भारतीय रेल को पटरी पर लाने को सुरेश प्रभु के लिए 10 बड़ी चुनौतियां

रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज अपना पहला रेल बजट पेश करने जा रहे हैं। भारतीय रेल से प्रतिदिन सफर करने वाले लगभग ढाई करोड़ लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। उनकी नजरें रेल मंत्री सुरेश प्रभु पर टिकी हुई हैंं। लोगों को उम्मीद है कि बजट

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Thu, 26 Feb 2015 07:54 AM (IST) Updated:Thu, 26 Feb 2015 12:08 PM (IST)
भारतीय रेल को पटरी पर लाने को सुरेश प्रभु के लिए 10 बड़ी चुनौतियां

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु आज अपना पहला रेल बजट पेश करने जा रहे हैं। भारतीय रेल से प्रतिदिन सफर करने वाले लगभग ढाई करोड़ लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। उनकी नजरें रेल मंत्री सुरेश प्रभु पर टिकी हुई हैंं। लोगों को उम्मीद है कि बजट में पहले से कुछ अलग और अच्छा होगा। भारतीय रेलवे को अब एक बड़े और आधुनिक बदलाव की जरूरत है। रेल मंत्री के समक्ष बड़ी चुनातिया हैं कि वे कैसे खास्ता हाल रेलवे को पटरी पर लाने की कोशिश करते हैं। पेश हैं रेलवे को पटरी पर लाने के लिए सुरेश प्रभु के समक्ष 10 बड़ी चुनौतियांः---

1. ट्रेनों और स्टेशनों पर साफ-सफाईः-- भारतीय ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को सबसे पहले जिस समस्या से दो चार होना पड़ता है वह है ट्रेनों और स्टेशनों पर गंदगी। अब तक रेल बजटों में बड़े बड़े वादों के बावजूद इस मामले में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा। रेल मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती रेलवे में साफ सफाई की व्यवस्था को बेहतर करना है।

2. रेलवे में ऊपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार पर नियंत्रणः--- रेल मंत्री सुरेश प्रभु के लिए बड़ी चुनौतियों में रेलवे में ऊपर से नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करना है। प्रभु खुद एक ईमानदार व्यक्ति हैं। लोगों को उम्मीद है कि वह इस पर कुछ न कुछ हद तक लगाम लगा पाएंगे। भारतीय रेलवे की बदहाली के लिए यह समस्या सबसे अधिक जिम्मेदार है।

3. आरक्षण व्यवस्था में सुधार करनाः--- रेल मंत्री से यात्रियों को उम्मीद है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को आसान और पारदर्शी बनाएगी। प्रभु के समक्ष लोगों को दलालों के जाल से मुक्ति दिलाने और टिकट के लिए लंबी कतारों और प्रतीक्षा सूची से राहत दिलाने की बड़ी चुनौती है। इस बजट में रेलमंत्री से जनता को उम्मीद है कि वे आरक्षण नीति को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

4. विदेशी निवेश को आकर्षित करनाः--- स्टेशनों, रेलगाड़ियों के रख रखाव और लंबी दूरी की रेल गाड़ियों को चलाने के लिए विदेशी निवेशकों को मौका दिया जाना जिससे यात्रियों को सुविधा मिले और रेलवे को फायदा भी हो।

5. बुलेट ट्रेनों का वाद पूरा करनाः--- पिछले बजट में बुलेट ट्रेनों को चलाने का एलान तो किया गया था लेकिन जमीनी स्तर पर कोई खास उन्नति नहीं हुई। इस बजट में बुलेट ट्रेन योजना को लेकर समय सीमा और बजट तय किया जाना चाहिए।

6. खाली पड़े पदों पर भर्ती करनाः---पिछले रेल बजट में सरकार ने खाली पड़े पदों पर भर्ती की बात कही थी। साथ ही रेलवे सुरक्षा बल में 17 हजार जवानों के साथ ही चार हजार अतिरिक्त महिला सुरक्षाकर्मियों की भर्ती का एलान किया था, लेकिन घोषणा के मुताबिक कोई खास काम नहीं हुआ। इस बजट में खाली पड़े पदों को भरने की जरूरत है।

7. एयरपोर्ट की तर्ज पर स्टेशनों को विकसित करनाः---पिछले बजट में तत्कालीन रेलमंत्री गौड़ा ने देश के दस बड़े स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित किए जाने का ऐलान किया था, लेकिन उस परियोजना पर कुछ खास काम नहीं हुआ।

8. टक्कर रोधी प्रणाली को जल्द अमल में लानाः--- देश में विकसित रेल टक्कर रोधी प्रणाली की शुरुआत कोंकण से की गई थी, लेकिन उत्तर भारत समेत कई स्थानों पर इस प्रणाली का इस्तेमाल किए जाने की घोषणा के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ। रेल मंत्री को इस महत्वपूर्ण योजना पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

9. गाड़ियों का समय से परिचालनः- यह भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी समस्या रही है। सबसे अधिक ध्यान इस समस्या पर दिए जाने की जरूरत है।

10. ट्रेनों आैर स्टेशनों पर खानपान की उत्तम व्यवस्थाः--- रेल यात्रियों के लिए यह एक बड़ी समस्या है। ट्रेनों आैर स्टेशनों पर उन्हें अच्छा खाना नहीं मिल पाता। ट्रेनों में खराब खाने की खबरें बराबर सुनने में आती है इस समस्या को दुरुस्त करना रेल मंत्री के लिए कठिन चुनौती से कम नहीं है।

पढ़ेंः लोगों को रेल बजट से ये हैं उम्मीदें

पढ़ेंः लीक से काफी हटकर होगा सुरेश प्रभु का पहला रेल बजट

chat bot
आपका साथी