EXCLUSIVE: देश में पहली बार दौड़ेगी वेदर प्रूफ रैपिड रेल, जानें क्या होगी खासियत
दिल्ली-मेरठ व दिल्ली-अलवर कॉरिडोर पर चलने वाली रैपिड रेल में स्मार्ट कोच लगाए जाएंगे। इसमें कई ऐसे सेंसर लगे होंगे जो कोच की सेहत भी बताएंगे।
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गाजियाबाद (आशीष गुप्ता)। रैपिड रेल के संचालन में मौसम बाधक नहीं बनेगा। ये रेल हर मौसम में तेज रफ्तार में ट्रैक पर दौड़ेगी। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर के लिए वेदर प्रूफ रैपिड रेल खरीदेगा। आंधी, बारिश और कोहरे में भी रेल अपनी निर्धारित रफ्तार में दौड़ती नजर आएगी। भारतीय रेल की दुश्वारियों को देखते हुए वेदरप्रूफ रैपिड रेल खरीदने का निर्णय लिया गया है।
खूबियों से लैस स्मार्ट कोच लगेंगे
रैपिड रेल में स्मार्ट कोच लगाए जाएंगे। ये कोच कई खूबियों से लैस होंगे। आगे से आकार एयरोडायनेमिक्स होगा। इसमें कई तरह के सेंसर भी लगे होंगे। उससे ब्रेक घिसने की जानकारी, एक्सेल का तापमान, पहियों की स्थित कोच के जरिए नियमित रूप से रैपिड रेल कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी। कोच के अंदर सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे। इससे सारी गतिविधि रिकॉर्ड होती रहेगी। कोच में हवाई जहाज की तरह आरामदायक सीटें लगी होंगी।
45 मिनट में एयरपोर्ट
दिल्ली-मेरठ और दिल्ली-अलवर कॉरिडोर बनने पर आइजीआइ एयरपोर्ट जाने वालों को आसानी होगी। एनसीआरटीसी का दावा है कि गाजियाबाद से लोगों को आइजीआइ एयरपोर्ट तक पहुंचने में 40 से 45 मिनट का वक्त लगेगा। सड़क मार्ग से अभी ये सफर तय करने में ढाई से तीन घंटे तक का समय लगता है।
19 हजार करोड़ का लेंगे लोन
दिल्ली से मेरठ तक रैपिड रेल कॉरिडोर बनाने में 31632 करोड़ रुपये की लागत आएगी। एनसीआरटीसी इसकी व्यवस्था करने के लिए 18979.2 करोड़ रुपये का लोन लेगी। केंद्र सरकार 5693.76 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश सरकार 5915.18 करोड़ रुपये और दिल्ली सरकार 1043.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगी।