Revised Travel Norms: बच्चों के लिए यात्रा नियम बदलकर रेलवे ने कमाए अतिरिक्त 2800 करोड़ रुपये

सीआरआइएस ने बताया कि नियमों में संशोधन के कारण अकेले वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही 560 करोड़ रुपये की कमाई की गई। गत 31 मार्च 2016 को मंत्रालय ने घोषणा की थी यदि बच्चों के लिए आरक्षित कोच में अलग सीट का विकल्प चुना गया है तो रेलवे पांच से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पूर्ण वयस्क का किराया वसूल करेगी।

By AgencyEdited By: Publish:Tue, 19 Sep 2023 11:32 PM (IST) Updated:Tue, 19 Sep 2023 11:32 PM (IST)
Revised Travel Norms: बच्चों के लिए यात्रा नियम बदलकर रेलवे ने कमाए अतिरिक्त 2800 करोड़ रुपये
10 करोड़ से अधिक बच्चों ने अलग सीट का विकल्प चुनकर पूरा किराया चुकाया।

HighLights

  • आरटीआइ के जवाब में रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र ने दी जानकारी
  • अलग सीट लेने पर बच्चों का भी लगता है पूर्ण वयस्क का किराया

नई दिल्ली, पीटीआई। भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने बच्चों के लिए यात्रा किराया नियमों में बदलाव कर सात साल में 2800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया। रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआइएस) ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।

सीआरआइएस ने बताया कि नियमों में संशोधन के कारण अकेले वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही 560 करोड़ रुपये की कमाई की गई। गत 31 मार्च 2016 को मंत्रालय ने घोषणा की थी यदि बच्चों के लिए आरक्षित कोच में अलग सीट का विकल्प चुना गया है तो रेलवे पांच से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए पूर्ण वयस्क का किराया वसूल करेगी। संशोधित मानदंड 21 अप्रैल 2016 से लागू हो गए।

पहले मिलता था अलग बर्थ चुनने का विकल्‍प

इससे पहले रेलवे (Railway) पांच से 12 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए अलग बर्थ चुनने का विकल्प देती थी और यात्रा का किराया आधा लेता था। हालांकि संशोधित मानक में उक्त आयु वर्ग के बच्चों को आधे किराये पर यात्रा की अनुमति दी गई है लेकिन उन्हें अलग से सीट नहीं मिलेगी। उन्हें यात्रा कर रहे वयस्क की सीट पर ही बैठना होगा।

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10 करोड़ बच्‍चों ने दिया पूरा किराया

सीआरआइएस (CRIS) ने बच्चों की दो श्रेणियों के किराया विकल्पों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक के आंकड़े उपलब्ध कराए हें। सात सालों का आंकड़ा दर्शाता है कि 3.6 करोड़ से अधिक बच्चों ने बिना अलग सीट लिए आधा किराया चुका कर यात्रा की। वहीं 10 करोड़ से अधिक बच्चों ने अलग सीट का विकल्प चुनकर पूरा किराया चुकाया।

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