डेटिंग ऐप से संभल जाए! लड़की ने पहले कैफे में बुलाया, फिर वसूल लिए लाखों रुपये; ठगी का यह तरीका जान चौंक जाएंगे आप

गिरोह में एक रेस्टोरेंट का मालिक मैनेजर रेस्टोरेंट का स्टाफ वह 25 साल सिविल सर्विस एस्पिरेंट शामिल है। लड़की इस एप के जरिए ऐसा इंसान ढूंढती थी जिसे ठगा जा सके फिर उसे किसी बहाने रेस्टोरेंट के अंदर बुलाती थी। जब शख्स दिशा-निर्देश के लिए कैफे का नाम पूछता है तो महिला उसे एक विशेष मेट्रो स्टेशन पर मिलने के लिए कहती।

By AgencyEdited By: Shubhrangi Goyal Publish:Sun, 30 Jun 2024 03:53 PM (IST) Updated:Sun, 30 Jun 2024 03:53 PM (IST)
डेटिंग ऐप से संभल जाए! लड़की ने पहले कैफे में बुलाया, फिर वसूल लिए लाखों रुपये; ठगी का यह तरीका जान चौंक जाएंगे आप
टिंडर से लड़की ने किया स्कैम (file photo)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली से एक सिविल सर्विस एस्पिरेंट का डेटिंग ऐप टिंडर के जरिए ठगी का मामला सामने आया है। बता दें कि डेटिंग ऐप टिंडर से ठगी को लेकर इसके लिए पूरा का पूरा गिरोह चल रहा था। इस गिरोह में एक रेस्टोरेंट का मालिक, मैनेजर, रेस्टोरेंट का स्टाफ वह 25 साल सिविल सर्विस एस्पिरेंट शामिल है। लड़की इस ऐप के जरिए ऐसा इंसान ढूंढती थी जिसे ठगा जा सके, फिर उसे किसी बहाने रेस्टोरेंट के अंदर बुलाती थी।

जब शख्स दिशा-निर्देश के लिए कैफे का नाम पूछता है, तो महिला उसे एक विशेष मेट्रो स्टेशन पर मिलने के लिए कहती। महिला उसे किसी कैफे में ले जाकर ऐसा ऑर्डर देती, जिससे शख्स को किसी तरह का संदेह न हो। महिला कुछ ऐसा ऑर्डर करती है जो शायद मेन्यू में नहीं होता।

मैनेजर शख्स से वसूलता था बड़ी रकम

फिर रेस्टोरेंट का मैनेजर शख्स को एक लंबा -चौड़ा बिल थमा देता था और उससे जाल में फंसाकर पैसे वसूलने की कोशिश करते। वहीं अगर शख्स पैसे देने से मना कर दे तो उसे डरा-धमकाकर एक कमरे में बंद कर दिया जाता और उसे तब तक परेशान किया जाता जब तक वह बिल नहीं दे देता।

बता दें कि घटना के कुछ दिन बाद शख्स ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और बताया कि उसकी डेटिंग एप टिंडर के जरिए महिला से मुलाकात हुई। शख्स ने बताया, लड़की ने उसे कैफे बुलाया और वहां जाल में फंसाकर सवा लाख का बिल वसूल लिया।

गिरोह इस तरह करता था पैसों का बंटवारा

पुलिस ने कैफे के मालिक अक्षय पाहवा और पीड़िता की 'डेट' अफसान परवीन को गिरफ्तार कर लिया है। अक्षय पाहवा ने पुलिस को बताया कि बिल का 15 प्रतिशत महिला को, 45 प्रतिशत प्रबंधकों के बीच और शेष 40 प्रतिशत मालिकों के बीच बांटा जाता है।

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