अब रंग-बिरंगे चिकन कबाब पर लगी रोक, आर्टिफिशियल फूड कलर पर कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने लगाया बैन

कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने कबाब में रंगों के इस्तेमाल पर बैन लगाया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर में बेचे जाने वाले कबाबों के 39 नमूने एकत्रित किए गए जिनका परीक्षण और विश्लेषण कर्नाटक प्रयोगशालाओं में किया गया और परिणाम यह निकला कि सनसेट येलो और कार्मोसिन आर्टिफिशियल कलर स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित और खतरनाक हैं। इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कॉटन कैन्डी पर बैन लगाया था।

By AgencyEdited By: Babli Kumari Publish:Tue, 25 Jun 2024 10:37 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jun 2024 10:37 AM (IST)
अब रंग-बिरंगे चिकन कबाब पर लगी रोक, आर्टिफिशियल  फूड कलर पर कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने लगाया बैन
शाकाहारी, चिकन, मछली और अन्य कबाबों में अब नहीं होगा आर्टिफिशियल फूड कलर का प्रयोग (फाइल फोटो)

एएनआई, बेंगलुरु (कर्नाटक)। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को एक अधिसूचना आदेश जारी किया कि शाकाहारी, चिकन, मछली और अन्य कबाबों की तैयारी में किसी भी आर्टिफिशियल फूड कलर का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अधिनियम-2006 के नियम 59 के तहत 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम तब उठाया जब मीडिया और जनता द्वारा यह बताया गया है कि कृत्रिम रंगों के कारण राज्य भर में बेचे जा रहे कबाबों की गुणवत्ता खराब है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

यह भी पढ़ें- Weather Update: हीटवेव को बाय-बाय! दिल्ली में अगले पांच दिनों तक बरसेंगे बदरा, गुजरात-केरल समेत 11 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी

chat bot
आपका साथी