जंगल में नहीं थम रहीं आग लगने की घटनाएं, केंद्र ने राज्‍य सरकारों को जारी किया अलर्ट

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह निर्देश उस समय दिए हैं जब मई व जून महीनों में जंगल में आग की सबसे ज्यादा घटनाएं रिपोर्ट की जाती हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 01 May 2019 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 01 May 2019 10:05 PM (IST)
जंगल में नहीं थम रहीं आग लगने की घटनाएं, केंद्र ने राज्‍य सरकारों को जारी किया अलर्ट
जंगल में नहीं थम रहीं आग लगने की घटनाएं, केंद्र ने राज्‍य सरकारों को जारी किया अलर्ट

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। जंगल में आग लगने की लगातार बढ़ रही घटनाओं के बीच केंद्र ने राज्यों को एक बार फिर अलर्ट जारी किया है। जिसमें जंगल की हिफाजत के लिए तय गाइड लाइन का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैंं। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने यह निर्देश उस समय दिए हैं, जब मई व जून महीनों में जंगल में आग की सबसे ज्यादा घटनाएं रिपोर्ट की जाती हैं।

जंगल को आग से बचाने केे लिए बनी है गाइड लाइन
जंगल को आग से बचाने के लिए मंत्रालय ने 2018 में ही गाइड लाइन बनाई थी। इसके तहत घने जंगलों के बीच फायर लाइन बनाने सहित मैदानी अमले की गश्त बढ़ाने जैसे निर्देश दिए गए थे। फारेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में जंगल में आग लगने की देश भर में कुल 24,817 घटनाएं रिपोर्ट हुई थीं, जबकि 2017 में यह बढ़कर करीब 36 हजार हो गई थी।

कोशिश के बावजूद नहीं आ रही कमी
2018 में इसमें कमी लाने की काफी कोशिशें की गई, बावजूद इसके यह बढ़कर 37 हजार के पार पहुंच गई है। ऐसे में 2019 में भी यह स्थिति न निर्मित हो, इसे लेकर केंद्र ने राज्यों को पहले ही अलर्ट किया है। हालांकि इस बीच आग से जंगल में होने वाले नुकसान में काफी कमी आयी है।

आग से करोड़ों का नुकसान
फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में जंगल में आग लगने की घटनाओं से जहां करीब 550 करोड़ के नुकसान होने का अनुमान था, वहीं 2018 में यह घटकर 300 करोड़ के आसपास ही रह गया है। इसके पीछे जो मुख्य वजह बताई जा रही है, वह सेटेलाइट की मदद से मिलने वाले अलर्ट हैं। जिसमें आग से जुड़ी घटनाओं की जानकारी तुंरत मैदानी अमले को मैसेज के जरिए दी जा रही है। जिसके तहत आग पर जल्दी काबू पा लिया जाता है।

chat bot
आपका साथी