अब बिना बताए सूबा नहीं छोड़ेंगे राज्यपाल

महामहिम राज्यपाल को भी अब कम से कम राज्य से बाहर की यात्रा के मामले में तो अनुशासन में रहना होगा। सभी राज्यपालों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि उन्हें साल में 292 दिन अपने राज्य में ही बिताना जरूरी है। इसी तरह किसी भी दूसरे राज्य की

By manoj yadavEdited By:
Updated: Mon, 13 Apr 2015 12:31 PM (IST)
अब बिना बताए सूबा नहीं छोड़ेंगे राज्यपाल

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महामहिम राज्यपाल को भी अब कम से कम राज्य से बाहर की यात्रा के मामले में तो अनुशासन में रहना होगा। सभी राज्यपालों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि उन्हें साल में 292 दिन अपने राज्य में ही बिताना जरूरी है। इसी तरह किसी भी दूसरे राज्य की यात्र पर जाने से पहले इसकी सूचना राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही गृह मंत्री को भी देनी होगी। साथ ही इन्हें अब निजी और सरकारी यात्रओं को भी पूरी तरह से अलग-अलग रखना होगा।

गृह मंत्रालय ने देश भर के राजभवनों को भेजी नई नियमावली में इस बात पर जोर दिया है कि राज्यपाल अपना अधिकांश समय अपने पदस्थापना वाले राज्य में ही बिताएं। सरकार को कुछ राज्यपालों के बारे में यह सूचना मिली है कि वे अपना दफ्तर छोड़ कर अधिकांश समय अपने गृह राज्य में बिता रहे हैं। इनमें से कुछ स्थानीय राजनीति में भी सक्रिय दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसे में नई नियमावली में उन्हें कहा गया है कि उन्हें साल में कम से कम 292 दिन अपने नियुक्ति वाले राज्य में जरूर बिताने होंगे। इसी तरह इन्हें साफ तौर पर कह दिया गया है कि वह एक साल में 73 दिन से अधिक विदेश यात्रा पर नहीं रह सकते। कहीं भी बाहर जाने से पहले इन्हें राष्ट्रपति भवन को इसकी सूचना जरूर देनी होगी। साथ ही उन्हें यह जानकारी प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी भेजनी होगी। किसी अपरिहार्य कारणवश ही ये बिना पूर्व सूचना के अचानक यात्रा पर जा सकेंगे। साथ ही इस अपरिहार्य कारण के बारे में भी इन्हें संतोषजनक ब्योरा देना होगा।

हर तरह की यात्रा की अग्रिम सूचना देने के लिए न्यूनतम समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इनके लिए जहां घरेलू अनौपचारिक यात्रा के लिए एक हफ्ते पहले बताना जरूरी होगा, वहीं किसी औपचारिक विदेश दौरे के बारे में छह हफ्ते पूर्व सूचना देनी जरूरी होगी। अपनी यात्रा की पूर्व सूचना देने के लिए इन्हें दिए गए विस्तृत फार्मेट में उस यात्रा की प्रकृति के बारे में भी बताने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में इन्हें हर यात्रा के बारे में पहले से साफ तौर पर यह भी बताना होगा कि वे अपनी निजी हैसियत से यह यात्रा कर रहे हैं या फिर सरकारी काम-काज के सिलसिले में। महामहिम को मिलने वाले रुतबे के बेजा इस्तेमाल पर भी इससे रोक लग सकेगी।