Vitamin D: मां के दूध से नहीं हो पाती है इस विटामिन की कमी दूर, जानें नवजात के लिए क्यों जरूरी है विटामिन-डी

विटामिन-डी एक जरूरी पोषक तत्व है जो न बच्चों व बड़ों दोनों के लिए ही काफी आवश्यक होता है। बच्चों के लिए इसकी कमी अधिक घातक हो सकती है क्योंकि बच्चों का पूरा विकास नहीं हुआ होता है। इसलिए नवजात शिशुओं के विकास में विटामिन-डी बेहद अहम भूमिका निभाता है। जानें बच्चों के लिए क्यों खतरनाक है विटामिन-डी की कमी।

By Swati SharmaEdited By: Publish:Fri, 26 Jan 2024 05:05 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jan 2024 05:05 PM (IST)
Vitamin D: मां के दूध से नहीं हो पाती है इस विटामिन की कमी दूर, जानें नवजात के लिए क्यों जरूरी है विटामिन-डी
नवजात शिशुओं के लिए आवश्यक है विटामिन-डी की पूर्ति

HighLights

  • बच्चों में विटामिन-डी की कमी रिकेट्स की वजह बन सकता है।
  • इम्यून सिस्टम और मांसपेशियों के विकास के लिए विटामिन-डी काफी जरूरी होता है।
  • दिमाग को विकसित करने के लिए भी बच्चों को विटामिन-डी की जरूरत होती है।

लाइफस्टाइल डेस्क,नई दिल्ली। Vitamin D: विटामिन-डी हमारी सेहत के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है, जिसकी कमी की वजह से शरीर में कई समस्याएं घर बना सकती हैं। विटामिन-डी एक फैट सॉल्यूबल पोषक तत्व है, जो शरीर में कई अहम भूमिकाएं निभाता है। यह पोषक तत्व शिशुओं के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसकी कमी की वजह से, बच्चों के विकास में रुकावट आ सकती है, जो आगे चलकर उनके जीवन को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए बच्चों के लिए विटामिन-डी की कमी खतरनाक साबित हो सकती है। दरअसल, विटामिन-डी हड्डियों की मजबूती से लेकर इम्यून सिस्टम की मजबूती तक के लिए काफी फायदेमंद होता है। जानें शिशुओं के लिए क्यों आवश्यक है विटामिन-डी।

मां के दूध से नहीं होती विटामिन-डी की कमी दूर...

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, बच्चों में जन्म के समय काफी कम मात्रा में विटामिन-डी होता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान मां के जरिए बच्चे में आता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां में विटामिन-डी की कमी की वजह से भी बच्चों में इसकी कम मात्रा जाती है, लेकिन मां के दूध से, सप्लीमेंट्स और सन एक्सपोजर की मदद से विटामिन-डी के लेवल को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि केवल मां के दूध से विटामिन-डी भरपूर मात्रा में नहीं पाया जाता। इस कारण से केवल मां का दूध पीने वाले बच्चों में विटामिन-डी की कमी होने का खतरा अधिक रहता है।

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क्यों जरूरी है विटामिन-डी?

हड्डियों की मजबूती

बच्चों की हड्डियां पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती हैं। वे अभी भी अपना शेप ले रही होती हैं, जिस कारण से उनकी हड्डियों का हेल्दी रहना काफी आवश्यक होता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम जरूरी होता है, जिसके अब्जॉर्प्शन के लिए विटामिन-डी की आवश्यकता होती है। इसलिए विटामिन-डी की कमी की वजह से बच्चों को रिकेट्स की समस्या हो जाती है, जिसमें हड्डियां कमजोर और टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं। इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक

विटामिन-डी इम्यून सिस्टम के बेहतर फंक्शन के लिए काफी आवश्यक होता है। इसकी कमी की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिस कारण से बच्चे आसानी से बीमारियों का शिकार बन सकते हैं। इसलिए जिन बच्चों में विटामिन-डी की कमी होती है, वे आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। इसलिए बच्चों को बीमारियों से बचाव के लिए विटामिन-डी की कमी से बचाव करना जरूरी होता है।

दिमाग के विकास के लिए जरूरी

विटामिन-डी ब्रेन सेल्स को विकसित करने में मदद करता है, जिस कारण से न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारियों होने का खतरा कम होता है। यह कॉग्नीटिव हेल्थ के लिए भी काफी आवश्यक होता है, जो बच्चों के सोचने-समझने, लॉजिक, भाषा आदि के विकास के लिए जरूरी होता है। इसकी कमी होने की वजह से बच्चों का दिमाग पूर्ण रूप से या यूं कहें कि बेहतर तरीके से विकसित नहीं हो पाता।

मांसपेशियों की मजबूती

विटामिन-डी हड्डियों के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। मांसपेशियां मजबूत न होने की वजह से बच्चे को चलने-फिरने, खेल-कूदने आदि में बाकी बच्चों से पिछड़ सकते हैं। इसलिए मांसपेशियों के विकास के लिए विटामिन-डी बेहद जरूरी होता है।

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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Picture Courtesy: Freepik

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