सभी शेयरों पर लागू हुई T+1 सेटलमेंट व्यवस्था, सौदे के एक दिन के भीतर खाते में आ जाएंगे पैसे

New Trade Plus One Settlement Rule दुनियाभर में अपनी डिजिटल ताकत का डंका बजा चुके भारत ने एक और कीर्तिमान स्थापित कर लिया है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां के शेयर बाजार में पूर्ण रूप से टी+1 सेटलमेंट साइकिल लागू हो गई है। चीन में यह व्यवस्था भारत से पहले लागू हुई थी लेकिन आंशिक रूप से।

By Skand Vivek Dhar Edited By: Skand Vivek Dhar
Updated: Fri, 27 Jan 2023 06:07 PM (IST)
सभी शेयरों पर लागू हुई T+1 सेटलमेंट व्यवस्था, सौदे के एक दिन के भीतर खाते में आ जाएंगे पैसे
शेयर बाजार में पूरी तरह से T+1 निपटान चक्र की शुरुआत करने वाला भारत पहला देश बन गया है।

प्राइम टीम, नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार को भले ही गिरावट का दौर रहा हो, लेकिन यह दिन भारतीय बाजार के लिए ऐतिहासिक बन गया। शेयर बाजार में पूरी तरह से T+1 निपटान चक्र की शुरुआत करने वाला भारत पहला देश बन गया है। बाजार में टी+1 सेटलमेंट की शुरुआत सबसे पहले चीन ने की थी, लेकिन वहां यह आंशिक रूप से ही लागू है।

हर्षद मेहता घोटाले से अब तक के तीस साल के सफर को देखें तो भारतीय बाजार ने सेटलमेंट के मामले में एक लंबी यात्रा तय कर ली है। हर्षद मेहता घोटाले के समय बीएसई में सेटलमेंट साइकिल T+14 थी, जो 1997 में बढ़ाकर T+5 कर दी गई। यह सिस्टम वर्ष 2001 तक चलता रहा। इसके बाद 2002 में बाजार T+3 सेटलमेंट प्रणाली में चले गए। फिर 2003 में T+2 सिस्टम लागू हो गया। दो दशक बाद फरवरी 2022 को आंशिक रूप से T+1 की शुरुआत हुई, जो 27 जनवरी 2023 से सभी शेयरों पर लागू हो गई। आइए विशेषज्ञों से जानते हैं ये सिस्टम क्या है, इसके फायदे क्या हैं और दुनिया में हम कितने आगे आ गए हैं।

टी+1 सेटलमेंट क्या है?

टी+1 (ट्रेडिंग+1दिन) का अर्थ है सौदे के 24 घंटे के भीतर खरीदार के डीमैट खाते में शेयर आ जाएगा, जबकि विक्रेता के बैंक खाते में बिक्री की रकम। अब तक भारत T+2 चक्र का अनुसरण करता था, जहां खरीद के मामले में शेयरों को ग्राहक के खाते में स्थानांतरित करने में 48 घंटे का समय लगता था और विक्रेता को पैसे मिलने में भी सौदे के बाद दो दिन लग जाते थे।

यह मौजूदा व्यवस्था से किस तरह बेहतर है?

टी+2 प्रणाली के तहत शेयरों का विक्रेता कम से कम दो दिनों तक क्रेता से भुगतान की मांग नहीं कर सकता था। वहीं, खरीदार को भी अपने खाते में शेयरों की डिलीवरी के लिए 48 घंटे तक इंतजार करना पड़ता था। T+1 प्रणाली खरीदार के खाते में शेयरों की उसी दिन डिलीवरी और विक्रेता के खाते में धन की डिलीवरी सुनिश्चित करेगा। ज्यादातर मामलों में शेयर निपटान का भुगतान और वितरण उसी दिन शाम को हो जाएगा, इससे बाजार की दक्षता बढ़ेगी।

क्या टी+1 व्यवस्था इसी शुक्रवार से शुरू हुई है?

नहीं, इस शुक्रवार से यह व्यवस्था सभी शेयरों पर लागू हो गई। इसकी शुरुआत 25 फरवरी 2022 को 100 शेयरों के साथ हुई थी। इसके बाद हर महीने इसमें नए शेयर जुड़ते गए। 27 जनवरी से सभी शेयर इसके दायरे में आ गए।

दुनिया के अन्य देशों में निपटान साइकिल क्या है?

अधिकांश बड़े शेयर बाजार जैसे अमेरिका, यूरोप, जापान में अब भी T+2 निपटान चक्र लागू है। चीन में आंशिक रूप से T+1 लागू है। भारत दुनिया का पहला देश है जहां टी+1 व्यवस्था पूरी तरह से लागू है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एमडी और सीईओ, (ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन) अजय मेनन कहते हैं, इक्विटी बाजार में टी+1 निपटान चक्र रखने वाले दुनिया के हम पहले देश हो गए हैं। यह तरलता के नजरिए से भारतीय इक्विटी बाजारों के लिए शुभ संकेत है। यह ये भी दिखाता है कि 24 घंटों के भीतर निर्बाध निपटान सुनिश्चित करने के लिए हम डिजिटल यात्रा में कितने अच्छे तरीके से आगे बढ़े हैं। निवेशक को शेयरों की बिक्री के 24 घंटे के भीतर बैंक खाते में पैसा मिलने से उन्हें पूंजी की जरूरत कम होगी।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक रिसर्च पेपर के अनुसार, टी+1 निपटान चक्र न केवल शेयर बाजार में लेन-देन को तेज करता है, बल्कि किसी प्रकार के घोटाले की आशंका को भी कम करता है। रिपोर्ट के मुताबिक, छोटा निपटान चक्र होने पर किसी भी समय अनसेटल्ड ट्रेडों की संख्या कम रहती है। यह क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के लिए अनसेटल्ड एक्सपोजर को 50 फीसदी तक कम कर देता है। निपटान चक्र जितना छोटा होगा उस निपटान को प्रभावित करने वाले दिवालिया जैसे कारकों की आशंका भी उतनी कम होती है।