Monsoon Alert: दिल्ली में उमस ने किया बेहाल, पहाड़ से मैदान तक भारी वर्षा के आसार; उत्तराखंड-हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट

दो दिन पहले दिल्ली को पूरी तरह भिगोने के बाद मानसून रविवार को शांत रहा। दोपहर में हल्की धूप निकली जिससे पिछले दिन के मुकाबले तापमान में करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। उमस ने बेहाल कर दिया लेकिन सोमवार को भारी वर्षा की संभावना है। उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में मौसम साफ रहा। गोरखपुर-देवरिया और संतकबीरनगर में वज्रपात से पांच की मौत हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Jeet Kumar Publish:Mon, 01 Jul 2024 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jul 2024 06:00 AM (IST)
Monsoon Alert: दिल्ली में उमस ने किया बेहाल, पहाड़ से मैदान तक भारी वर्षा के आसार; उत्तराखंड-हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट
दिल्ली समेत कई राज्यों में सोमवार को भारी वर्षा की संभावना

HighLights

  • दिल्ली में जारी आरेंज अलर्ट, यूपी में वज्रपात से पांच मरे
  • बिहार समेत कई राज्यों में जमकर वर्षा, कई की मौत
  • राजस्थान के अधिकतर जिलों में रविवार को मध्यम से तेज वर्षा हुई

जागरण टीम, नई दिल्ली। देश में मानसून की दस्तक के बाद से बादलों का डेरा है और पहाड़ से मैदान तक हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार से बुधवार तक पंजाब और उससे सटे हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मप्र, दक्षिण गुजरात, दक्षिण तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दक्षिण कर्नाटक, उत्तर तमिलनाडु, बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश, आसमानी बिजली गिरने और तेज हवा के साथ तेज वर्षा की संभावना जताई है।

दो दिन पहले राजधानी को पूरी तरह भिगोने के बाद मानसून रविवार को शांत रहा। दोपहर में हल्की धूप निकली, जिससे पिछले दिन के मुकाबले तापमान में करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई। उमस ने बेहाल कर दिया, लेकिन सोमवार को भारी वर्षा की संभावना है। उत्तराखंड के अधिकतर जिलों में मौसम साफ रहा।

उत्तराखंड-हिमाचल में आरेंज अलर्ट

नैनीताल और ऊधम सिंह नगर के कुछ क्षेत्रों में वर्षा हुई। सोमवार को देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत व ऊधम सिंह नगर में भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों बिलासपुर, सोलन और सिरमौर में आंधी चलने, बिजली गिरने व भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश में कई जिलों में झमाझम वर्षा हुई।

गोरखपुर-देवरिया और संतकबीरनगर में वज्रपात से पांच की मौत हो गई, जबकि 22 झुलस गए। जून की शुरुआत में प्रदेश का सबसे गर्म जिला झांसी रहा, वहीं जून खत्म होते ही यह सबसे ठंडा जिला बन गया। रविवार को दोपहर तक प्रदेश में सबसे अधिक 37.3 मिमी बारिश झांसी में हुई। अधिकतम तापमान 30.1 डिग्री सेल्सियस रहा। एक और दो जुलाई को प्रदेश के अधिकांश जिलों में हल्की से भारी वर्षा के आसार हैं।

छत्तीसगढ़ में कई दिनों से वर्षा हो रही है

मानसून के सक्रिय होने के कारण बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हो रही है। अगले दो दिनों तक वर्षा के आसार है। बक्सर में वज्रपात की चपेट में आकर एक महिला की मौत हो गई। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में मानसून छा चुका है। मौसम विभाग ने जबलपुर, टीकमगढ़, सागर, खजुराहो, राजगढ़ में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है। छत्तीसगढ़ में कई दिनों से वर्षा हो रही है। सोमवार को सरगुजा संभाग के एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।

गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश

राजस्थान के अधिकतर जिलों में रविवार को मध्यम से तेज वर्षा हुई। गुजरात के कई इलाकों में भारी बारिश हुई. जिससे अहमदाबाद और सूरत सहित कुछ शहरों में जलभराव के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक गुजरात के सभी हिस्सों में बारिश का अनुमान लगाया है। सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। भरूच, सूरत, नवसारी, वलसाड और दादरा नगर हवेली के लिए आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

दिल्ली में 12 वर्षों में सबसे 'गर्म' रहा इस बार जून का महीना

इस साल जून के महीने में मौसम ने दिल्ली में अनेक रिकार्ड बनाए हैं। माह का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम दोनों ही तापमान 12 साल के दौरान सबसे ज्यादा रहे हैं। औसत अधिकतम तापमान 41.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 29.8 डिग्री रहा है। इस साल 14 साल में सर्वाधिक नौ दिन लू चली थी। जून के महीने में नौ दिन बरसात हुई, जबकि पिछले वर्ष जून में 17 दिन वर्षा हुई थी।

इस वर्ष वर्षा सामान्य से 228 प्रतिशत ज्यादा हुई है। माह की औसत वर्षा 74.1 मिमी है, जबकि कुल वर्षा 243.4 मिमी हुई। इसमें 228.1 मिमी वर्षा सिर्फ 28 जून को हुई थी। 1901 के बाद यह जून माह की तीसरी सर्वाधिक वर्षा है। इससे पहले 88 साल पहले 1936 और 91 साल पहले 1933 में इससे अधिक बरसात हुई थी।

उत्तराखंड में जून में सामान्य से 49 प्रतिशत कम वर्षा

उत्तराखंड में जून माह में सामान्य से 49 प्रतिशत कम वर्षा हुई। मार्च में ग्रीष्मकाल की शुरुआत कुछ राहत देने वाली रही थी, लेकिन अप्रैल और मई में बादलों की नाराजगी बनी रही। मार्च से मई तक सामान्य से 19 मिमी कम वर्षा हुई थी। मार्च में सामान्य से 29 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी। अप्रैल में मेघ 46 प्रतिशत कम बरसे।

इसके बाद मई में भी सामान्य से 21 प्रतिशत कम वर्षा हुई। पूरे माह ज्यादातर दिन अधिकतम तापमान सामान्य से चार से सात डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। एक मार्च से 31 मई तक प्रदेश में 128 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा 159 मिमी से 19 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून काल में सामान्य से अधिक वर्षा के आसार हैं।

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