प्रभु कर सकते हैं नई ट्रेनों का एलान

संसद में रेल बजट पर चर्चा के जवाब में रेल मंत्री सुरेश प्रभु नई ट्रेनों का एलान कर सकते हैं। लेकिन ये ट्रेनें उन्हीं रूटों पर चलेंगी जिन पर यातायात घनत्व अपेक्षा से कम है।

By Gunateet OjhaEdited By: Publish:Sun, 08 Mar 2015 06:21 PM (IST) Updated:Mon, 09 Mar 2015 08:47 AM (IST)
प्रभु कर सकते हैं नई ट्रेनों का एलान

नई दिल्ली, संजय सिंह। संसद में रेल बजट पर चर्चा के जवाब में रेल मंत्री सुरेश प्रभु नई ट्रेनों का एलान कर सकते हैं। लेकिन ये ट्रेनें उन्हीं रूटों पर चलेंगी जिन पर यातायात घनत्व अपेक्षा से कम है। इन ट्रेनों में थर्ड एसी व द्वितीय साधारण दर्जे के डिब्बे ज्यादा होंगे। जबकि व्यस्त रूटों पर वर्तमान ट्रेनों में ही थर्ड एसी की बोगियां बढ़ाई जाएंगी।

लोकसभा में 26 फरवरी को रेल बजट पेश करते हुए रेल मंत्री ने नई ट्रेनों का एलान नहीं किया था। उनका कहना था कि ट्रेनों का एलान विभिन्न रूटों पर यातायात की स्थिति का अध्ययन करने के बाद किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है।

यह समिति 13 फरवरी को ही बना दी गई थी। रेलवे बोर्ड में अतिरिक्त सदस्य मुहम्मद जमशेद की अध्यक्षता में गठित आठ सदस्यीय समिति को छह हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया था। लेकिन सूत्रों के अनुसार समिति इससे पहले ही अगले हफ्ते तक रिपोर्ट दे देगी। इस तरह रेल बजट पर चर्चा के जवाब के वक्त रेल मंत्री के पास न केवल विभिन्न रूटों पर यातायात स्थिति का ब्योरा होगा, बल्कि वह कम घनत्व वाले रूटों पर ट्रेनों का एलान करने की स्थिति में भी होंगे।

समिति को भारतीय रेल के विभिन्न रूटों पर यातायात का घनत्व आंकने के अलावा कम यातायात वाले रूटों पर ट्रेनों की संख्या बढ़ाने, मालगाडि़यों और यात्री गाडि़यों के बीच उचित अनुपात का निर्धारण करने तथा यातायात में 15 फीसद तक की वृद्धि के उपाय सुझाने का जिम्मा सौंपा गया है। इनमें अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के उपाय शामिल हैं।

अल्पकालिक उपाय वे होंगे जिन्हें वित्त वर्ष 2015-16 यानी मौजूदा रेल बजट के अनुरूप लागू किया जाएगा। दूसरी ओर दीर्घकालिक उपायों में 2018-19 तक के लागू किए जाने वाले सुझाव शामिल होंगे। दीर्घकालिक उपायों के लिए 2018-19 की समयसीमा इसलिए रखी गई है क्योंकि तब तक पूर्वी और पश्चिमी दोनों डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर का काम पूरा हो जाएगा। उस स्थिति में इन नई लाइनों पर केवल मालगाडि़यां चलेंगी। जबकि मौजूदा ट्रैक पूरी तरह यात्री गाडि़यों के लिए उपलब्ध होंगे। ऐसे में रेलमंत्री के लिए यात्री ट्रेनों में मांग के मुताबिक वृद्धि करना संभव होगा। जब तक ऐसी स्थिति नहीं आती तब तक केवल कम यातायात वाली लाइनों पर ही नई ट्रेनें चलाना संभव होगा। यही वजह है कि प्रभु ने अध्ययन के बाद ही नई ट्रेनों का एलान करने की बात रेल बजट में कही है।

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