Electoral Bonds: पांच सालों में खरीदे गए 22,217 बांड, राजनीतिक दलों ने कैश कराए 22030

एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि चुनावी बांड कब- कब कितनी राशि का और किसने खरीदा है और इन्हें कब-कब किस राजनीतिक दल ने कैश कराया है। पुख्ता जानकारी तो नहीं दी जा रही है लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह की जानकारी आएगी उसके आधार पर अटकलों के जरिए ही आकलन किया जा सकेगा कि किसने किस पार्टी को फंड दिया।

By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar Publish:Wed, 13 Mar 2024 11:45 PM (IST) Updated:Wed, 13 Mar 2024 11:45 PM (IST)
Electoral Bonds: पांच सालों में खरीदे गए 22,217 बांड, राजनीतिक दलों ने कैश कराए 22030
एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22217 चुनावी बांडों को खरीदी हुई है। (फोटो सोर्स: जागरण)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी बांड को लेकर गरमाई राजनीति के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में इसकी जानकारी दे दी है कि कुल कितनी कंपनियों ने बांड खरीदे और कितने राजनीतिक दलों को लाभ मिला। चुनाव आयोग 15 मार्च को यह जानकारी सार्वजनिक भी कर देगा।

22,030 बांड को राजनीतिक दलों ने कैश कराए

चुनाव आयोग को मुहैया कराई गई जानकारी में एसबीआई ने बताया है कि एक अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 22217 चुनावी बांडों को खरीदी हुई है। इसमें से 18871 चुनावी बांड 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच खरीदे गए है।

इनमें से 22,030 बांड को राजनीतिक दलों ने कैश कराए है, जबकि बाकी 183 बांड जो कैश नहीं कराए गए थे, उसे पीएम रिलीफ फंड में भेजा दिया गया है। दरअसल, चुनावी बांड की स्कीम जारी करने के दौरान यह व्यवस्था की गई थी, जो चुनावी बांड नहीं कैश कराया जाएगा, उसे पीएम रिलीफ फंड में जमा कराना होगा। जिसका बैंक ने पालन किया है।

दो पीडीएफ फाइलों में चुनाव आयोग को दी गई जानकारी

एसबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर उनके आदेश का पालन करने और चुनावी बांड से जुड़ा ब्यौरा चुनाव आयोग को मुहैया कराने की जानकारी दी। साथ ही बताया है कि दो पीडीएफ फाइलों में पासवर्ड के साथ चुनाव आयोग को यह जानकारी मुहैया करायी गई है।

एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि चुनावी बांड कब- कब, कितनी राशि का और किसने खरीदा है और इन्हें कब-कब किस राजनीतिक दल ने कैश कराया है। पुख्ता जानकारी तो नहीं दी जा रही है लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह की जानकारी आएगी उसके आधार पर अटकलों के जरिए ही आकलन किया जा सकेगा कि किसने किस पार्टी को फंड दिया।

2019 से 2024 के बीच कुल 18,871 बांड खरीदे गए

सुप्रीम कोर्ट को दी गई सूचना में एसबीआई ने एक ब्यौरा भी दिया है, जिसमें बताया कि एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 तक 3346 चुनावी बांड खरीदे गए थे,जबकि इस दौरान 1609 बांड ही कैश कराए गए। वहीं 12 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच कुल 18,871 बांड खरीदे गए, जबकि इस अवधि में कुल 20,421 बांड कैश कराए गए।

एसबीआई ने अपने हलफमाने में बताया कि कि पांच साल की अवधि में खरीदे और कैश कराए बांडों के अलावा 183 ऐसे बांड थे, जिन्हें कैश नहीं कराया गया था। इसे बाद में तय नियमों के तहत पीएम रिलीफ फंड में भेज दिया गया। गौरतलब है कि एसबीआई ने चुनावी बांड से जुड़ी यह सारी जानकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को मुहैया कराई है।

चुनाव आयोग बिल्कुल उसी तरह जानकारी सार्वजनिक करेगा जैसे एसबीआइ ने दिया

हालांकि इसके पहले एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से सारी जानकारियों को देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था, जिसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को 12 मार्च तक चुनाव आयोग को यह जानकारी देने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि यदि इसका पालन नहीं कराया गया तो इसके लिए वह सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे।

कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए एसबीआई ने आनन-फानन में चुनावी बांड से जुड़ा सारा ब्यौरा चुनाव आयोग को दे दिया है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग बिल्कुल उसी तरह जानकारी सार्वजनिक करेगा जैसे एसबीआइ ने दिया है। यानी एक पीडीएफ में चुनावी बांड को खरीदने वालों की, उसकी कीमत और कब खरीदा गया था, इसकी जानकारी रहेगी, जबकि दूसरी पीडीएफ में किस पार्टी ने कब और कितनी कीमत का बांड कैश कराया इसका ब्यौरा रहेगा।

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