Monsoon Update: किसानों के लिए आई गुड न्यूज, UP समेत इन राज्यों में होगी सबसे अधिक बारिश; मानसून पर आया IMD का नया अपडेट

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम उत्तर-पश्चिम में सामान्य और देश के मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कहा कि मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र ओडिशा छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है।

By AgencyEdited By: Sonu Gupta Publish:Mon, 27 May 2024 08:27 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2024 08:27 PM (IST)
Monsoon Update: किसानों के लिए आई गुड न्यूज, UP समेत इन राज्यों में होगी सबसे अधिक बारिश; मानसून पर आया IMD का नया अपडेट
IMD ने देश में मानसून को लेकर नया अपड़ेट जारी किया है। फाइल फोटो।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश में मानसून को लेकर नया अपडेट जारी किया है। मौसम विभाग ने बताया कि देश के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।

इन राज्यों में होगी सबसे अधिक बारिश

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम में सामान्य और देश के मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा होने की उम्मीद है।

आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है।

बढ़ सकती है और गर्मी

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने देश के कई हिस्सों में जारी भीषण गर्मी पर कहा कि कई राज्यों में इसके कारण सूखे जैसी स्थिति पैदा हो रही है, ऐसे में सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा की भविष्यवाणी देश के लिए बड़ी राहत की बात है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर, जून में देश में सामान्य से अधिक तापमान रह सकती है। IMD प्रमुख ने बताया कि अगले पांच दिनों में केरल से देश में मानसून का आगमन हो सकता है।

मौसम पर पड़ रहा जलवायु परिवर्तन का असर

मौसम विभाग ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा के चक्र पर असर पड़ा है। उन्होंने बताया कि जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के दिनों की संख्या घट रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं, जो की थोड़े समय में अधिक वर्षा होती है इसके कारण बार-बार सूखा और बाढ़ की स्थिति हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में अल नीनो की स्थिति बनी हुई है और अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बन सकती है।

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