Morbi Bridge Collapse: मोरबी जैसे पुल देश में एक नहीं कई हैं, इन्‍हें लगातार देखरेख की पड़ती है जरूरत

गुजरात के मोरबी में हुए हादसे पर पीएम ने दुख व्‍यक्‍त किया है। मोरबी का सस्‍पेशन ब्रिज एक ही समय में अधिक लोगों का वजन सह नहीं पाया और टूट गया। देश में इस तरह के कई ब्रिज मौजूद हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 31 Oct 2022 02:41 PM (IST) Updated:Mon, 31 Oct 2022 02:41 PM (IST)
Morbi Bridge Collapse: मोरबी जैसे पुल देश में एक नहीं कई हैं, इन्‍हें लगातार देखरेख की पड़ती है जरूरत
मोरबी ब्रिज को मरम्‍मत के बाद एक सप्‍ताह पहले ही खोला गया था।

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पीएम नरेन्‍द्र मोदी के गृह राज्‍य गुजरात के मोरबी में हुए हादसे से हर कोई दुखी है। ये हादसा एक सस्‍पेंशन ब्रिज के टूट जाने से हुआ है। ये ब्रिज ब्रिटिश काल का था। इसकी लंबाई करीब 754 फीट (230 मीटर) थी। ये हादसा पुल पर संख्‍या से अधिक लोगों के आ जाने की वजह से हुआ। बता दें कि ये ब्रिज केबल से बंधा हुआ था। दरअसल, देश में दो तरह के संस्‍पेशन ब्रिज हैं। एक जिन्‍हें केबल स्‍टे ब्रिज कहा जाता है, दूसरे जो लोहे के ढांचे से बने होते हैं जैसा हुगली ब्रिज है। मोरबी में जिस पुल पर हादसा हुआ है वो ब्रिज केबल के जरिए जुड़ा हुआ था। इस तरह के ब्रिज लोगों के आने जाने पर हिलते भी हैं। इस तरह के ब्रिज की लगातार देखरेख बेहद जरूरी होती है। मोरबी में जिस पुल पर हादसा हुआ है वो एक सप्‍ताह पहले ही मरम्‍मत के बाद खोला गया था।

देश में हैं कई सस्‍पेंशन ब्रिज 

देश में मोरबी का सस्‍पेंशन ब्रिज इकलौता ऐसा ब्रिज नहीं है, बल्कि इस जैसे 600 से अधिक ब्रिज हैं। इनमें से कुछ पर हो सकता है आप भी कभी गए हो। देश का सबसे लंबा संस्‍पेशन ब्रिज उत्‍तराखंड के डोबरा से चंटी के बीच बना हुआ है। ये ब्रिज करीब 725 मीटर लंबा है। है। ये ब्रिज टिहरी को प्रतापनगर से जोड़ता है। इस सस्‍पेंशन ब्रिज से पांच घंटे की दूरी को केवल डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकता है। विद्या सागर सेतू कोलकाता को हुगली से जोड़ता है, करीब 457 मीटर लंबा है। ये ब्रिज 1992 में बनाया गया था। हर रोज इस ब्रिज से हजारों की संख्‍या में वाहन गुजरते हैं।

राम और लक्ष्‍मण झूला भी है सस्‍पेंशन ब्रिज 

देश में इनसे भी पुराने सस्‍पेंशन ब्रिज मौजूद हैं। इनमें से एक हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित है। व्‍यास नदी पर बना ये ब्रिज 1877 में बनाया गया था। ये यहां पर विक्‍टोरिया ब्रिज के नाम से जाना जाता है। इसी तरह से केरल का पुनालुर ब्रिज भी इसी दौरान बनाया गया था। ये ब्रिज 122 मीटर लंबा है। उत्‍तराखंड के ऋषिकेष के लक्ष्‍मण झूला को भला कौन नहीं जानता है। 1929 में गंगा नदी पर बना ये पुल आज भी यहां के प्रमुख पुलों में गिना जाता है। ऋषिकेष में ही 1986 में राम झूला के नाम से एक और सस्‍पेंशन ब्रिज बनाया गया था, जो करीब 228 मीटर लंबा है। दुनिया के सबसे लंबे सस्‍पेंशन ब्रिज की बात करें तो ये अमेरिका के मिशीगन में Boyne Falls के नाम से जाना जाता है। 1200 फीट लंबा ये ब्रिज पहाड़ों के बीच एक सुंदर नजारा भी पेश करता है।

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