बधाई के साथ दोस्ती बढ़ाने को लगी कतार

इन दिनों विदेश मंत्री कार्यालय के फोन की घंटी कुछ ज्यादा ही बज रही है। दरअसल, आधे दर्जन से ज्यादा मुल्कों के विदेश मंत्री भारत की नई सरकार के साथ दोस्ती के प्रयासों में जुट गए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दूसरे दिन की शुरुआत अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के फोन से हुई। शाम ढलने तक ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, दक्षिण अफ्रीका समेत दुनिया के आधा दर्जन से अधिक मुल्कों के विदेश मंत्रियों से उनकी बात हुई।

By Edited By: Publish:Thu, 29 May 2014 08:35 AM (IST) Updated:Fri, 30 May 2014 01:56 AM (IST)
बधाई के साथ दोस्ती बढ़ाने को लगी कतार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। इन दिनों विदेश मंत्री कार्यालय के फोन की घंटी कुछ ज्यादा ही बज रही है। दरअसल, आधे दर्जन से ज्यादा मुल्कों के विदेश मंत्री भारत की नई सरकार के साथ दोस्ती के प्रयासों में जुट गए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के दूसरे दिन की शुरुआत अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी के फोन से हुई। शाम ढलने तक ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, दक्षिण अफ्रीका समेत दुनिया के आधा दर्जन से अधिक मुल्कों के विदेश मंत्रियों से उनकी बात हुई।

बृहस्पतिवार को स्वराज से सबसे पहले बात करने वाले अमेरिकी विदेश मंत्री ने नई जिम्मेदारी के लिए उन्हें बधाई देने के साथ ही भारत के साथ रिश्तों की मजबूती में सहयोग की उम्मीद जताई। सुषमा ने भी भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को अहम बताते हुए साथ काम करने का भरोसा दिया। विदेश मंत्रालय के मुताबिक कैरी के साथ हुए संवाद में दोनों ने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने की संभावनाओं पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने कैरी को बीते दिनों दक्षिण एशियाई नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की मुलाकात का ब्योरा भी दिया। इस दौरान कैरी ने स्वराज को अमेरिका दौरे का न्योता भी दिया। बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात शुरू हुए विदेशी नेताओं के फोन का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। इजरायल के विदेश मंत्री एविगडोर लिबरमैन के साथ बातचीत में स्वराज ने दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय तकनीक और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था सहयोग पर चर्चा की। दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्री मैता कोना मशाबेन के साथ चर्चा के मुद्दों में तीसरे भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन का आयोजन था, तो ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री जूली बिशप से बातचीत में जी-20 जैसे मंचों पर आपसी साझेदारी प्रमुख मुद्दा थी। ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग व कनाडा के विदेश मंत्री के साथ व्यापार और निवेश संभावनाओं के मुद्दे उठे। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री की ओर से मिले निमंत्रण को स्वीकार करते हुए सुषमा स्वराज ने जल्द यात्रा का भरोसा दिया।

गौरतलब है कि सुषमा स्वराज भारत की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की कद्दावर नेता हैं। कानून की अच्छी समझ और सदन में विपक्षी को माकूल जवाब देने के लिए चर्चित रही हैं।

इनका जन्म हरियाणा के अंबाला छावनी में हुआ था। स्थानीय विद्यालय में प्रारंभिक और स्नातक की शिक्षा प्राप्त कर सुषमा ने पंजाब के विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की।

जयप्रकाश नारायण आंदोलन में भाग लेने के साथ राजनीति की शुरुआत करने वाली सुषमा ने सन् 1975 में आपातकाल का पुरजोर विरोध किया था। आपातकाल के बाद हरियाणा से दो बार विधानसभा चुनाव जीत चौधरी देवी लाल की सरकार में श्रम मंत्री रही। इसके साथ ही इन्होंने 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का रिकार्ड भी कायम किया था। दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी सुषमा भाजपा की पहली महिला राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रही हैं। सुषमा को संसद में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिल चुका है।

पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा 1973 में उन्हें सर्वोच्च वक्ता का सम्मान भी मिला चुका है। वर्तमान समय में सुषमा मध्यप्रदेश के विदिशा सीट से सांसद हैं। सुषमा के पति स्वराज कौशल राच्यसभा के सांसद रह चुके हैं। इसके अलावा ये मिजोरम के राज्यपाल पद का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। हरियाणा से दिल्ली तक के सफर में सुषमा ने राजनीतिक जगत के काफी रिकार्ड अपने नाम किए। अच्छी वक्ता होने के नाते पार्टी में महत्वपूर्ण स्थान पाने वाली सुषमा का नाम देश की सर्वश्रेष्ठ महिला राजनेताओं की सूची में शामिल किया जाता है।

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