Manipur Violence: मणिपुर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई, सामने आई यह बड़ी वजह

Manipur Violence Viral Video Latest Update। मणिपुर वायरल वीडियो मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी क्योंकि मुख्य न्यायाधीश आज अदालत में नहीं आएंगे। उससे पहले केंद्र सरकार ने गुरुवार को शीर्ष अदालत को बताया कि उसने दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने से संबंधित मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सरकार का दृष्टिकोण महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है।

By AgencyEdited By: Publish:Fri, 28 Jul 2023 09:38 AM (IST) Updated:Fri, 28 Jul 2023 11:40 AM (IST)
Manipur Violence: मणिपुर मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई, सामने आई यह बड़ी वजह
Manipur Viral Video मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

HighLights

  • Manipur Viral Video को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगी सुनवाई
  • केंद्र सरकार ने गुरुवार को Supreme Court में दायर किया हलफनामा
  • केंद्र ने कहा- सीबीआई को सौंपी गई मामले की जांच

नई दिल्ली, एएनआई। Manipur Violence Latest News: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर (Manipur) में महिलाओं के निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज सुनवाई नहीं करेगा। शीर्ष अदालत ने एक बयान में कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को अदालत में उपस्थित नहीं होंगे।इससे पहले, सीजेआई बुधवार को भी उपलब्ध नहीं थे.

बयान में कहा गया, "भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश 28 जुलाई, 2023 (शुक्रवार) को अदालत में नहीं होंगे। इसलिए, कोर्ट नंबर 1 में माननीय मुख्य न्यायाधीश और माननीय मनोज मिश्रा की पीठ की बैठक रद्द की जाती है।इस पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामलों को सुनवाई के लिए नहीं लिया जाएगा और स्थगित कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसके कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामलों का तत्काल उल्लेख किया जा सकता है।''

केंद्र ने दायर किया हलफनामा

उससे पहले, केंद्र ने गुरुवार को हलफनामा दायर कर बताया कि इस मामले की जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी गई है। शीर्ष अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि उन्होंने मामले में क्या कार्रवाई की है।

'महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है दृष्टिकोण'

केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सरकार का दृष्टिकोण महिलाओं के खिलाफ किसी भी अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस का है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और मणिपुर सरकार को तत्काल उपचारात्मक, पुनर्वास और निवारक कदम उठाने और की गई कार्रवाई से अवगत कराने का निर्देश दिया था।

'सीबीआई को सौंपी गई जांच'

गृह मंत्रालय ने अपने सचिव अजय कुमार भल्ला के माध्यम से दायर एक हलफनामे में शीर्ष अदालत से उस मामले में मुकदमे को मणिपुर के बाहर स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया, जिसमें अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस पर अपना जवाब दाखिल करते हुए केंद्र ने कहा,

मणिपुर सरकार ने दिनांक 26.07.2023 के पत्र के माध्यम से सचिव, डीओपी एंड टी को मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है, जिसे गृह मंत्रालय ने दिनांक 27.07.2023 के पत्र के माध्यम से सचिव, डीओपी एंड टी को विधिवत सिफारिश की है। इस प्रकार, जांच सीबीआई को स्थानांतरित कर दी जाएगी।

हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल 'अस्वीकार्य'

पिछले सप्ताह मणिपुर का वायरल वीडियो सामने आया था। शीर्ष अदालत ने 20 जुलाई को घटना पर ध्यान दिया और कहा था कि वह वीडियो से परेशान है। हिंसा को अंजाम देने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल 'संवैधानिक लोकतंत्र में बिल्कुल अस्वीकार्य' है।

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