30 साल भारतीय सेना में दिए, अब लग रहा देश में अवैध रूप से रहने का आरोप
हक की पत्नी मुमताज बेगम को इसी ट्राइब्यूनल ने 2012 में तलब कर नागरिकता साबित करने को कहा था।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सेना में 30 साल सेवा देने के बाद रिटायर हुए मोहम्मद अजमल पर भारतीय न होने का संदेह जताया जा रहा है। उनसे इस बात का सुबूत मांगा जा रहा है कि वे भारतीय नागरिक हैं या नहीं। उनसे ही नहीं उनकी पत्नी से भी 2012 में भारतीय नागरिकता का साक्ष्य पेश करने के लिए कहा गया था।
मोहम्मद अजमल हक गुवाहाटी में रह रहे हैं। विदेशी मामलों की ट्राइब्यूनल ने हक को नोटिस भेजा है। नोटिस में उन्हें 'संदिग्ध वोटर' श्रेणी में रखते हुए ट्राइब्यूनल के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। नोटिस में हक से कहा गया है कि वे ट्राइब्यूनल के समक्ष पेश हों और दस्तावेज जमाकर साबित करें कि उनके पास भारतीय नागरिकता है।
हक ने बताया है कि ट्राइब्यूनल की तरफ उन्हें नोटिस देर से मिला और इस वजह से पेशी की पहली तारीख 11 सितंबर को ट्राइब्यूनल के सामने हाजिर नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि अब वह 13 अक्टूबर को पेश होंगे।
हक ने नोटिस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि छह महीने के सैन्य प्रशिक्षण के बाद वे सेना के तकनीकी विभाग से जुड़े। पंजाब के खेमकरन सेक्टर और कलियागांव में LoC पर, भारत-चीन सीमा पर त्वांग में, लखनऊ में, कोटा में सेवा दे चुके हैं। कुछ वक्त सिकंदराबाद स्थित रक्षा प्रबंधन कॉलेज में भी काम किए।
हक कहते हैं कि अगर वे अवैध प्रवासी हैं तो फिर वे भारतीय सेना में कैसे अपनी सेवा देते रहे। दुखी मन से हक ने कहा कि, 30 साल देश का अब उन्हें ये इनाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताय कि उनकी पत्नी को भी इसी तरह से प्रताड़ित किया गया था। हक की पत्नी मुमताज बेगम को इसी ट्राइब्यूनल ने 2012 में तलब कर नागरिकता साबित करने को कहा था।
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