India China Trade: CII ने मोदी सरकार को दिया ये सुझाव तो ड्रैगन को लगी मिर्ची, चीनी राजदूत बोले- यह जहर के समान

देश के प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई की तरफ से इलेक्ट्रानिक्स उद्योग ने आयात को लेकर सरकार से सख्ती करने की सलाह दी है। ऐसे में भारत में चीन के नए राजदूत शु फीहोंग ने संरक्षणवादी आर्थिक नीतियों को जहर के समान करार दिया है। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के एक पुराने बयान का सहारा लिया है और संरक्षणवाद को आर्थिक संवृद्धि के लिए खतरनाक बताया है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta Publish:Mon, 24 Jun 2024 10:30 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jun 2024 10:30 PM (IST)
India China Trade: CII ने मोदी सरकार को दिया ये सुझाव तो ड्रैगन को लगी मिर्ची, चीनी राजदूत बोले- यह जहर के समान
चीन से आयात रोकने की मांग पर चीनी राजदूत ने कहा, संरक्षणवाद जहर के समान। फाइल फोटो।

HighLights

  • दरवाजों को खोलने से प्रगति होती है, जबकि दरवाजे बंद कर देने से हम पीछे छूट जाते हैं- शु फीहोंग
  • चीन से बढ़ते व्यापार घाटे के मद्देनजर भारतीय उद्योग जगत की ओर से चीन से आयात को लेकर कड़े कदम उठाने कर मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीमा पर तनाव के बावजूद भारत में चीन से होने वाले आयात में कोई कमी नहीं हो रही, जबकि चीन को होने वाला भारतीय निर्यात घट रहा है। चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे के मद्देनजर भारतीय उद्योग जगत की तरफ से चीन से आयात को लेकर सख्त कदम उठाने और भारत के घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने की मांग होने लगी है।

सरकार से सख्ती करने की सलाह

देश के प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई की तरफ से इलेक्ट्रानिक्स उद्योग ने आयात को लेकर सरकार से सख्ती करने की सलाह दी है। ऐसे में भारत में चीन के नए राजदूत शु फीहोंग ने संरक्षणवादी आर्थिक नीतियों को जहर के समान करार दिया है। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के एक पुराने बयान का सहारा लिया है और संरक्षणवाद को आर्थिक संवृद्धि के लिए खतरनाक बताया है।

भारत में चीन के नए राजदूत ने क्या कहा?

फीहोंग ने सोमवार को एक्स के जरिये यह संदेश देने की कोशिश की है। उन्होंने चीन से आयात पर रोक लगाने को लेकर दो प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को उद्धृत करते हुए लिखा है कि राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा है कि दरवाजों को खोलने से प्रगति होती है, जबकि दरवाजे बंद कर देने से हम पीछे छूट जाते हैं।

संरक्षणवाद वैसा ही जैसे कि हम प्यास बुझाने के लिए जहर पी लें। यह कम समय के लिए किसी देश में घरेलू दबाव को कम कर सकता है, लेकिन यह दीर्घावधि में न सिर्फ देश को बल्कि पूरी दुनिया को बहुत ही गंभीर खतरा पैदा करता है।

2023-24 में चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश रहा है। दोनों देशों का द्विपक्षीय कारोबार 118.4 अरब डॉलर का रहा था। इसमें भारत से चीन को निर्यात सिर्फ 16.67 अरब डालर का रहा था, जबकि चीन से भारत ने 101.7 अरब डालर का आयात किया था।

घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहन की मांग

भारत चीन से इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों का काफी ज्यादा आयात करता है। सीआईआई ने भारत को इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों के मैन्यूफैक्चरिंग केंद्र के तौर पर स्थापित करने के लिए घरेलू कंपनियों को और ज्यादा प्रोत्साहन देने की मांग की है। सीआईआई ने चीन के साथ कारोबारी संबंधों की समीक्षा करने की बात कही है और चीन से बढ़ रहे आयात को लंबी अवधि में भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग के लिए घातक बताया है। 

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