'पीएम मोदी की पहल अखण्ड भारत की याद दिलाती है', CM मोहन यादव ने CAA के तहत आवेदकों को प्रदान किए नागरिकता प्रमाण पत्र

सीएम मोहन यादव ने कहा कि पीएम मोदी ने एक कठिनाई का निराकरण कर ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है जो अखण्ड भारत की याद दिलाता है। वर्ष 1947 से पहले तत्कालीन सरकार द्वारा निर्णय किया गया था कि हम अपने अपने देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे। इस भरोसे पर हमारे कई भाई बहन उन स्थानों में रह गए जो पहले भारत के ही भाग थे।

By Jagran NewsEdited By: Amit Singh Publish:Fri, 28 Jun 2024 03:40 PM (IST) Updated:Fri, 28 Jun 2024 03:40 PM (IST)
'पीएम मोदी की पहल अखण्ड भारत की याद दिलाती है', CM मोहन यादव ने CAA के तहत आवेदकों को प्रदान किए नागरिकता प्रमाण पत्र
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत प्रदेश में पहली बार प्रदान की गई नागरिकता

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ गए हैं। यह लोग अपने धर्म को बचाने के लिए अपने मूल देश आए हैं। सीएए के अंतर्गत आने वाले सभी लोगों का हम स्वागत करेंगे। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि नई पीढ़ी के यह लोग मध्यप्रदेश का हिस्सा बन रहे हैं। हमारे देश के नागरिकों के जो अधिकार हैं वही अधिकार इनको मिलेंगे।

मध्यप्रदेश में इनका स्वागत है, राज्य शासन हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और यह लोग मध्यप्रदेश का भाग बनकर गर्व का अनुभव करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 के अंतर्गत प्रदेश के प्रथम तीन आवेदकों को मंत्रालय में भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करने के अवसर पर मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सुश्री राखी दास, श्री समीर मेलवानी और कुमारी संजना मेलवानी को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए।

भारत ने दिया उदारता का परिचय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कठिनाई का निराकरण कर ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है जो अखण्ड भारत की याद दिलाता है। वर्ष 1947 से पहले तत्कालीन सरकार द्वारा निर्णय किया गया था कि हम अपने अपने देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे। इस भरोसे पर हमारे कई हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भाई बहन उन स्थानों में रह गए जो पहले भारत के ही भाग थे।

लेकिन जैसी कि आशंका थी उन देशों में हमारे धर्मावलंबियों की सुरक्षा का आभाव रहा और उन्हें कई कष्ट भोगने पड़े। दुर्भाग्य यह रहा कि इन लोगों को अपने देश में लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और इन्हें विदेशी माना गया, जबकि मूल रूप से यह विदेशी नहीं हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर उदारता का परिचय दिया है और हमारे लिए प्रसन्न्ता की बात यह है कि अपने लोग अपने देश आ रहे हैं।

CAA के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए पात्रता

उल्लोखनीय है कि नागरिकता संशोधन अधिनियिम (सीएए)2019 के तहत भारत सरकार द्वारा 11 मार्च 2024 को नगरिकता (संशोधन)नियम 2024 लागू किए गए। इन नियमों के लागू होने के बाद मध्यप्रदेश में प्रथम बार तीन लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019(सीएए)2019 के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में धारा 6 बी जोड़ी गई है। सीएए के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रवासी का सम्बन्ध हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई में से किसी एक समुदाय से होना चाहिए, प्रवासी अफगानिस्तान, बंगलादेश या पाकिस्तान में से किसी एक देश का नागरिक होना चाहिए और प्रवासियों द्वारा 31 दिसम्बर 2014 का या उससे पहले भारत में प्रवेश किया होना चाहिए।

सीएए के तहत आवेदन वेबसाइट www.indiancitizenshiponline.nic.in पर ऑनलाइन या मोबाइल एप्लिकेशन, सीएए-2019 के माध्यम से दर्ज किया जाता है।

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