शरीर के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं RBC और WBC, विस्तार से जानें क्या है इनके बीच अंतर

क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे शरीर का खून लाल क्यों दिखता है? शरीर को सुचारू रूप से चलाने में खून की क्या भूमिका है और बीमारियों से बचने मे खून का क्या करता है? खबर में विस्तार से पढ़ें रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स का अंतर-

By Ashisha Singh RajputEdited By: Publish:Mon, 16 Jan 2023 05:37 PM (IST) Updated:Mon, 16 Jan 2023 05:37 PM (IST)
शरीर के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं RBC और WBC, विस्तार से जानें क्या है इनके बीच अंतर
विस्तार से पढ़ें रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स के बीच का अंतर-

नई दिल्ली, जेएनएन। मानव शरीर कई जटिल प्रक्रियाओं से मिलकर बना है। ह्यूमन बॉडी की संरचना में लाखों कोशिकाओं की अहम भूमिका है। क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे शरीर का खून लाल क्यों दिखता है? शरीर को सुचारू रूप से चलाने में खून की क्या भूमिका है और बीमारियों से बचने मे खून का क्या करता है? बता दें कि खून में अलग-अलग रंग की कोशिकाएं मौजूद होती हैं। इनके रंग की तरह ही इनका काम भी अलग-अलग होता है। इस खबर में विस्तार से पढ़ें रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स के बीच का अंतर-

मानव शरीर में लगभग पांच लीटर खून मौजूद रहता है। खून में लाल रक्त कोशिकाएं (RBC) और सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC) मौजूद रहती हैं। दोनों का ही हमारे शरीर में महत्वपूर्ण काम होता है। लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के विभिन्न हिस्सों के ऊतकों (tissues) तक ऑक्सीजन ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जबकि ठीक इसके विपरीत श्वेत रक्त कोशिकाएं एंटीबॉडी बनाकर शरीर के रक्षा तंत्र में मदद करती हैं।

रेड ब्लड सेल्स (RBC)

रेड ब्लड सेल्स (RBC) लाल रंग की कोशिकाएं होती हैं, जिन्हें एरिथ्रोसाइट कहते हैं और यह खून का सबसे बड़ा हिस्सा होते हैं। यह सेल्स बहुत ही छोटी और चपटी हुई होती हैं। यह कटोरीनुमा आकार में होती हैं। यह सेल्स कार्बन डाइक्साइड को फेफड़ों तक पहुंचाते हैं, जिससे कार्बन डाइक्साइड शरीर से बाहर निकलते हैं। वहीं, यदि इनके अहम काम की बात करें तो इनका काम शरीर के हर अंग तक रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति करना होता है।

लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण

रेड ब्लड सेल्स (RBC) के निर्माण की बात करें तो इनका निर्माण हड्डियों के अंदर अस्थि मज्जा (bone marrow) में होता है। बता दें कि इनका जीवन अधिक लंबा नहीं होता है, यह सिर्फ 120 दिनों तक ही जीवित रहती हैं। इसके बाद यह खुद ही नष्ट हो जाती है। हालांकि, इनका फिर से निर्माण होता है और यह प्रक्रिया चलती रहती है।

लाल रक्त कोशिकाओं की कमी का शरीर पर प्रभाव

शरीर के अंदर लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, तो शरीर के अंगों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है। इसके अलावा, (RBC) की कमी की वजह से जल्दी थकान, शरीर का पीला पड़ना और दिल की धड़कन का कम या ज्यादा होने जैसी परेशानियां होती हैं। जिन बच्चों में (RBC) की कमी होती है, उनमें बाकी बच्चों की तुलना में स्वास्थ्य का विकास धीमी रफ्तार से होता है।

व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC)

व्हाइट ब्लड सेल्स शरीर को बीमारियों से लड़ने के काबिल बनाता है। जब मानव शरीर पर जब बैक्टीरिया या वायरस हमला करते हैं, तब हमारे खून में मौजूद सफेद रक्त कोशिकाएं उनसे डटकर सामना करती हैं, जिन्हें लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes) कहते हैं। जब भी शरीर में कोई भी बैक्टीरिया या वायरस का हमला करता करता है, ये सबसे पहले सक्रिय होती हैं। इनका रंग सफेद या बेहद हल्के नीले रंग का दिखाई देता है।

सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) का निर्माण

सफेद रक्त कोशिका का निर्माण भी अस्थि मज्जा (bone marrow) में ही होता है। ये हीमैटोपोएटिक स्टेम सेल्स से बनी हुई होती हैं। इनमें अलग-अलग नेचुरल कीलर-सेल्स, बी-सेल्स और टी-सेल्स होते हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की कमी से शरीर पर प्रभाव

यदि शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं कम हो जाए, तो शरीर में संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है, जिससे बीमारी बड़ी आसानी से बढ़ने लगती है। शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए सफेद रक्त कोशिका बहुत जरूरी होती है।

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