Indian International Trains: ये 4 भारतीय ट्रेनें आपको ले जाती हैं दूसरे देश, सिर्फ कुछ घंटों में ही बॉर्डर पार

हम में से अधिकांश लोगों ने आजतक भारतीय ट्रेन से राज्यों तक का ही सफर किया होगालेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कुछ भारतीय ट्रेनों से हम विदेश भी जा सकते हैं। अगर आपको नहीं पता कि कैसे? तो चलिए आज फिर उन ट्रेनों की लिस्ट जान लीजिए।

By Babli KumariEdited By: Publish:Thu, 01 Jun 2023 02:55 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jun 2023 02:55 PM (IST)
Indian International Trains: ये 4 भारतीय ट्रेनें आपको ले जाती हैं दूसरे देश, सिर्फ कुछ घंटों में ही बॉर्डर पार
ये 5 भारतीय ट्रेनें आपको ले जाती हैं दूसरे देश (जागरण ग्राफिक्स)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। ट्रेन यात्रा मजेदार, सुंदर और देश की खूबसूरती देखने का एक शानदार तरीका है। भारत में ट्रेन यात्रा लगभग हर भारतीय के जीवन का एक अभिन्न अंग है। भारत में बड़ी संख्या में लोग रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं। इसलिए रेलवे को भारत की लाइफलाइन (Lifeline) कहा जाता है।

मुंबई की लोकल ट्रेनों से लेकर शिमला की टॉय ट्रेन तक, भारत की हर ट्रेन यात्रा अपने आप में एक यादगार अनुभव है। हालांकि जब अंतरराष्ट्रीय ट्रेन यात्रा करने की बात आती है, तो एकमात्र जगह जो दिमाग में आती है वह यूरोप है। यूरेल (यूरोप की अंतरराष्ट्रीय ट्रेन प्रणाली) न केवल यूरोप की सुंदरता का आनंद लेने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है, बल्कि यूरो ट्रिप का एक अभिन्न अंग भी है।

क्या होगा अगर हमने आपसे कहा कि आप भारत से ऐसी ट्रेनों में सवार हो सकते हैं? क्या होगा अगर मैं आपसे कहूं कि ऐसी ट्रेन यात्रा का अनुभव करने के लिए आपको यूरोप जाने की जरूरत नहीं है? आप भारत से ही पड़ोसी देशों की यात्रा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ट्रेन के बारे में जो भारत से आपको विदेश के सैर कराएगी।

भारत - पाकिस्तान (India-Pakistan) 

भारत से पाकिस्तान जाने वाली दो ट्रेनें समझौता एक्सप्रेस और थार लिंक एक्सप्रेस हैं। भारत से पाकिस्तान जाने के लिए समझौता एक्सप्रेस सबसे लोकप्रिय रेल मार्ग है। यह अमृतसर के अटारी जंक्शन से शुरू होती है और पाकिस्तान में लाहौर जंक्शन तक जाती है। यह लिंक एक्सप्रेस भारत में जोधपुर में भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से शुरू होती है-और पाकिस्तान में कराची में कराची छावनी पर समाप्त होती है।

समझौता एक्सप्रेस (Samjhauta Express) 

ट्रेन संख्या 14607 है और इसके लिए टिकट केवल अमृतसर में अटारी जंक्शन पर ऑफ़लाइन बुक किया जा सकता है। टिकट बुक करने के से आपको पहले वीज़ा के लिए पाकिस्तान आवेदन करना होगा और स्वीकृत वीज़ा होना चाहिए। आप वैध पाकिस्तानी वीज़ा के बिना ट्रेन टिकट नहीं खरीद सकते। ट्रेन भारत से सुबह 11.30 बजे चलती है और 4 घंटे 10 मिनट में 27 किमी की दूरी तय करने के बाद दोपहर 3.40 बजे लाहौर पहुंचती है। इस ट्रेन का एक ही स्टॉप है, पाकिस्तान के पंजाब में वाघा पर। यह सप्ताह में दो बार सोमवार और गुरुवार को चलती है। यह भारत की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय ट्रेनों में से एक है।

थार लिंक एक्सप्रेस (Thar Link Express) 

ट्रेन संख्या 14890 है और इसके लिए टिकट भी वैध पाकिस्तान का वीज़ा प्राप्त करने के बाद ही ऑफ़लाइन बुक किया जा सकता है। ट्रेन जोधपुर में भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से भारत से अपनी यात्रा शुरू करती है, बालोतरा-बाड़मेर-मानाबाओ से पश्चिम की ओर यात्रा करते हुए यह पाकिस्तान की सीमा पार करती है और हैदराबाद-खोखरापार शाखा लाइन, कराची-पेशावर रेलवे से गुजरती है।

यात्रा में लगभग 12 घंटे 15 मिनट लगते हैं, 381 किलोमीटर की प्रकाशित दूरी को कवर करने के लिए, हर शनिवार यह ट्रेन 1 बजे भगत की कोठी से प्रस्थान करती है और 7 बजे मुनाबाव पहुंचती है। पाकिस्तान में सीमा पार करते हुए यह दोपहर 2.30 बजे (पाकिस्तान का स्थानीय समय) जीरो प्वाइंट पर आती है और रविवार को दोपहर 2.15 बजे (पाकिस्तान का स्थानीय समय) कराची छावनी पहुंचती है।

भारत - बांग्लादेश (India-Bangladesh)

भारत और बांग्लादेश के बीच भी दो ट्रेनें चलती हैं, मैत्री एक्सप्रेस और बंधन एक्सप्रेस। मैत्री एक्सप्रेस 2008 में शुरू हुई थी और अब एक दशक से सफलतापूर्वक चल रही है। यह कोलकाता और ढाका के बीच चलती है। बंधन एक्सप्रेस को नवंबर 2017 में हरी झंडी दिखाई गई थी, और तबसे सफलतापूर्वक चल रही है। यह कोलकाता और खुलना के बीच चलती है।

मैत्री एक्सप्रेस (Maitri Express) 

मैत्री एक्सप्रेस कोलकाता और ढाका के बीच चलती है। यह ट्रेन प्रत्येक पक्ष से सप्ताह में छह दिन चलती है। कोलकाता से ढाका पहुंचने के लिए ट्रेन लगभग 375 किमी की यात्रा करती है। इस ट्रेन के दो आव्रजन जांच हैं, एक गेदे (भारतीय पक्ष) और दूसरा दोरशोना (बांग्लादेश पक्ष) है। ट्रेन कोलकाता से सुबह 7.10 बजे चलती है और शाम 4.05 बजे ढाका पहुंचती है। इसके लिए टिकट कोलकाता रेलवे स्टेशन पर ऑफ़लाइन खरीदे जा सकते हैं और वैध बांग्लादेश वीजा प्राप्त करने के बाद ही टिकट मिलती है। यह भारत से सबसे कम ज्ञात अंतरराष्ट्रीय ट्रेनों में से एक है।

बंधन एक्सप्रेस  (Bandhan Express)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2017 में शुरू की गई, बंधन एक्सप्रेस भारत में कोलकाता से और बांग्लादेश में खुलना (Khulna) के बीच हर हफ्ते चलती है। यह पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन है, जिसमें लाल-ग्रे और आसमानी रंग के कोच हैं। हालांकि, ट्रेन में चढ़ने के लिए वैध वीजा जरूरी है। ट्रेन में और अधिक यात्रियों चढाने के लिए ये ट्रेन जेसोर में 3 मिनट के लिए रूकती है।

भारत को विभिन्न देशों से जोड़ने वाले प्रोजेक्ट्स

भारत पड़ोसी देशों के साथ अपने रेलवे नेटवर्क का विस्तार कर रहा है जिसके लिए निम्नलिखित प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया जा रहा है।

भारत-नेपाल (India-Nepal)

भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल को कुर्था-बिजलपुरा रेलखंड सौंपने वाले हैं। बता दें कि बिहार में मधुबनी के जयनगर से नेपाल के बर्दीबास तक रेलखंड का निर्माण हो रहा है। निर्माण के दूसरे चरण में इस रेलखंड पर कुर्था से बिजलपुरा तक ट्रेन चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कुर्था से बिजलपुरा तक पिपराढ़ी व सिगयाही स्टेशन और लोहापट्टी हॉल्ट का निर्माण कराया गया है। निर्माण कंपनी इरकॉन की ओर से यह रेलखंड 1 जून (गुरुवार) को नेपाल रेलवे को सौंप दिया जाएगा। जयनगर से बर्दीबास तक आठ सौ करोड़ की लागत से 65.5 किमी लंबे रेलखंड पर काम हो रहा है। कंपनी की ओर से साल 2014 में मेगा ब्लॉक कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। साल 2001 में नेपाल में आई बाढ़ से जनकपुर और बिजलपुरा के बीच रेल पुल ध्वस्त हो गया था। इसके बाद जनकपुर तक ही ट्रेन चलती रही। भारत सरकार ने भारत-नेपाल मैत्री रेल परियोजना के तहत साल 2010 में इसे बड़ी लाइन में बदलने की योजना बनाई। वहीं, जयनगर बर्दीबांस रेलखंड के कुर्था से बिजलपुरा तक 17.5 किलोमीटर में बनाए गए रेलखंड भी नेपाल रेलवे को सौंपा जाएगा।

भारत-भूटान रेल लिंक परियोजना

भविष्य में ट्रेनों के माध्यम से भारत और भूटान के बीच यात्रा संभव हो पाएगी. रेलवे बोर्ड द्वारा पड़ोसी देशों, भारत और भूटान के बीच सीमा पार रेल लिंक प्रदान करने के लिए मुजनाई-न्योएनपालिंग (Mujnai-Nyoenpaling ) लाइन की स्थापना के लिए एक सर्वेक्षण शुरू किया गया था जो कि अब पूरा हो चुका है। यह भारतीय रेलवे की भूटान के बीच एक रेल प्रणाली बनाने की योजना है जो भारत से जुड़ी होगी।

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