Madhvi Raje Scindia: शादी के बाद बदला गया था नाम, नेपाल के राजघराने से था रिश्ता; जानें कौन थीं माधवी राजे सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया का आज सुबह निधन हो गया। बता दें कि उनका नाता नेपाल के राणा राजवंश परिवार से है। सिंधिया परिवार को 60 के दशक में नेपाल के राजपरिवार से विवाह का प्रस्‍ताव आया था। जिसके बाद 1966 में माधवी राजे का सिंधिया राजघराने के महाराजा माधवराव सिंधिया से विवाह हुआ था।

By Versha Singh Edited By: Versha Singh
Updated: Wed, 15 May 2024 11:56 AM (IST)
Madhvi Raje Scindia: शादी के बाद बदला गया था नाम, नेपाल के राजघराने से था रिश्ता; जानें कौन थीं माधवी राजे सिंधिया
Madhvi Raje Scindia: शादी के बाद बदला गया था नाम, नेपाल के राजघराने से था रिश्ता

HighLights

  1. माधवी राजे सिंधिया का आज सुबह निधन
  2. नेपाल के राजघराने से था रिश्ता

ऑनलाइन डेस्क, ग्‍वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता माधवी राजे सिंधिया का आज सुबह निधन हो गया। बता दें कि उनका नाता नेपाल के राणा राजवंश परिवार से है। इस राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं।

सिंधिया परिवार को 60 के दशक में नेपाल के राजपरिवार से विवाह का प्रस्‍ताव आया था। जिसके बाद 1966 में माधवी राजे का सिंधिया राजघराने के महाराजा माधवराव सिंधिया से विवाह हुआ था।

राजमाता माधवी राजे सिंधिया नेपाल के राणा राजवंश परिवार से आती हैं। इस राजवंश के प्रमुख जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा थे। वह नेपाल के प्रधानमंत्री भी रहे हैं। 60 के दशक में सिंधिया परिवार में नेपाल राजघराने की तरफ से शादी का प्रस्ताव आया था, जिसे ग्वालियर घराने ने स्वीकार कर लिया था। विवाह से पूर्व उनका नाम किरण राज लक्ष्मी था, जिसे बदलकर माधवी राजे सिंधिया किया गया था।

बारात ले जाने के लिए चली थी स्पेशल ट्रेन

माधवराव सिंधिया और माधवी राजे सिंधिया का विवाह दिल्‍ली में आयोजित किया गया था। जिसमें विदेश से भी कई मेहमान शामिल हुए थे। ऐसे में बरात ले जाने के लिए एक विशेष ट्रेन का इंतजाम किया गया था और यह ट्रेन ग्वालियर से बरात लेकर दिल्ली पहुंची थी। यहां 6 मई 1966 को दोनों का विवाह हुआ था।

महल के रास्ते तक बिछाए गए थे फूल

8 मई 1966 को हुई शादी के बाद माधवी राजे सिंधिया परिवार की बहू बनकर ग्‍वालियर लौटी थीं। जहां उनका भव्य स्‍वागत किया गया था। इस दौरान महल की ओर जाने वाले पूरे रास्ते पर फूल बिछाए गए थे।

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