बांग्लादेश के साथ संबंध को और मजबूत करेगा भारत, द्विपक्षीय समझौते के तहत ढाका को मिले 20 लोकोमोटिव

कार्यक्रम का आयोजन रेल मंत्रालय में किया गया था जिसमें भारत के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बांग्लादेश के रेलमंत्री नुरुल इस्लाम सुजान वर्चुअली जुड़े थे। दोनों देशों के रेल मंत्रियों की तरफ से उम्मीद जताई गई कि दोस्ती एवं आपसी सहयोग का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ेगा।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Tue, 23 May 2023 10:51 PM (IST) Updated:Tue, 23 May 2023 10:51 PM (IST)
बांग्लादेश के साथ संबंध को और मजबूत करेगा भारत, द्विपक्षीय समझौते के तहत ढाका को मिले 20 लोकोमोटिव
बांग्लादेश के साथ संबंध को और मजबूत करेगा भारत।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पड़ोसी देशों से परस्पर संबंधों को मजबूत करने की दिशा में भारत ने मंगलवार को एक कदम और बढ़ाते हुए बांग्लादेश को दोस्ती के प्रतीक के रूप में 20 आधुनिक लोकोमोटिव दिए। द्विपक्षीय समझौते के तहत किए गए इस हस्तांतरण से बांग्लादेश में यात्रियों की बढ़ती संख्या और माल ढुलाई की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

भारत-बांग्लादेश के रिश्ते होंगे मजबूत

कार्यक्रम का आयोजन रेल मंत्रालय में किया गया था, जिसमें भारत के रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बांग्लादेश के रेलमंत्री नुरुल इस्लाम सुजान वर्चुअली जुड़े थे। दोनों देशों के रेल मंत्रियों की तरफ से उम्मीद जताई गई कि दोस्ती एवं आपसी सहयोग का सिलसिला दिन प्रतिदिन बढ़ेगा। भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की यात्रा के दौरान रेल इंजनों की आपूर्ति पर सहमति दी थी।

बांग्लादेश को जुलाई 2020 में भी मिले थे 10 रेल इंजन

डीजल से चलने वाले सभी इंजन 3,300 हार्सपावर के और प्रतिघंटे 120 किमी की गति से चलने में सक्षम हैं। भारत ने इन्हें बांग्लादेश की पटरियों के अनुकूल बनाया है। इसके पहले बांग्लादेश को भारत ने जुलाई 2020 में भी 10 रेल इंजन दिए थे। वैष्णव ने कहा कि सीमा-पार संपर्क और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के साथ ही 1965 से पहले के नौ रेलवे लिंक में से पांच को फिर से बहाल कर दिया गया है। दो अन्य की पहचान कर ली गई और शेष दो की तैयारी चल रही है।

संपर्क सुविधा बढ़ाने पर काम जारी

दोनों देशों के बीच संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए नए रेल लिंक बनाने पर भी काम किया जा रहा है। इसके अलावा बांग्लादेश के रेल कर्मियों के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की भी प्रतिबद्धता है। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत-बांग्लादेश के संबंधों ने हाल के वर्षों में नई ऊंचाइयों को छुआ है।

उन्होंने कहा कि रेलवे में लगभग 10 अरब डालर की परियोजनाओं के साथ बांग्लादेश भारत का सबसे बड़ा विकास भागीदार है। दोनों देशों के बीच रेल संपर्क द्विपक्षीय विकास साझेदारी के प्रमुख घटकों में एक है। 30 अरब डालर से अधिक की रेलवे परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं। अभी 1.69 अरब डालर की परियोजनाएं चल रही हैं। रेल के माध्यम से व्यापार में लगातार वृद्धि है। प्रतिमाह लगभग सौ कार्गो ट्रेनों का आदान-प्रदान होता है।

बांग्लादेश की रेल पटरियों को ब्राडगेज में बदलने की पेशकश

दोनों देशों के गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव के प्रतीक के तौर पर कोलकाता-ढाका, कोलकाता-खुलना और ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी के बीच तीन अंतरराष्ट्रीय (क्रास-बार्डर) ट्रेनें चल रही हैं। वैष्णव ने बांग्लादेश की रेल पटरियों को ब्राडगेज में बदलने की भी पेशकश की। उन्होंने कहा कि मल्टी-माडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना दोनों देशों की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गति शक्ति पहल के तहत कार्गो हैंडलिंग क्षमता व दक्षता बढ़ाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। इन्हें बांग्लादेश में भी शुरू की जा सकती हैं।

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