हम न जाने कितनी ही चीजों का इस्तेमाल करते हैं, जो प्लास्टिक की बनी होती हैं। प्लास्टिक के बैग्स, बोतल, डिब्बे, पैकेट और न जाने क्या-क्या हम रोजाना लगभग हर काम के लिए करते हैं। काफी सस्ते दामों पर पर मिलने और आसानी से उपलब्ध हो जाने की वजह से प्लास्टिक का इस्तेमाल इसके अन्य विकल्पों से ज्यादा किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

क्या है यह स्टडी?

हाल ही में न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसन में पब्लिश हुई एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों के ब्लड में microplastics पाए गए, उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। इन लोगों में मृत्यु का खतरा भी बाकी लोगों से ज्यादा रहता है।

इस स्टडी के लिए 257 मरीजों की आर्टरीज से प्लेग का विश्लेषण किया गया। इस प्लेग को उन मरीजों की आर्टरीज से प्लेग रिमूव करने के लिए सर्जरी के जरिए निकाला गया था। इन मरीजों में से 50 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिनके शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए। इन मरीजों पर 34 महीने निगरानी रखी गई और पाया गया कि जिन मरीजों के प्लेग में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए, उनमें दूसरों की तुलना में हार्ट अटैक, स्ट्रोक या प्रीमेच्योर डेथ का खतरा काफी ज्यादा था।

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इंफ्लेमेशन का खतरा 

इन मरीजों के प्लेग में इंफ्लेमेशन के बायोमार्कर्स भी पाए गए, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि माइक्रोप्लास्टिक की वजह से शरीर में इंफ्लेमेशन की समस्या भी बढ़ सकती है। हालांकि, इस स्टडी में यह भी कहा गया कि माइक्रोप्लास्टिक कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का कारण नहीं है बल्कि, एक लिंक है। इसलिए इसके अलावा, अन्य फैक्टर्स भी हैं, जो दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। हालांकि, माइक्रोप्लास्टिक इतने छोटे होते हैं कि वे ब्लड के जरिए शरीर के किसी भी हिस्से में जा सकते हैं। हालांकि, इसके अलावा और भी कई कारण हैं, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।

कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण-

खाने में प्रोसेस्ड और ऑयली फूड की मात्रा ज्यादा होना सेडेंटरी लाइफस्टाइल, यानी फिजिकल एक्टिविटी काफी कम होना खाने में शुगर या नमक की मात्रा ज्यादा होना ब्लड शुगर लेवल अधिक होना वजन ज्यादा होना

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Picture Courtesy: Freepik

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