कुपोषण दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं मिलेट्स, तैयार की गईं कई किस्में

भारत के लिए मिलेट्स की जागरूकता को लेकर चलाए जा रहे अभियान के कई मायने हैं। ये अभियान भारत के लोगों में आइरन और जिंक सहित अन्य पोषक तत्वों के कुपोषण की समस्या दूर करने में भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।

By Vivek Tiwari Edited By: Vivek Tiwari
Updated: Thu, 23 Mar 2023 07:41 PM (IST)
कुपोषण दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं मिलेट्स, तैयार की गईं कई किस्में
मिलेट्स आयरन, जिंक, प्रोटीन व फाइबर सहित कई अन्य तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।

नई दिल्ली, विवेक तिवारी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के प्रस्ताव और प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया है। जब विश्व अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना रहा है तब भारत इस अभियान की अगुआई कर रहा है। दरअसल भारत के लिए मिलेट्स की जागरूकता को लेकर चलाए जा रहे अभियान के कई मायने हैं। ये अभियान भारत के लोगों में कुपोषण की समस्या दूर करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगा। हार्वर्ड टीएच चेन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की ओर से नेचर जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत के लोगों में आयरन और जिंक की कमी एक बड़ी समस्या बन सकती है। आज भी भारत में लगभग 50 फीसदी जनसंख्या (इनमें 61 फीसदी गर्भवती महिलाएं हैं) में आयरन की कमी देखी जाती है। इस कुपोषण को दूर करने में मिलेट्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

दरअसल मिलेट्स आयरन, जिंक, प्रोटीन व फाइबर सहित कई अन्य तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। भारत सरकार की ओर से मिलेट्स या श्री अन्न को प्रोत्साहित किया जाना लोगों में कुपोषण की इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत और आसपास के देशों में मिलेट्स खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉक्टर डॉ. राजेंद्र आर. चापके के मुताबिक प्रचुर मात्रा में फाइबर, ग्लूटिन फ्री और पोषक तत्वों से भरपूर होने के चलते मिलेट्स खाने से लोगों में आयरन, जिंक सहित कई तरह के कुपोषण को दूर करने में मदद मिल सकती है। पिछले कुछ समय में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च ने कई ऐसी प्रजातियां तैयार की हैं जो किसी खास तरह के पोषक तत्व को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। उदाहरण के तौर पर संस्थान की ओर से बाजरे की एक प्रजाति तैयार की गई है जो बायो फोर्टिफाइड है। इस बाजरे का आटा या इसके उत्पाद खाने से लोगों में जिंक और आयरन की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। इसी तरह रागी की एक प्रजाति तैयार की गई है जिसमें भरपूर आयरन है। कुटकी की भी एक बायो फोर्टिफाइट प्रजाति तैयार की कई है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च के प्रिंसिपल साइंटिस्ट और न्यूट्रीहब के CEO डॉ. दयाकर राव कहते हैं कि मिलेट्स को मोटे अनाज के तौर पर देखा जाता है। आज मिलेट्स के अनेक उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जो खाने में बेहद स्वादिष्ट भी हैं। पूरी दुनिया में मिलेट्स के उत्पादों की मांग बढ़ रही है। मिलेट्स स्वास्थ्य के लिहाज से तो काफी फायदेमंद हैं ही, देश में इसके उत्पादन और इसके उद्योग को लेकर भी काफी संभावना है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च लोगों को इसके उत्पाद तैयार करने और इसकी खेती करने के लिए भी कई तरह से प्रोत्साहित कर रहा है।

दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र सैनी कहते हैं कि आज बड़े पैमाने पर लोग मधुमेय और बीपी के मरीज हैं। मिलेट्स खाने से इन मरीजों को काफी फायदा मिल सकता है। वहीं आम आमदी के लिए भी ये काफी अच्छा आहार है। दरअसल इसका ग्लाइसिमिक इंडेक्स काफी कम है। इसका मतलब ये है कि इसे खाने में आपके शरीर में धीरे धीरे शुगर बढ़ेगी। ऐसे में आपको शरीर इसको आसानी से पचा लेता है। वहीं इसमें काफी तरह के पोषक तत्व है जो पोषण प्रदान करते हैं। इसमें फाइबर की मात्रा काफी अधिक है। ऐसे में आपका पेट जल्दी भर जाता है ऐसे में आप ओवरइटिंग नहीं करते हैं। कुल मिला कर मिलेट्स खाने से आप कई तरह के रोगों से बच सकते हैं।

मिलेट्स सहित कई तरह के अनाज के कारोबार में शामिल कंपनी पंसारी ग्रुप की सीनियर मार्केटिंग मैनेजर राखी यादव कहती हैं कि जिस तरह से भारत सरकार मिलेट्स को प्रमोट कर रही है आने वाले समय में बाजार में मिलेट्स के उत्पाद तेजी से बाजार में बढ़ेंगे। मिलेट्स की मांग बढ़ने से किसानों को भी फायदा होगा। उन्हें अपनी उपज की अच्छी कीमत मिलेगी। कुछ समय पहले तक जहां मिलेट्स को सिर्फ मोटे अनाज के तौर पर देखा जाता था आज मिलेट्स के रेडी टू ईट और कई स्वादिष्ट उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। पंसारी ग्रुप भी लोगों की मांग को देखते हुए इस क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है। कंपनी ने ग्लूटेन फ्री मिलेट्स के उत्पाद भी बाजार में उतारे हैं।

मिलेट्स के हैं कई फायदे

मिलेट्स के कई फायदे हैं। खाने के लिए ये स्टेबल और एडेप्टेबल है। इसे उगाने में कम पानी की जरूरत होती है। यह ग्लूटेन फ्री डाइट है। वजन बढ़ाने में ग्लूटेन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शरीर का वजन बढ़ने के कारण कई रोग होने लगते हैं। इसलिए मेडिकल एक्सपर्ट ग्लूटेन फ्री डाइट की सलाह देते है। इसके अलावा मिलेट्स फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी का अहम जरिया हैं। ऐसे में यह बायोडायवर्सिटी का मेंटर माना जाता है। इन सारे फायदों से स्पष्ट हो जाता है कि हमारे शरीर के सही डेवलपमेंट के लिए मिलेट्स हमारे लिए कितने फायदेमंद हैं।

मिलेट्स की खपत लगातार बढ़ रही है

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत श्री अन्न को ग्लोबल मूवमेंट बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। भारत में 12-13 राज्यों में मिलेट्स की खेती होती है। हालांकि भारत में इसकी खपत कम थी। कुछ समय पहले तक एक व्यक्ति महीने भर में 2 से 3 किलो मिलेट्स ही खाता था। आज ये खपत बढ़कर 14 किलो प्रति माह हो गई है।

क्लाइमेट चेंज का भी है कम असर

श्री अन्न या मिलेट्स की खास बात ये है कि इन्हें उगाने के लिए कम पानी की जरूरत होती है। वहीं तेज गर्मी भी इन्हें बहुत नुकसान नहीं पहुंचाती है। आप कह सकते हैं कि ये क्लाइमेट चेंज के प्रभावों से भी बहुत अधिक प्रभावित नहीं होते हैं। इसकी पैदावार में पानी भी अपेक्षाकृत कम लगता है, जिससे पानी की कमी वाली जगहों के लिए ये पसंदीदा फसल बन जाती है।