तमिलनाडु में कठपुतली मुख्यमंत्री नहीं चाहती भाजपा

भाजपा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यपाल विद्यासागर राव के इंतजार करने के निर्णय को सही साबित कर दिया है।

By Manish NegiEdited By:
Updated: Tue, 14 Feb 2017 09:32 PM (IST)
तमिलनाडु में कठपुतली मुख्यमंत्री नहीं चाहती भाजपा
तमिलनाडु में कठपुतली मुख्यमंत्री नहीं चाहती भाजपा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जयललिता की विरासत के लिए एआइडीएमके में मचे घमासान में सीधे कूदने से भाजपा बच रही है। भाजपा का मानना है कि एआइडीएमके की कमान ऐसे नेता को मिले, जो जयललिता की विरासत को आगे बढ़ा सके और जिसे आम जनता का भी समर्थन प्राप्त हो। भाजपा ने साफ कर दिया कि कोई भी कठपुतली नेता न तो एआइडीएमके और न ही तमिलनाडु के हित में होगा। भाजपा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यपाल विद्यासागर राव के इंतजार करने के निर्णय को सही साबित कर दिया है।

शशिकला के दोषी ठहराये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ कर दिया कि भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है और राज्यपाल को ही उचित निर्णय लेना है। जाहिर है भाजपा सीधे तौर पर एनआइडीएमके की अंदरूनी लड़ाई के पचड़े में फंसना नहीं चाहती है। लेकिन तमिलनाडु के प्रभारी पार्टी महासचिव मुरलीधर राव ने साफ कर दिया है कि ऐसी सरकार प्रदेश के हित में नहीं है जो प्राक्सी से चले। उन्होंने कहा कि किसी कठपुतली नेता को मुख्यमंत्री बना देने मात्र से उसे जनता का विश्वास नहीं मिल सकता है। ध्यान देने की बात है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला खेमे ने पनलीसामी को विधायक दल का नेता चुन लिया है। जबकि जयललिता के निधन के बाद उनके नजदीकी पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।

वहीं तमिलनाडु के राजनीतिक संकट पर कोई निर्णय नहीं लेने की आलोचना झेल रहे राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहत मिली है। भाजपा अब खुलकर उनके साथ खड़ी हो गई है। भाजपा महासचिव राममाधव ने ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यपाल के इंतजार करने के निर्णय को सही ठहराया है। भाजपा चाहती है कि इसी तरह विद्यासागर राव अपने विवेक से तमिलनाडु की कमान सौंपने के लिए ऐसे व्यक्ति को आमंत्रित करें, जिसके पास सिर्फ संख्या बल नहीं हो, बल्कि जिसे राज्य की जनता का विश्वास भी प्राप्त हो।

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