Water Crisis: मध्य प्रदेश के इस गांव में जल संकट के कारण लड़कों की नहीं हो रही शादी, पशु और लोग पीते हैं गंदा पानी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का एक गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है। संकट ऐसा कि ग्रामीणों को पानी लाने के लिए एक छोटे और गंदे झिरिया तक पहुंचने के लिए जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में जल संकट काफी गहरा गया है और यही कारण है कि इस गांव के युवाओं के लिए दुल्हनें ढूंढना मुश्किल हो गया है।

By AgencyEdited By: Jeet Kumar
Updated: Wed, 22 May 2024 06:00 AM (IST)
Water Crisis: मध्य प्रदेश के इस गांव में जल संकट के कारण लड़कों की नहीं हो रही शादी, पशु और लोग पीते हैं गंदा पानी; पढ़ें पूरी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के इस गांव में जल संकट के कारण लड़कों की नहीं हो रही शादी

HighLights

  1. गांववालों को दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है
  2. एक निवासी ने कहा कि पानी के लिए संघर्ष उनके दैनिक जीवन में एक प्रमुख चिंता का विषय
  3. जल संकट के कारण ही कोई भी इस गांव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहता

एएनआई, छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का एक गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है। संकट ऐसा कि ग्रामीणों को पानी लाने के लिए एक छोटे और गंदे झिरिया तक पहुंचने के लिए जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। पिछले कुछ वर्षों में जल संकट काफी गहरा गया है और यही कारण है कि इस गांव के युवाओं के लिए दुल्हनें ढूंढना मुश्किल हो गया है।

पानी के लिए संघर्ष उनके दैनिक जीवन में एक प्रमुख चिंता का विषय

छतरपुर जिले से लगभग 120 किलोमीटर दूर बेहरवाड़ा ग्राम पंचायत के महरखुवा गांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि पानी के लिए संघर्ष उनके दैनिक जीवन में एक प्रमुख चिंता का विषय है। छतरपुर जिला राज्य के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि लगभग 60 प्रतिशत युवा अविवाहित हैं क्योंकि पानी की गंभीर समस्या के कारण लोग गांव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहते हैं।

दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है

उन्होंने बताया कि हमें जंगल के रास्ते लगभग दो-तीन किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। जंगली जानवरों के डर के कारण हम सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक ही झिरिया जा पाते हैं। छोटे कंटेनरों में पानी लाने में कई घंटे लग जाते हैं। हम वहां अपने कपड़े धोते हैं और उसी झिरिया का पानी हमारी पीने की जरूरतों को पूरा करता है।

कोई भी इस गांव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहता

आगे निवासी ने कहा कि झिरिया तक जाने के लिए कोई सड़क नहीं है, और हम साइकिल का उपयोग भी नहीं कर सकते। हम और हमारे मवेशी वही दूषित पानी पीते हैं, जो कीटाणुओं से भरा होता है। कोई भी इस गांव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहता है। चुनाव के दौरान, उम्मीदवार पानी देने का वादा करते हैं, लेकिन वह जीतने के बाद हमारे बारे में भूल जाते हैं। मैं सरकार से पानी की सुविधा प्रदान करने का आग्रह करता हूं।

यह क्षेत्र जल संकट से जूझ रहा है

एक अन्य स्थानीय निवासी गजराजा सिंह ने कहा कि जल संकट हमेशा से रहा है लेकिन हाल ही में स्थिति और खराब हो गई है। पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। यह क्षेत्र जल संकट से जूझ रहा है। नेता यहां वोट मांगने आते हैं, लेकिन कोई हमारे लिए कोई व्यवस्था नहीं करता। यह समस्या कई सालों से बनी हुई है। हमें इस संकट से गुजरना होगा। पानी लाने में और कभी-कभी घायल हो जाते हैं। बेहद पथरीला और जोखिम भरा रास्ता है।

गंदे पानी की वजह से कई रिश्तेदार उनसे कन्नी काट चुके हैं

एक महिला ने कहा कि पानी की समस्या के कारण उनके रिश्तेदार उनसे मिलने नहीं आते हैं। गंदे पानी की वजह से कई रिश्तेदार उनसे कन्नी काट चुके हैं। हम उचित पेयजल सुविधाएं चाहते हैं। बिजावर विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि उन्होंने पानी को लेकर ग्रामीणों की समस्याओं को उजागर करते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पानी की समस्या नई नहीं है और वह राज्य सरकार से इससे निपटने का आग्रह करेंगे।