घटी रूस की परमाणु 'शक्ति', अमेरिका के जखीरे में नहीं हुआ इजाफा; जानें चीन और पाकिस्तान के मुकाबले कहां खड़ा है भारत

SIPRI Report 2024 दुनिया के नौ देश परमाणु ताकत संपन्न हैं। इन देशों की परमाणु ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। कभी परमाणु हथियारों के मामलों में पाकिस्तान से पीछे रहे भारत ने भी अपने जखीरे में इजाफा किया है। भारत ने पिछले एक साल में आठ परमाणु हथियारों की वृद्धि की है। इस मामले में सबसे अधिक रफ्तार चीन की है।

By Jagran NewsEdited By: Ajay Kumar Publish:Tue, 18 Jun 2024 11:34 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jun 2024 12:01 PM (IST)
घटी रूस की परमाणु 'शक्ति', अमेरिका के जखीरे में नहीं हुआ इजाफा; जानें चीन और पाकिस्तान के मुकाबले कहां खड़ा है भारत
दुनिया के कई देशों ने किया परमाणु हथियारों में इजाफा।

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया के नौ देश परमाणु ताकत संपन्न हैं। इन देशों की परमाणु ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। कभी परमाणु हथियारों के मामलों में पाकिस्तान से पीछे रहे भारत ने भी अपने जखीरे में इजाफा किया है।

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अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इजरायल और पाकिस्तान के परमाणु जखीरे में पिछले एक साल में कोई इजाफा नहीं हुआ है। भारत ने पिछले एक साल में आठ परमाणु हथियारों की वृद्धि की है। इस मामले में सबसे अधिक रफ्तार चीन की है। यह खुलासा स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रीसर्च इंसटीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट में हुआ है।

चीन-पाकिस्तान के मुकाबले कहां खड़ा है भारत?

परमाणु हथियारों के मामले में भारत ने अपने पड़ोसी पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया है। पाकिस्तान के पास कुल 170 परमाणु हथियार हैं। भारत के पास अब इनकी संख्या 172 हो गई है। भारत उत्तर कोरिया और इजरायल से भी आगे है। वहीं चीन के मुकाबले भारत के पास अभी 328 परमाणु हथियार कम हैं।

एक साल में चीन ने बनाए 90 परमाणु हथियार

विस्तारवादी चीन के परमाणु हथिारों में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। ताइवान और भारत के साथ तनाव के बीच चीन ने पिछले एक साल में 90 परमाणु हथियारों का निर्माण किया है। खास बात यह है कि चीन ने कई हथियारों को हाई ऑपरेशनल अलर्ट मोड पर रखा है। ऐसा चीन ने पहली बार किया है। सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 2023 में चीन के पास 410 परमाणु हथियार थे। मगर 2024 में यह आंकड़ा 500 तक पहुंच गया है।

क्या घटी रही रूस की परमाणु ताकत?

2023 के मुकाबले में रूस के परमाण हथियारों में गिरावट देखने को मिली है। 2023 में रूस के सैन्य भंडार में कुल 4489 परमाणु हथियार थे। वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 4380 हो गया है। अमेरिका ने 1770 और रूस ने 1710 परमाणु हथियारों को तैनात कर रखा है।

ये देश हैं परमाणु शक्ति संपन्न

अमेरिका रूस चीन भारत पाकिस्तान ब्रिटेन फ्रांस उत्तर कोरिया इजरायल

भारत का चीन पर फोकस, बना रहा लंबी दूरी के हथियार

भारत का फोकस लंबी दूरी के परमाणु हथियारों पर है। इनमें पूरे चीन को अपने जद में लेने वाले हथियारों भी शामिल हैं। इसके अलावा भारत बैलिस्टिक मिसाइलों पर कई हथियार तैनात करने की क्षमता पर काम कर रहा है। इस तकनीक को हासिल करने में पाकिस्तान और उत्तर कोरिया भी जुटे हैं। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस के पास यह क्षमता पहले से ही मौजूद है।

अलर्ट मोड पर 2,100 परमाणु हथियार

2024 में दुनिया भर में परमाणु हथियारों की अनुमानित संख्या 12,121 है। इनमें से लगभग 9,585 हथियारों को सैन्य भंडार में रखा गया है। वहीं 3,904 परमाणु हथियारों को मिसाइलों और विमानों में तैनात किया गया है। 2,100 परमाणु हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च परिचालन अलर्ट मोड पर रखा गया है। इनमें से लगभग सभी हथियार रूस और अमेरिका के हैं। मगर पहली बार चीन ने भी अपने कुछ परमाणु हथियारों को उच्च परिचालन अलर्ट मोड पर रखा है।

युद्ध शुरू होते ही परमाणु हमला कर सकता है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया ने एक साल में 20 परमाणु हथियारों का इजाफा किया है। अब उसके कुल परमाणु हथियारों की संख्या 50 हो गई है। उत्तर कोरिया के पास 90 परमाणु हथियार बनाने की क्षमता है। सिपरी के सामूहिक विनाश हथियार कार्यक्रम के एसोसिएट शोधकर्ता मैट कोर्डा ने कहा कि इस बात की चिंता बढ़ रही है कि उत्तर कोरिया संघर्ष की शुरुआत में ही परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने का इरादा बना सकता है।

                        किस देश के पास कितने परमाणु हथियार

देश परमाणु हथियार
रूस 4380
अमेरिका 3708
चीन 500
फ्रांस 290
ब्रिटेन 225
भारत 172
पाकिस्तान 170
इजरायल 90
उत्तर कोरिया 50

आईसीबीएम बनाने में जुटा है चीन

सिपरी के मुताबिक चीन अपने परमाणु जखीरे में लगातार इजाफा करता रहेगा। चीन इस दशक के अंत तक रूस और अमेरिका के बराबर अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) बना सकता है। बता दें कि रूस और अमेरिका के पास दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार हैं। इन दोनों देशों के पास 1200 से अधिक ऐसे वारहेड हैं, जो सैन्य सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दोनों ही देश इन्हें धीरे-धीरे नष्ट करने में जुटे हैं।

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