New Toll Tax System: अब इस टेक्नोलॉजी के जरिए वसूला जाएगा टोल, नहीं लगेगा लंबा जाम! गडकरी ने बताई पूरी प्लानिंग
New Toll Tax System सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कि वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर देश में कुल टोल संग्रह कम-से-कम 10000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि कहा कि राजमार्गों का निर्माण पूरा होने के लिए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) को लचीला और बाजार-संचालित बनाया जा सकता है।
![New Toll Tax System: अब इस टेक्नोलॉजी के जरिए वसूला जाएगा टोल, नहीं लगेगा लंबा जाम! गडकरी ने बताई पूरी प्लानिंग](https://www.jagranimages.com/images/newimg/25062024/25_06_2024-nitin_gadkari_2_23746564_m.webp)
HighLights
- राजमार्ग निर्माण के लिए 'हाइब्रिड एन्यूटी' माडल को लचीला बनाने की जरूरत: गडकरी
- उपग्रह प्रणाली पर आधारित टोल संग्रह लागू होने से 10 हजार करोड़ रुपये बढ़ जाएगा कलेक्शनः केंद्रीय मंत्री
पीटीआई, नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि राजमार्गों का निर्माण पूरा होने के लिए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) को लचीला और बाजार-संचालित बनाया जा सकता है।
ठेकेदारों पर क्या बोले नितिन गडकरी
फिलहाल एचएएम मॉडल के तहत सरकार डेवलपर को काम शुरू करने के लिए परियोजना लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा मुहैया कराती है, जबकि बाकी निवेश डेवलपर को करना होता है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि मेरा मानना है कि बुनियादी ढांचे का विकास ठेकेदारों द्वारा ही किया जाना चाहिए।'
अगर एचएएम मॉडल के तहत ठेकेदार परियोजना लागत का 60 प्रतिशत से अधिक निवेश करने को तैयार है, तो भी सरकार को हमेशा 40 प्रतिशत हिस्सा क्यों देना चाहिए। राजमार्ग का निर्माण पूरा होना जरूरी है और ये प्रस्ताव बाजार-संचालित होने चाहिए।- नितिन गडकरी
टोल संग्रह बढ़ाने पर क्या बोले?
गडकरी ने यह भी कहा कि वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर देश में कुल टोल संग्रह कम-से-कम 10,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा।
भारत में कुल टोल संग्रह सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य परिवहन बसों को राजमार्गों पर टोल का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए।
यह भी पढ़ें-