MP News: अब बजट बनाकर पानी की खपत करेगा खरगोन, अपनाई जाएगी यह टेक्नॉलजी
18 अप्रैल 2023 को जल बजट लागू कर केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने गर्मियों में पानी की कमी की स्थिति से निपटने के लिए बकायदा बजट बनाकर इस पर काम शुरू किया। अब खरगोन इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। घटते जलस्तर के बाद जिला पंचायत के अधिकारियों ने जल बजट पर काम शुरू कर दिया है।
HighLights
- पानी मिला कितना और व्यर्थ कितना बहा इसका ऑडिट भी होगा
- 600 गांवो के लिए तैयार हो रहा है प्लान
- इसके पूर्व केरल ने जल बजट बनाकर पानी की कमी से पार पाने की कवायद की थी
विशाल छटिये, खरगोन। देशभर में सफेद सोने (कपास) के लिए पहचाने जाने वाला खरगोन अब जल बजट बनाकर पानी की खपत नियंत्रित करने का इनोवेशन करने जा रहा है। जिले के 600 गांवों में ऐसा इनोवेशन किया जाएगा। कितना पानी मिला, कितना उपयोग किया गया और कितना व्यर्थ बहा इसका बकायदा आडिट भी किया जाएगा।
घटते जलस्तर के बाद जिला पंचायत के अधिकारियों ने जल बजट पर काम शुरू कर दिया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भगवानपुरा के रसगांगली, भीकनगांव का चिकलवास व झिरन्या का गाडग्याम गांव शामिल है। इन गांवों में पानी का बजट शुरू किया जाएगा और मानसून के बाद पूरे जिले के सभी गांवों में इसे लागू कर दिया जाएगा। इसका सर्वे भी शुरू हो गया है।
सर्वे में पहले क्षेत्र में पानी की आवक, उपयोग और व्यर्थ बहने वाले पानी का डाटा एकत्रित किया जाएगा। इसके अनुरूप उस गांव में पौधारोपण, कंटूर, यूज बोल्डर, चेक डैम, स्टाप डैम और तालाब का निर्माण किया जाएगा। प्रभारी मनरेगा अधिकारी रमाकांत पाटीदार का कहना है कि अब तक जल संरक्षण के लिए तालाब, स्टाप डैम, पौधारोपण आदि करते आ रहे हैं, फिर भी जल संरक्षण नहीं हो रहा है।
अब केरल की राह पर पानी के बजट में जल संरक्षण करेंगे। इसमें पानी की पूरी जानकारी होगी। इस अभिनव प्रयोग से जल संरक्षण व संवर्धन के साथ ही जिले के जल स्तर में सुधार भी होगा। फिलहाल जिले का जल स्तर 38 मीटर है। उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल 2023 को जल बजट लागू कर केरल देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने गर्मियों में पानी की कमी की स्थिति से निपटने के लिए बकायदा बजट बनाकर इस पर काम शुरू किया। अब खरगोन इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।
परंपरागत और तकनीक का उपयोग होगाा
यह योजना जनसहभागी होगी। इसमें परंपरागत और तकनीक का सहारा लिया जाएगा। जल संरक्षण के लिए ग्रामीण अपनी परंपरगत पद्धति बताएंगे तो अधिकारी तकनीक से जल संरक्षण करेंगे। प्रोजेक्ट का उद्देश्य है जलसंरक्षण। लक्ष्य यही रखा गया है आने वाले कुछ वर्षों में जलसंकट की स्थिति से जिले को उबार लिया जाए।
जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के माध्यम से अभी तीन गांवों को लिया गया है। इसमें कितना जल मिलता है, कितना उपयोग करते हैं और कितना व्यर्थ बहता है। इसका आडिट होगा। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। 20 जून को सर्वे रिपोर्ट के आधार पर जरूरत के हिसाब से पौधारोपण, कंटूर, तालाब निर्माण होगा। इससे गर्मी में भी जल मिलेगा और जल संरक्षण होगा। इसके बाद जिले के 600 गांवों में भी ऐसा किया जाएगा।
-आकाश सिंह प्रभारी कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ, खरगोन
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