अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बाद फिर उठी पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई करने की मांग
अमरनाथ यात्रियों पर किए गए कायराना हमले के बाद एक बार फिर से पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठने लगी है।
नई दिल्ली (स्पेशल डेस्क)। अमरनाथ यात्रियों की बस पर किए गए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने पीएम मोदी से मुलाकात की और उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी है। इससे पहले वह गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। मुलाकात के दौरान हुई वार्ता में आतंकियों से सख्ती से निपटने और यात्रियों की सुरक्षा के कड़े उपाय करने की बात भी कही गई है। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए इस साल यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी और यह 7 अगस्त को रक्षाबंधन तक चलेगी। इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए 2.12 लाख यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 9 जुलाई तक 1.34 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं। गौरतलब है कि 15 वर्षों के बाद अमरनाथ यात्रियों को आतंकियों ने निशाना बनाया है। इससे पहले 1 अगस्त 2000 को अमरनाथ यात्रियों पर बड़ा हमला हुआ था, जिसमें 30 श्रद्धालु मारे गए थे।
पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई जरूरी
इस हमले पर अपनी राय रखते हुए पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल राज काद्यान ने कहा कि जब तक पाकिस्तान पर काबू नहीं पाया जाएगा, इस तरह के हमले होते रहेंगे। दैनिक जागरण की स्पेशल डेस्क से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि पाकिस्तान को उसकी कारगुजारियों का सबक सिखाया जाए, जिसके कई सारे तरीके हैं। इस बातचीत में उन्होंने माना कि सर्जिकल स्ट्राइल और इससे अलग भी कई तरीके हैं, जिनसे पाकिस्तान को सबक सिखाया जा सकता है। इसके लिए सेना को पीओके में जाने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन अब वक्त आ गया है कि सरकार कोई ठोस फैसला ले।
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स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का साधन है यात्रा
जनरल काद्यान ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस पूरे रास्ते पर कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। इस बार यात्रा की निगरानी के लिए ड्रोन तक की व्यवस्था की गई थी और पूरे रास्ते पर नजर रखी जा रही थी। वहीं इस यात्रा के पूरे रास्ते पर आतंरिक और बाहरी सुरक्षा के साथ पूरे कॉनवॉय को सेना की निगरानी में निकाला जाता है। इस बार एडिशनल फोर्स भी वहां पर लगाई गई है। उनका कहना था कि इस हमले में कश्मीरियों का हाथ होना काफी हद तक नामुमकिन है। इसकी वजह वह मानते हैं कि इस यात्रा का जम्मू-कश्मीर की आर्थिक व्यवस्था से भी ताल्लुक है। इस यात्रा के शुरू होने का वहां पर इंतजार किया जाता है क्योंकि यह उनकी रोजी-रोटी का भी हिस्सा है। इस यात्रा की बदौलत कई कश्मीरियों को काम मिलता है, लिहाजा स्थानीय कश्मीरी इस तरह के हमले में शामिल नहीं होगा। यह हमला पाकिस्तान के भेजे गए आतंकियों की करतूत है।
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सात मृतकों में छह महिलाएं शामिल
सोमवार रात को किए गए इस हमले में छह महिलाओं समेत कुल सात श्रद्धालुओं की मौत हुई है जबकि 32 लोग घायल हुए हैं। इस बस में गुजरात से आए श्रद्धालु थे, जो वलसाड से अमरनाथ की यात्रा पूरी कर वापस बालटाल के रास्ते मीर बाजार लौट रहे थे। वहां से उन्हें माता वैष्णोदेवी के दर्शन करने कटरा जाना था। उन पर यह हमला अनंतनाग जिले के बटेंगू में किया गया। बताया जा रहा है कि दो आतंकी एक मोटरसाइकिल पर सवार थे। इस हमले में टूर ऑपरेटर योगेश प्रजापति भी घायल हुए हैं।
बाइक पर सवार थे आतंकी
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आतंकियों की संख्या करीब चार थी। हालांकि कश्मीर के आईजी मुनीर खान के अनुसार बाइक पर तीन आतंकी सवार थे। इनमें से एक की पहचान इस्माइल के रूप में हुई है। वहीं प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। आईजी मुनीर खान की मानें तो यह हमला बस के आगे चल रही आर्मी की जीप पर किया गया था, जिसकी चपेट में बस के श्रद्धालु भी आ गए।
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ड्राइवर ने की सुरक्षा चूक
इस हमले को लेकर कई सारी बातें सामने आ रही हैं, जिनके मुताबिक कई जगहों पर सुरक्षा को ताक पर रखा गया। इस पूरे वाकये में बस ड्राइवर और टूर ऑपरेटर की तरफ से कई बड़ी गलतियां भी कई गईं। अमरनाथ यात्रियों को बालटाल के रास्ते मीर बाजार ले जा रही बस नंबर J09Z 9976 वलसाड के ओम ट्रेवल्स की थी, जो अमरनाथ यात्रा बोर्ड में रजिस्टर्ड नहीं थी। लेकिन हमले में घायल टूर ऑपरेटर योगेश प्रजापति ने एक चैनल को बताया कि टायर पंक्चर की वजह से उनकी बस अन्य वाहनों से पीछे रह गई थी। वहीं पुलिस का यह भी कहना है कि बस के ड्राइवर ने यात्री नियमों का उल्लंघन किया। पुलिस के मुताबिक देर शाम बस को हाईवे पर लाना सुरक्षा के लिहाज से प्रतिबंधित था, लेकिन ड्राइवर नियम को ताक पर रखकर बस को हाइवे पर ले गया।
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शर्म से झुक गया कश्मीरियों का सिर
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गहरा दुख और गुस्सा जाहिर किया है। वह अनंतनाग हास्पिटल में इस हमले में घायल हुए श्रद्धालुओं से भी मिलीं। उन्होंने कहा कि इस आतंकी हमले से कश्मीरियों का सिर शर्म से झुक गया। महबूबा ने कहा कि हमले में शामिल आतंकियों ने कश्मीर और मुस्लिमों के नाम पर बड़ा धब्बा लगा दिया है।
अमरनाथ यात्रा का रूट
बालटाल- डोमेल- बरारी- संगम - अमरनाथ की पवित्र गुफा
पहलगाम- चंदनवाड़ी (बेसकैंप)- पीसू टॉप- जॉजी बाल- नागाकोटी- शेषनाग- वारबाल- महागुनस्टॉप- पाबीबल-पंजतर्णी- संगम- अमरनाथ की पवित्र गुफा
2000 से अब तक बड़े हमले
- 2000 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 30 लोग मारे गए थे।
- 20 जुलाई 2001 की रात करीब 1:25 बजे आतंकियों ने शेषनाग में श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलीबारी कर तीन महिलाओं और दो पुलिसकर्मी समेत कुल 13 लोगों की हत्या कर दी थी।
- 2002 में हुए आतंकी हमले में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। यह हमला यात्रा के रास्ते में आने वाले ननवान में किया गया था।
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