ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा स्‍पीकर बने: कब पहली बार चर्चा में आए? रिकॉर्ड सवाल पूछने से लेकर ये उपलब्धियां हैं नाम

Om Birla elected as Speaker of 18th Lok Sabha भाजपा नेता और लोकसभा अध्‍यक्ष रह चुके ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी स्‍पीकर चुने गए हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए। इसी के साथ बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्‍यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़ जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए।

By Jagran NewsEdited By: Deepti Mishra Publish:Wed, 26 Jun 2024 12:43 PM (IST) Updated:Wed, 26 Jun 2024 01:09 PM (IST)
ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा स्‍पीकर बने: कब पहली बार चर्चा में आए? रिकॉर्ड सवाल पूछने से लेकर ये उपलब्धियां हैं नाम
ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा स्‍पीकर बने। फोटो-एएनआई

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भाजपा सांसद ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव सदन में रखा तो वहां मौजूद सदन के सदस्यों ने उन्हें ध्वनि मत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए।

भाजपा नेता ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़, जीएम बालयोगी और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए। अगर ओम बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं तो बलराम जाखड़ के बाद ऐसा करने वाले दूसरे नेता होंगे। दूसरी बार कई नेता लोकसभा अध्यक्ष बनें, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं कर पाए। सिर्फ बलराम जाखड़ ने ही साल 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।

कौन हैं ओम बिरला?

लोकसभा चुनाव 2024 में ओम बिरला कोटा की संसदीय सीट से सांसद चुने गए हैं। राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्‍मे ओम बिरला लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। बिरला की मां का नाम शकुंतला देवी और पिता का नाम कृष्ण बिरला है। उन्होंने स्कूली शिक्षा कोटा के गुमानपुरा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से पूरी की और उसके बाद बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से बी.कॉम और एम.कॉम पूरी की।

बिरला की शादी अमिता से हुई और उनके दो बेटियां अंजली और आकांक्षा हैं। पत्‍नी अमिता पेशे से सरकारी डॉक्टर हैं। वह छात्र राजनीति से संघ और राजनीति में आए तो अब तक तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए। इसी के साथ कई रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किए। लोकसभा स्पीकर बनने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं। 

ओम बिरला कब चर्चा में आए?

ओम बिरला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। इतना ही नहीं, उन्‍होंने 2004 की बाढ़ के दौरान भी पीड़ितों की जमकर मदद की। साल 2006 में ओम बिरला सुर्खियों में उस वक्त आए, जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोटा और बूंदी में आयोजित 'आजादी के स्वर' कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया था।

छात्र राजनीति से राजनीति तक का सफर

वह 1979 में ही छात्र राजनीति में खासा सक्रिय हो गए थे। बिरला कोटा के गुमानपुरा स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। इसके बाद में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रधान सदस्य के तौर पर शामिल हो गए।

साल 1987 में बिरला ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने और जल्द ही जिला अध्यक्ष बन गए। चार साल पूरे होने से पहले वह भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष बन गए। इस पद पर उन्होंने महीने से ज्‍यादा वक्‍त तक कार्यभार संभाला।

इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्‍ली और फिर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड जयपुर (जून 1992 से जून 1995) तक अध्यक्ष बने रहे।

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पहली बार 2003 में जीते थे चुनाव

ओम बिरला पहली बार साल 2004 विधानसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद वह 2008 और 2013 में भी कोटा में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। तीन बार विधायक के तौर पर काम करने के बाद साल 2014 में पहली बार कोटा संसदीय सीट से जीतकर संसद पहुंचे।

तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए ओम बिरला संसद की कई समितियों के सदस्य भी रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल यानी 16वीं लोकसभा के दौरान बिरला प्राक्कलन समिति, याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति और सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं।

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ओम बिरला के नाम हैं उपलब्धियां

ओम बिरला जब विधायक थे। तब की बात है। उन्होंने 13वीं राजस्थान विधानसभा में 500 से ज्यादा सवाल पूछे और सदन में छह बार से ज्यादा बहस में शामिल हुए। इसके लिए उनका नाम सदन के सितारे में शामिल किया गया था। कोटा शहर में आईआईटी बनवाने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन का नेतृत्व किया। बूंदी में नदी के पानी की आपूर्ति के लिए आंदोलन किया था। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ सिटी डेवलपमेंट टैक्स और मूवमेंट में छूट के लिए रावतभाटा आंदोलन के लिए श्रेय भी ओम बिरला को ही जाता है। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए पूरे देश में सुपर बाजार योजना के नेटवर्क के विकास की योजना शुरू की।

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