बड़ी कामयाबी, मुंबई बम धमाकों का आरोपित अबू बकर यूएई में गिरफ्तार, प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी में जुटी सरकार

लगभग तीन दशक पहले बम धमाकों से मुंबई को दहलाने वाले आतंकियों में से एक अबू बकर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में गिरफ्तार कर लिया गया है। अबू बकर अंडरव‌र्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम का निकट सहयोगी रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 05 Feb 2022 12:50 AM (IST) Updated:Sat, 05 Feb 2022 06:47 AM (IST)
बड़ी कामयाबी, मुंबई बम धमाकों का आरोपित अबू बकर यूएई में गिरफ्तार, प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी में जुटी सरकार
सन 1993 में मुंबई को दहलाने वाले अबू बकर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में गिरफ्तार कर लिया गया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। लगभग तीन दशक पहले बम धमाकों से मुंबई को दहलाने वाले आतंकियों में से एक अबू बकर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में गिरफ्तार कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंडरव‌र्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम के इस निकट सहयोगी को भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। भारतीय एजेंसियां अब उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी में जुट गई हैं।

1993 में हुए थे सिलसिलेवार 12 बम धमाके

बता दें कि मुंबई में 1993 में सिलसिलेवार 12 बम धमाके हुए थे, जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सात से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। इस आतंकी घटना के बाद ही अबू बकर यूएई और पाकिस्तान में रह रहा था। दोनों देशों में उसके कई कारोबार भी हैं। भारत में वह मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल था। उसका पूरा नाम अबू बकर अब्दुल गफूर शेख है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक

दाऊद इब्राहिम के दुबई स्थित घर पर मुंबई में बम धमाकों की साजिश रची गई थी। उस बैठक में अबू बकर भी शामिल था। उसने गुलाम कश्मीर में बम धमाके कराने की ट्रेनिंग ली थी। मुंबई में विस्फोट के लिए वह आरडीएक्स के साथ ही हथियार भी लेकर आया था।

यूएई में पकड़ा गया

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय एजेंसियों से मिली गुप्त सूचनाओं के आधार पर हाल ही में उसे यूएई में पकड़ा गया। बता दें कि 2019 में भी वह यूएई में सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगा था, लेकिन दस्तावेज संबंधी कुछ मसलों को लेकर वह छूट गया था।

दाऊद के लिए करता था काम

दाऊद इब्राहिम के लिए काम करने वाले मोहम्मद और मुस्तफा डोसा के साथ मिलकर अबू बकर तस्करी के धंधे में भी लिप्त था। वह खाड़ी के देशों से सोना, कपड़े और इलेक्ट्रानिक्स सामान की मुंबई और आसपास के इलाकों में तस्करी करता था। उसके खिलाफ 1997 में रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया गया था। 

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