विश्व की सबसे सीधी टनल और स्कॉटिश स्टाइल रेलवे स्टेशन के लिए मशहूर है बड़ोग

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित बरोग बहुत ही खूबसूरत जगह है। जहां जाकर आप 2 से 3 दिनों की छुट्टियां सुकून से बिता सकते हैं। यहां देखने वाली कई जगहें हैं, जानेंगे इसके बारे में।

By Priyanka SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Nov 2018 02:43 PM (IST) Updated:Sun, 02 Dec 2018 06:00 AM (IST)
विश्व की सबसे सीधी टनल और स्कॉटिश स्टाइल रेलवे स्टेशन के लिए मशहूर है बड़ोग
विश्व की सबसे सीधी टनल और स्कॉटिश स्टाइल रेलवे स्टेशन के लिए मशहूर है बड़ोग

चीड़ और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ बड़ोग, बेशक शिमला, मनाली जैसी बहुत मशहूर जगह नहीं लेकिन वीकेंड में छुट्टियां बिताने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित बरोग का रेलवे स्टेशन यहां देखने वाली बहुत ही खूबसूरत जगह है। जहां तक पहुंचने का रास्ता भी पहाड़ियों से होकर आता है। यहां आप टॉय ट्रेन की राइड ले सकते हैं। ज्यादातर टूरिस्ट्स शिमला की यात्रा करते समय चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर की दूरी पर कालका-शिमला हाइवे पर स्थित बड़ोग में रुकना पसंद करते हैं।
बड़ोग शहर के नाम के पीछे की कहानी
बड़ोग में कालका-शिमला रेल मार्ग पर सुरंग नंबर 33 है। इसकी लंबाई 1143.11 मीटर है। इसका निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर एच. एस. हैरिंगटन द्वारा जुलाई 1900 से सिंतबर 1903 के बीच कराया गया। दरअसल, इस शहर का नाम इसी सुरंग के निर्माता के नाम पर पड़ा है। शहर का नाम अंग्रेज इंजीनियर बड़ोग के नाम पर रखा गया है। बड़ोग रेलवे स्टेशन के निर्माण को गति देने के लिए पर्वत के दोनों ओर खुदाई करने का आदेश दिया गया था। हालांकि बाद में यह पता चला कि इंजीनियर बड़ोग का अनुमान गलत होने के कारण टनल के दोनों सिरे आपस में नहीं मिल सके। इस पर ब्रिटिश सरकार ने उन पर एक रुपये का जुर्माना लगाया। इस शर्मिंदगी के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली। इंजीनियर बड़ोग का शव इस टनल के पास ही दफनाया गया और बाद में उनके नाम पर इस गांव का नाम बड़ोग रखा गया। यह विश्व की सबसे सीधी टनल के रूप में जानी जाती है। यहां का रेलवे स्टेशन स्कॉटिश स्टाइल में बना है, जो बहुत आकर्षक है।

बरोग में घूमने के लिए ये जगहें हैं खास
रेणुका लेक- बड़ोग की ये जगह है फेमस टूरिस्ट स्पॉट। जो हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेचुरल लेक में से एक है। समुद्र तल से करीब 672 मीटर की ऊंचाई वाली इस झील का नाम भगवान परशुराम की मां रेणुका के नाम पर रखा गया है। घने जंगलों से घिरी इस झील के किनारे दो मंदिर भी हैं। ऐसा माना जाता है कि ये मंदिर 18वीं सदी के हैं।

बड़ोग का कब्रिस्तान- बड़ोग का ये छोटा-सा कब्रिस्तान अब टूरिस्ट स्पॉट बन चुका है। यहां एक गार्डन भी है जहां आकर आप सुकून के कुछ पल बिता सकते हैं।
चूरधर माउंटेन- देवदार के वृक्षों से घिरी चूरधर की पहाडिय़ों का नज़ारा बड़ा ही मनमोहक होता है। इसकी चोटी को चूर-चांदनी कहा जाता है। चांदनी रातों में चोटी की खूबसूरती देखते बनती है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 3650 मीटर है।

कैपिंग ग्राउंड- यह एक रजिस्टर्ड कैंपिंग ग्राउंड है। टूरिस्ट यहां पर कैंप लगा सकते हैं। इस ग्राउंड से चूर-चांदनी की चोटी और सोलन वैली के शानदार नज़ारे दिखाई देते हैं।
बड़ोग के आसपास राजगढ़, दगशाई, शिव मंदिर, दोलांजी बोन मठ, शोलोनी देवी मंदिर, जवाहर पार्क ये जगहें भी घूमने लायक हैं।

कब आएं
समुद्रतल से 1800 मीटर की ऊंचाई पर बसे बरोग को घूमने का प्लान कभी भी बनाया जा सकता हैं। गर्मियों में जहां मौसम सुहाना होता है वहीं सर्दियों में आप स्नोफॉल का भी मज़ा ले सकते हैं।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग- शिमला का जुबरहट्टी एयरपोर्ट सबसे नज़दीक है। जहां से 65 किमी का सफर तय करके आप बड़ोग पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग- कालका और शिमला दोनों जगहों से बड़ोग की कनेक्टिविटी है।
सड़क मार्ग- कालका-शिमला हाईवे से बड़ोग के लिए लगातार बसें और टैक्सी चलती रहती हैं।

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